
नीम करोली बाबा: कैंची धाम की यात्रा से पहले जान लें ये 4 जरूरी बातें, तभी पूरी होगी आपकी मनोकामना।
उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित कैंची धाम आज देश-विदेश के श्रद्धालुओं के लिए एक आध्यात्मिक केंद्र बन चुका है। बाबा नीम करोली, जिन्हें हनुमान जी का परम भक्त और दिव्य संत माना जाता है, उनका यह आश्रम लाखों भक्तों की आस्था का प्रतीक है।
ऐसा माना जाता है कि जो भी भक्त सच्चे मन और विश्वास के साथ बाबा के दर्शन करता है, उसकी हर मनोकामना पूरी होती है। लेकिन इस यात्रा के दौरान कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना बेहद आवश्यक है। इन बातों की अनदेखी से आपकी आस्था और यात्रा दोनों प्रभावित हो सकती हैं।
आइए जानते हैं कैंची धाम की यात्रा पर जाते समय किन 4 बातों का ध्यान रखना चाहिए:
1. पवित्रता और श्रद्धा बनाए रखें
कैंची धाम केवल एक पर्यटन स्थल नहीं है, यह एक आध्यात्मिक साधना भूमि है। यहाँ जाने से पहले मन, वाणी और व्यवहार की शुद्धता बनाए रखें। शांतिपूर्ण व्यवहार, भक्ति और विनम्रता से ही यहां की आध्यात्मिक ऊर्जा को महसूस किया जा सकता है।
2. मोबाइल और कैमरे का सीमित उपयोग करें
आश्रम परिसर में फोटोग्राफी और वीडियो रिकॉर्डिंग की अनुमति नहीं है। यह स्थान ध्यान और साधना के लिए है। मोबाइल का प्रयोग केवल आवश्यकता होने पर करें और सोशल मीडिया पर दिखावे की भावना से बचें।
3. प्रसाद और भोजन का करें सम्मान
बाबा नीम करोली के आश्रम में जो भी प्रसाद मिलता है, उसे पूर्ण श्रद्धा और आदर के साथ ग्रहण करें। उसे फेंकना या अनादर करना अशुभ माना जाता है। यह केवल भोजन नहीं, बल्कि बाबा का आशीर्वाद माना जाता है।
4. शांति और अनुशासन बनाए रखें
आश्रम का वातावरण शांति और भक्ति से भरा होता है। ऊँची आवाज में बात करना, अनुशासनहीनता या किसी प्रकार का हंगामा करना न केवल गलत है बल्कि आपकी आस्था के प्रति भी अपमान माना जा सकता है।
अतिरिक्त सुझाव:
नीम करोली बाबा सादगी और सेवा में विश्वास रखते थे। इसलिए दिखावे की बजाय सच्चे मन और निस्वार्थ भावना से वहां जाएं। यही उनकी सच्ची भक्ति है।
नोट: कैंची धाम हर साल 15 जून को विशेष भक्ति-समारोह (प्राण प्रतिष्ठा दिवस) के लिए प्रसिद्ध है। इस दिन लाखों भक्त वहाँ पहुंचते हैं। यदि आप इस दिन यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो पहले से योजना बनाकर और नियमों का पालन करते हुए जाएं।