
New Delhi: संसद सत्र से पहले INDIA गठबंधन में दरार, आम आदमी पार्टी ने छोड़ा साथ।
लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनज़र बनाए गए विपक्षी INDIA गठबंधन को एक बड़ा राजनीतिक झटका लगा है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने इस गठबंधन से पूरी तरह किनारा कर लिया है। संसद के आगामी मॉनसून सत्र से ठीक पहले AAP का यह फैसला न केवल राजनीतिक हलकों में हलचल मचा रहा है, बल्कि इससे विपक्ष की एकता और ताकत पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।
आप ने तोड़ा INDIA गठबंधन से रिश्ता
आम आदमी पार्टी ने साफ शब्दों में कहा है कि अब वह INDIA गठबंधन का हिस्सा नहीं है। पार्टी ने अपने सभी राजनीतिक और संसदीय तालमेल इस गठबंधन से खत्म करने की घोषणा कर दी है। इससे स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि विपक्ष के बड़े चेहरे भी अब एकमत नहीं हैं और अंदरूनी मतभेद गहराते जा रहे हैं।
क्या हैं संभावित कारण?
AAP और कांग्रेस के बीच कई मुद्दों पर मतभेद पहले से ही देखने को मिल रहे थे, खासकर दिल्ली में केंद्र और राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र को लेकर। इसके अलावा सीट बंटवारे, नेतृत्व की स्पष्टता की कमी और आपराधिक मामलों को लेकर एक-दूसरे पर की गई टिप्पणियों ने दोनों दलों के बीच खाई और चौड़ी कर दी।
हाल ही में कांग्रेस ने दिल्ली और पंजाब में AAP के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया था, जिससे पार्टी के नेता नाराज थे। अब AAP का यह फैसला उसी असहमति की परिणति माना जा रहा है।
विपक्ष की रणनीति को लगेगा धक्का
AAP के हटने से संसद के भीतर और बाहर विपक्ष की रणनीति को झटका लग सकता है। पहले ही गठबंधन में सामंजस्य की कमी सामने आ चुकी है, और अब एक बड़ी पार्टी के अलग होने से भाजपा के सामने विपक्ष कमजोर दिखाई दे सकता है। संसद के मॉनसून सत्र में AAP की अनुपस्थिति विपक्ष के सवालों को भी कमजोर कर सकती है।
विपक्षी एकता पर सवाल
INDIA गठबंधन को देशभर में भाजपा के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा बताकर प्रचारित किया जा रहा था, लेकिन अब उसमें शामिल दलों के आपसी टकराव और रणनीतिक मतभेद उजागर होने लगे हैं। AAP के फैसले के बाद यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या यह गठबंधन लंबे समय तक टिक पाएगा?
संसद सत्र से पहले आम आदमी पार्टी का INDIA गठबंधन से अलग होना विपक्ष की एकता के लिए बड़ा झटका है। यह फैसला न केवल मौजूदा सत्र में विपक्ष की ताकत को कम कर सकता है, बल्कि 2024 के चुनावों के लिए उसकी रणनीति को भी प्रभावित कर सकता है।
Disclaimer: यह रिपोर्ट राजनीतिक घटनाओं और दलों के आधिकारिक बयानों पर आधारित है। इसमें व्यक्त विचार खबर की वस्तुनिष्ठ प्रस्तुति के उद्देश्य से दिए गए हैं