देवघर। देवभूमि कहे जाने वाले पवित्र शहर देवघर में इन दिनों आध्यात्मिक आलोक का उत्सव चरम पर है। सर्राफ स्कूल परिसर में आयोजित अतिरुद्र महायज्ञ एवं श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में हर दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुँच रहे हैं। गुरुवार को इस दिव्य आयोजन की शोभा तब और बढ़ गई, जब गोड्डा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे। उनके आगमन के साथ पूरा वातावरण उत्साह, श्रद्धा और आध्यात्मिक ऊर्जा से भर उठा।

सांसद डॉ. निशिकांत दुबे ने यज्ञ स्थल पर पहुँचते ही विधिवत परिक्रमा की और पूरे परिसर में व्याप्त आध्यात्मिक आभा को नमन किया। उन्होंने कहा कि देवघर स्वयं में धर्म, अध्यात्म और आस्था की ऐसी पावन भूमि है, जहाँ आकर हर व्यक्ति एक अद्भुत शांति का अनुभव करता है। उन्होंने इस आयोजन को न केवल स्थानीय लोगों के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए अत्यंत शुभ बताया।
सांसद ने कहा कि अतिरुद्र महायज्ञ एक दुर्लभ और अत्यंत शक्तिशाली वैदिक अनुष्ठान है, जो विश्व कल्याण, शांति और सकारात्मक ऊर्जा के लिए किया जाता है। उनके अनुसार इस आयोजन से देवघर एक बार फिर अपने आध्यात्मिक वैभव को स्थापित कर रहा है और आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्ग प्रशस्त कर रहा है।
उन्होंने कहा,
“देवघर सिर्फ मंदिरों का शहर नहीं है, यह वह भूमि है जहाँ अध्यात्म सांस लेता है, जहाँ आस्था और संस्कृति एक साथ प्रवाहित होती है। अतिरुद्र महायज्ञ जैसे आयोजनों से समाज में अद्भुत सकारात्मक ऊर्जा का संचरण होता है और लोग आध्यात्मिक रूप से और भी मजबूत बनते हैं।”
महामंडलेश्वर से लिया आशीर्वाद
कार्यक्रम के दौरान डॉ. दुबे ने स्वामी महामंडलेश्वर हरिहरानंद सरस्वती जी महाराज से भेंट की। उन्होंने उनके चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लिया। सांसद ने कहा कि स्वामी जी के सान्निध्य में बैठना किसी सौभाग्य से कम नहीं है। उनका मार्गदर्शन समाज को सही दिशा देने वाला है।
डॉ. दुबे ने इस भव्य आयोजन को संभव बनाने के लिए स्वामी हरिहरानंद सरस्वती जी और पूरी आयोजन समिति के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि उनके प्रयासों से देवघर एक बार फिर आध्यात्मिक महागाथा का केंद्र बना है, जहाँ देश और विदेश से आ रहे श्रद्धालु दिव्य ऊर्जा का अनुभव कर रहे हैं।
श्रीमद् भागवत कथा स्थल पर पहुंचे
परिक्रमा और आशीर्वाद ग्रहण करने के बाद सांसद श्री रमाकांत मिश्रा जी के प्रवचन स्थल पर पहुंचे। वहाँ उन्होंने कथा श्रवण किया और कई श्रद्धालुओं से मुलाकात भी की। सांसद ने कथा व्यास को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनके प्रवचन समाज को नैतिकता, धर्म और मानवता का संदेश दे रहे हैं।
देवघर की आध्यात्मिक पहचान को और मजबूती
डॉ. दुबे ने कहा कि देवघर का नाम आज पूरे देश में सिर्फ एक धार्मिक स्थल के रूप में नहीं, बल्कि वैश्विक आध्यात्मिक केंद्र के रूप में स्थापित हो चुका है। यहाँ होने वाले ऐसे महायज्ञ और कथा आयोजन इस पहचान को और मजबूती देते हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले दिनों में देवघर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आध्यात्मिक पर्यटन का प्रमुख गंतव्य बनेगा।
उन्होंने कहा कि यज्ञ और कथा न केवल धार्मिक आयोजन हैं, बल्कि ये समाज को एकजुट करने वाले उत्सव भी हैं। इन आयोजनों से लोगों में शांति, सद्भाव और सकारात्मकता बढ़ती है।
श्रद्धालुओं का लगा तांता
अतिरुद्र महायज्ञ के दौरान परिसर में हजारों श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। भक्ति संगीत, वैदिक मंत्रोच्चार और यज्ञाग्नि की सुगंध ने पूरे वातावरण को पवित्र बना दिया। लोग दूर-दूर से आकर दर्शन कर रहे हैं और भगवान शिव की आराधना में लीन हैं।
यज्ञ स्थल पर सुरक्षा, व्यवस्था और प्रसाद वितरण की भी विशेष व्यवस्था की गई है। आयोजन समिति ने बताया कि यज्ञ का प्रत्येक चरण विधि-विधान से संपन्न किया जा रहा है और प्रतिदिन कई विशेष अनुष्ठान भी हो रहे हैं।
सांसद ने स्थानीय जनता से की मुलाकात
यज्ञ स्थल के बाहर सांसद डॉ. दुबे ने कई स्थानीय नागरिकों, व्यापारियों और ग्रामीणों से मुलाकात की। लोगों ने अपने क्षेत्र की समस्याओं से उन्हें अवगत कराया, जिस पर सांसद ने त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि धार्मिक और सामाजिक विकास दोनों एक साथ ही आगे बढ़ने चाहिए।
देवघर में धार्मिक पर्यटन को लेकर बड़ा संदेश
डॉ. निशिकांत दुबे ने इस अवसर पर कहा कि देवघर में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास जारी हैं। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर वह कार्य कर रही हैं, जिससे आने वाले समय में देवघर देश का सबसे बड़ा आध्यात्मिक पर्यटन केंद्र बनेगा। उन्होंने कहा कि महायज्ञ जैसे आयोजन इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
आयोजन समिति ने जताया आभार
आयोजन समिति ने सांसद के आगमन पर उनका स्वागत किया और धन्यवाद ज्ञापित किया। समिति ने कहा कि उनके आने से भक्तों का मनोबल बढ़ा है और आयोजन को नई प्रेरणा मिली है।
