बिहार की राजनीति एक बार फिर ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनने जा रही है। जनता दल यूनाइटेड (JDU) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्य के दिग्गज नेता नीतीश कुमार आज 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं। पटना के गांधी मैदान में सुबह 11:30 बजे शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया है, जहां राज्यपाल, केंद्रीय नेता, NDA के शीर्ष पदाधिकारी और हजारों की संख्या में लोग उपस्थित रहेंगे।
उनके साथ नए मंत्रिमंडल के कई अहम चेहरों को भी शपथ दिलाई जाएगी।

बिहार की राजनीति में एक नया अध्याय
नीतीश कुमार ने पिछले दो दशकों में बिहार की राजनीति को कई आयाम दिए हैं। वह पहली बार 2000 में मुख्यमंत्री बने थे, हालांकि बहुमत न होने के कारण उन्हें कुछ ही समय में इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद 2005, 2010, 2015, 2017, 2020 और 2022 सहित कई बार वह सत्ता के केंद्र में रहे। 2025 में उनकी यह वापसी 10वीं बार शपथ ग्रहण के ऐतिहासिक मुकाम के रूप में दर्ज हो रही है। बिहार में हाल ही में NDA की सरकार के गठन के बाद यह तय हुआ कि नीतीश कुमार ही एक बार फिर मुख्यमंत्री होंगे। बीजेपी और जेडीयू के बीच तालमेल और NDA गठबंधन में स्थिरता के संकेत इसी के साथ और मजबूत हो गए हैं।
गांधी मैदान में रहेगा भव्य आयोजन
शपथ ग्रहण समारोह इस बार गांधी मैदान में रखा गया है, जहां बड़े स्तर पर तैयारियां की गई हैं। सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद है और वीवीआईपी मूवमेंट को ध्यान में रखते हुए पूरे क्षेत्र को तीन सुरक्षा घेरों में बांटा गया है।
मुख्यमंत्री बनने वाले नीतीश कुमार का काफिला सुबह 11 बजे समारोह स्थल पर पहुंचेगा।
कई राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्रीय नेतृत्व भी होंगे मौजूद
समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रतिनिधि के तौर पर केंद्रीय गृह मंत्री या अन्य वरिष्ठ नेता के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है। इसके अलावा NDA शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, सांसद, विधायक और विभिन्न दलों के वरिष्ठ नेता भी उपस्थित रहेंगे।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार नीतीश कुमार की यह शपथ सिर्फ सत्ता परिवर्तन नहीं बल्कि बिहार की राजनीतिक स्थिरता के एक नए चरण का संकेत है।
महागठबंधन पर भी नजरें टिकीं
NDA की इस ऐतिहासिक जीत और बड़ी राजनीतिक वापसी के बाद विपक्षी महागठबंधन की नज़रें भी इस शपथ ग्रहण समारोह पर टिकी हुई हैं।
महागठबंधन के नेताओं का कहना है कि वे विधानसभा में मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाएंगे।
नीतीश कुमार के इस शपथ समारोह के तुरंत बाद राजनीतिक समीकरणों को लेकर बिहार के भीतर बदलाव की नई चर्चाएँ भी तेज हो सकती हैं।
नीतीश कुमार के सामने होगी कई बड़ी चुनौतियाँ
इस नए कार्यकाल में नीतीश कुमार के सामने कई महत्वपूर्ण चुनौतियाँ होंगी—
बेरोज़गारी कम करने की दिशा में ठोस कदम
आर्थिक विकास को तेज गति देना
कानून-व्यवस्था में सुधार
शिक्षा व स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत बनाना
बाढ़ और सूखे जैसी प्राकृतिक चुनौतियों से निपटना
विशेषज्ञों का मानना है कि NDA सरकार को अगले पांच वर्षों में विकास की नई रूपरेखा लागू करनी होगी।
लोगों में उत्साह और उम्मीदें
नीतीश कुमार की 10वीं बार सत्ता में वापसी को लेकर आम जनता के बीच भी उम्मीदें बनी हुई हैं।
लोग मानते हैं कि राज्य में रोड, बिजली, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में बड़े सुधार देखने को मिल सकते हैं।
गांधी मैदान के आसपास बड़ी संख्या में समर्थक पोस्टर-बैनर लगाते दिखे, जो इस क्षण को ऐतिहासिक बता रहे हैं।
नीतीश का राजनीतिक अनुभव फिर आएगा काम
लगभग 25 वर्ष से अधिक समय के राजनीतिक अनुभव के साथ नीतीश कुमार एक ऐसे नेता माने जाते हैं जो सत्ता में रहते हुए भी गठबंधन राजनीति को कुशलता से संभालते हैं।
उनकी प्रशासनिक पकड़ और विकास योजनाओं पर विशेष ध्यान हमेशा चर्चा में रहता है।
नए मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं ये चेहरे
सूत्रों के अनुसार नए मंत्रिमंडल में करीब 20–22 मंत्रियों को जगह दी जा सकती है। बीजेपी और जेडीयू दोनों के वरिष्ठ नेताओं को प्रमुख विभागों की जिम्मेदारी मिलेगी।
महत्वपूर्ण विभाग जैसे गृह, वित्त, सड़क निर्माण, ग्रामीण विकास और शिक्षा पर खास नजर रहेगी।
10वीं बार शपथ लेना: एक दुर्लभ राजनीतिक उपलब्धि
भारत की राजनीति में बहुत कम नेता ऐसे हैं जिन्होंने इतनी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली हो।
नीतीश कुमार का यह कदम उनके दीर्घकालिक प्रभाव, राजनीतिक समझ और जनाधार की मजबूती को दर्शाता है।
राजनीतिक विश्लेषक इसे एक “स्टेबल और अनुभवी नेतृत्व” का संकेत मान रहे हैं।
समारोह के बाद होगी पहली कैबिनेट बैठक
शपथ ग्रहण के तुरंत बाद दोपहर में सचिवालय में पहली कैबिनेट बैठक होगी जिसमें कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिए जा सकते हैं।
संभव है कि सरकार शुरुआती दिनों में ही कई नई योजनाओं व घोषणाओं की शुरुआत करे।
