
शतक नहीं, इतिहास रच दिया: शुबमन के दोहरे शतक पर गदगद हुए 90 साल के दादा।
गांव में मना जश्न
जैमलवाला से बर्मिंघम तक गूंजा ‘शुभमन जिंदाबाद’।
बर्मिंघम के एजबेस्टन मैदान पर जब शुबमन गिल ने इंग्लैंड के खिलाफ दोहरा शतक ठोका, तो सिर्फ स्टेडियम में ही नहीं, बल्कि पंजाब के फिरोजपुर जिले के छोटे से गांव जैमलवाला में भी जश्न का माहौल बन गया। 269 रनों की इस ऐतिहासिक पारी ने शुभमन को क्रिकेट के इतिहास में एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है।
90 वर्षीय दादा की आंखों में चमक
शुभमन के 90 वर्षीय दादा दीदार सिंह इस गौरवपूर्ण पल पर खुद को रोक नहीं पाए। पोते की उपलब्धि पर गर्व जताते हुए उन्होंने कहा—
> “उसकी यह पारी देखकर मेरी उम्र जैसे 20 साल कम हो गई। आज गांव का हर बच्चा शुभमन बनना चाहता है।”
दादा दीदार सिंह खुद कभी कुश्ती और कबड्डी में रुचि रखते थे। आज भी वो रोज सुबह अखाड़े में जाकर नौजवानों को मेहनत का महत्व बताते हैं। उन्होंने शुभमन की सफलता को मेहनत, अनुशासन और पारिवारिक संस्कारों का नतीजा बताया।
गांव में लड्डू बंटे, ढोल-नगाड़ों पर झूमे लोग
शुभमन के दोहरे शतक की खबर फैलते ही गांव में लड्डू बांटे गए। गांव के गुरुद्वारे में अरदास हुई और ढोल-नगाड़ों पर युवाओं ने भंगड़ा डाला।
गांव की सरपंच गुरप्रीत कौर ने कहा, “शुभमन ने जैमलवाला का नाम दुनिया में रोशन कर दिया है। अब हमारा सपना है कि वह भारत को वर्ल्ड कप जिताए।”
कोच और परिवार का भी भावुक रिएक्शन
शुभमन के पिता और कोच लखविंदर सिंह ने कहा, “बचपन से ही शुभमन घंटों अभ्यास करता था। आज उसकी मेहनत रंग लाई है। उसने बल्ले से जवाब देकर साबित किया कि वह टीम इंडिया की रीढ़ बन सकता है।”
क्रिकेट एक्सपर्ट्स भी हुए फैन
पूर्व भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह और वीवीएस लक्ष्मण ने सोशल मीडिया पर शुभमन को बधाई दी और कहा कि यह पारी आने वाले वर्षों में भारतीय क्रिकेट के लिए मील का पत्थर साबित होगी।
शुभमन गिल का यह दोहरा शतक सिर्फ एक व्यक्तिगत रिकॉर्ड नहीं, बल्कि एक प्रेरणा है—खासकर उन युवाओं के लिए जो छोटे कस्बों और गांवों से निकलकर बड़े सपने देखते हैं। जैमलवाला का यह सितारा आज करोड़ों भारतीयों के दिलों में चमक रहा है।