ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान को भारी नुकसान, विदेशी सैन्य विशेषज्ञ भी दंग।

ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान को भारी नुकसान, विदेशी सैन्य विशेषज्ञ भी दंग।

नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने जिस तेजी और सटीकता के साथ ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया, उसने न सिर्फ पाकिस्तान को हिला दिया बल्कि अंतरराष्ट्रीय सैन्य विशेषज्ञों को भी हैरान कर दिया है। भारतीय वायुसेना की इस जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के कई आतंकी ठिकाने तबाह कर दिए गए। भारतीय एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने पहले ही बताया था कि इस ऑपरेशन के दौरान वायुसेना ने पाकिस्तान के पांच लड़ाकू विमानों को मार गिराया था, लेकिन अब विदेशी रक्षा विश्लेषक टॉम कूपर का दावा है कि वास्तविक संख्या इससे भी अधिक है।

पहलगाम हमले के बाद बड़ा एक्शन

कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत की खुफिया और सैन्य एजेंसियों ने तुरंत पाकिस्तान में मौजूद आतंकी नेटवर्क पर नजरें गड़ा दीं। खुफिया इनपुट्स के आधार पर भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। यह ऑपरेशन बेहद गुप्त तरीके से, जमीन और हवा दोनों मोर्चों पर चलाया गया। सेना के जमीनी दस्ते ने एलओसी के पास से पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर दबाव बनाए रखा, जबकि वायुसेना ने सटीक हवाई हमलों से दुश्मन की कमर तोड़ दी।

एयर चीफ मार्शल का खुलासा

ऑपरेशन के बाद एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी थी कि इस कार्रवाई में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के पांच लड़ाकू विमान मार गिराए। इसके अलावा, कई आतंकी लॉन्च पैड और गोला-बारूद के डिपो को भी तबाह किया गया। सिंह के मुताबिक, यह कार्रवाई पूरी तरह वैध थी और भारत ने अपनी सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए।

विदेशी विशेषज्ञ का बड़ा दावा

ऑस्ट्रिया के जाने-माने सैन्य इतिहासकार और रक्षा विशेषज्ञ टॉम कूपर ने इस ऑपरेशन का विस्तृत अध्ययन किया है। उन्होंने कहा, “एयर चीफ मार्शल का बयान सही है, लेकिन मेरी जानकारी के मुताबिक भारत ने पांच नहीं, बल्कि सात से आठ पाकिस्तानी विमान गिराए थे।” कूपर के अनुसार, इनमें से कुछ विमान पाकिस्तान के एफ-16 थे, जिनका इस्तेमाल उसने अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद भारत के खिलाफ किया।

पाकिस्तान में खलबली

इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान के राजनीतिक और सैन्य हलकों में खलबली मच गई। वहां के रक्षा मंत्रालय ने शुरू में किसी भी विमान के गिराए जाने से इनकार किया, लेकिन बाद में लीक हुए सैटेलाइट इमेज और सोशल मीडिया पोस्ट्स ने सच उजागर कर दिया। पाकिस्तानी मीडिया में भी इस बात पर बहस छिड़ गई कि आखिर भारत के हमले के दौरान उनकी वायुसेना इतनी आसानी से कैसे पीछे हट गई।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

ऑपरेशन सिंदूर ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी भारत की छवि को मजबूत किया है। अमेरिका, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों के रक्षा विशेषज्ञों ने भारत की इस कार्रवाई को ‘तेज, सटीक और साहसी’ करार दिया। वहीं, रूस ने इसे भारत की रक्षात्मक जरूरतों के तहत की गई उचित प्रतिक्रिया बताया।

आतंकी ढांचे को करारा झटका

खुफिया सूत्रों के मुताबिक, इस ऑपरेशन में जिन आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया, उनमें जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के कई प्रमुख ठिकाने शामिल थे। इन हमलों में दर्जनों आतंकी मारे गए, जिनमें कई प्रशिक्षक और हाई-प्रोफाइल कमांडर भी थे। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में बने कई लॉन्च पैड पूरी तरह खत्म कर दिए गए, जिससे घुसपैठ की घटनाओं में अचानक कमी आई है।

ऑपरेशन की रणनीति

इस मिशन को अंजाम देने के लिए भारतीय वायुसेना ने अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों, सटीक निशाने वाले लेजर-गाइडेड बम और लंबी दूरी के क्रूज़ मिसाइल का इस्तेमाल किया। साथ ही, रियल-टाइम सैटेलाइट डेटा और ड्रोन निगरानी से दुश्मन की हर गतिविधि पर नजर रखी गई। विशेष बात यह रही कि पूरा ऑपरेशन बेहद कम समय में पूरा कर लिया गया, ताकि पाकिस्तान को पलटवार का मौका ही न मिले।

राजनीतिक संदेश

भारत ने इस कार्रवाई के जरिए साफ कर दिया कि अब आतंकवाद को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, ऑपरेशन सिंदूर का संदेश सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि उन सभी देशों को है जो परोक्ष रूप से आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देते हैं।

आगे की तैयारी

सूत्र बताते हैं कि भारतीय सेना और वायुसेना ने सीमा पर निगरानी और मजबूत कर दी है। ड्रोन, सैटेलाइट और रडार सिस्टम लगातार सक्रिय हैं। खुफिया एजेंसियां भी पाकिस्तान की ओर से किसी भी संभावित प्रतिक्रिया पर नजर रखे हुए हैं।

ऑपरेशन सिंदूर न केवल भारत की सैन्य क्षमता का प्रमाण है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह भी दिखाता है कि भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। पाकिस्तानी विमानों के गिराए जाने पर विदेशी विशेषज्ञों का बयान इस ऑपरेशन की सफलता का अतिरिक्त सबूत है। यह कार्रवाई आने वाले समय में सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति की दिशा तय कर सकती है।

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