
Ormanjhi Zoo: ओरमांझी चिड़ियाघर को मिले शेर और मगरमच्छ के नए जोड़े: ‘अभय’ और ‘शबरी’ की दहाड़ से बढ़ी रौनक, दर्शकों में उत्साह।
रांची। संवाददाता: रोहित लाल महतो
राजधानी रांची के ओरमांझी स्थित भगवान बिरसा जैविक उद्यान (Ormanjhi Zoo) में इन दिनों काफी हलचल और उत्साह का माहौल है। इसका कारण है—छत्तीसगढ़ के नंदनवन चिड़ियाघर से लाए गए दो जोड़े खास मेहमान। इनमें एक जोड़ा शेर और एक जोड़ा मगरमच्छ शामिल हैं। इनके आने से जहां जैविक उद्यान की जैव विविधता में इजाफा हुआ है, वहीं पर्यटकों की संख्या में भी तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है।
शेर ‘अभय’ और शेरनी ‘शबरी’ बने आकर्षण का केंद्र
नए आए शेर का नाम ‘अभय’ रखा गया है जिसकी उम्र 14 वर्ष है, जबकि शेरनी ‘शबरी’ की उम्र मात्र 4 वर्ष है। दोनों को नंदनवन चिड़ियाघर से विशेष देखरेख और ट्रांसपोर्टेशन प्रक्रिया के तहत लाया गया है। इन दोनों के शामिल होने से अब ओरमांझी चिड़ियाघर में शेरों की कुल संख्या तीन हो गई है।
शेरों के इस नए जोड़े को देखने के लिए दर्शकों में खासा उत्साह है। बच्चे हों या बड़े, सभी ‘अभय’ और ‘शबरी’ की झलक पाने को उत्सुक नजर आ रहे हैं। इनकी दहाड़ और चाल-ढाल ने चिड़ियाघर की रौनक को दोगुना कर दिया है।
मगरमच्छों का जोड़ा भी बना आकर्षण का नया केंद्र
इसके अलावा, 3 से 4 वर्ष की उम्र वाले दो मगरमच्छों को भी नंदनवन से लाया गया है। उन्हें विशेष तालाबनुमा बाड़े में रखा गया है, जहां वे पानी में तैरते और धूप सेंकते नजर आते हैं। दर्शक इनके व्यवहार को देखकर रोमांचित हो रहे हैं।
जानवरों का आपसी विनिमय
इन नए मेहमानों के बदले भगवान बिरसा जैविक उद्यान द्वारा नंदनवन को एक जोड़ा घड़ियाल, एक जोड़ा हाइना (लकड़बग्घा) और एक जोड़ा शाहिल (संभवतः एक स्थानीय प्रजाति) भेजा जाएगा। इस तरह यह विनिमय दोनों चिड़ियाघरों की जैव विविधता को संतुलित बनाए रखने की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।
प्रशासन का प्रयास और दर्शकों की प्रतिक्रिया
चिड़ियाघर प्रशासन का कहना है कि ये बदलाव पर्यटकों को नई जानकारियां देने और वन्य जीवों के संरक्षण को लेकर जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से किए गए हैं। दर्शकों ने भी इस पहल की सराहना की है। सप्ताहांत और छुट्टियों के दिनों में लोगों की भीड़ चिड़ियाघर में बढ़ गई है।
‘अभय’ और ‘शबरी’ के आगमन से भगवान बिरसा जैविक उद्यान में न केवल एक नया जीवन संचार हुआ है, बल्कि यह पशु प्रेमियों और पर्यटकों के लिए एक नया आकर्षण बन गया है। वन विभाग के मुताबिक, भविष्य में और भी प्रजातियों को लाने की योजना है, जिससे यह उद्यान राज्य का प्रमुख जैविक केंद्र बन सके।