
ओवल फतेह: भारत ने इंग्लैंड को 5वें टेस्ट में दी मात, सिराज-कृष्णा बने जीत के हीरो”
लंदन के ओवल मैदान पर भारत ने एक और ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए इंग्लैंड को 5वें और आखिरी टेस्ट मुकाबले में हरा दिया। यह सिर्फ एक जीत नहीं, बल्कि टीम इंडिया के जज्बे, जुनून और रणनीतिक कौशल की जीत थी। मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा की धारदार गेंदबाज़ी ने मैच का रुख पलटा और भारत को सीरीज का समापन शानदार अंदाज़ में करने का मौका मिला।
भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का अंतिम मुकाबला रोमांच और नाटकीयता से भरपूर रहा। ओवल के ऐतिहासिक मैदान पर भारत ने इंग्लैंड को बेहद करीबी मुकाबले में शिकस्त दी। इस जीत के नायक बने मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा, जिनकी गेंदबाज़ी ने इंग्लिश बल्लेबाज़ी की कमर तोड़ दी।
इंग्लैंड की दूसरी पारी में जब टीम मजबूत स्थिति में दिख रही थी, तब सिराज और कृष्णा ने कमाल की वापसी कराई। दोनों गेंदबाज़ों ने ना सिर्फ विकेट चटकाए, बल्कि रन गति पर भी लगाम लगाई, जिससे इंग्लैंड की टीम दबाव में आ गई और भारत ने अंतिम समय में जीत की स्क्रिप्ट लिख दी।
बल्लेबाज़ों का योगदान:
हालांकि जीत का श्रेय गेंदबाज़ों को जाता है, लेकिन बल्लेबाज़ों ने भी पहली पारी में मजबूत स्कोर खड़ा कर टीम को बढ़त दिलाई। भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने संयम और क्लास दिखाया, वहीं शुभमन गिल और विराट कोहली ने महत्वपूर्ण पारियां खेलीं।
विकेटकीपर ऋषभ पंत ने तेज़ गति से रन बनाकर मैच में गति पैदा की। उन्होंने 72 रनों की तेजतर्रार पारी खेली, जिसने इंग्लैंड पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाया।
गेंदबाज़ों की बादशाहत:
मोहम्मद सिराज ने मैच में कुल 7 विकेट झटके, जिनमें दूसरी पारी में उनके 4 विकेट निर्णायक रहे। वहीं प्रसिद्ध कृष्णा ने 3 विकेट लेकर अपनी गेंदबाज़ी से सबका ध्यान खींचा।
रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा ने भी बीच के ओवरों में विकेट लेकर मैच को भारत के पक्ष में बनाए रखा।
इंग्लैंड की हार के कारण:
इंग्लैंड की टीम मजबूत शुरुआत के बावजूद दबाव में आकर बिखर गई। उनके बल्लेबाज़ों ने शॉट सेलेक्शन में गलतियां कीं, जिसका फायदा भारतीय गेंदबाज़ों ने उठाया। कप्तान बेन स्टोक्स ने 64 रनों की जुझारू पारी खेली, लेकिन दूसरे छोर से उन्हें सहयोग नहीं मिला।
भारत की सटीक फील्डिंग और रन रोकने की रणनीति ने भी इंग्लैंड के बल्लेबाज़ों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया।
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मैच का टर्निंग पॉइंट:
मैच का सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट वह था जब इंग्लैंड दूसरी पारी में 160/3 पर था और जीत की उम्मीद कर रहा था। तभी सिराज ने लगातार दो विकेट लेकर खेल का रुख ही पलट दिया। इसके बाद इंग्लैंड की पारी बिखरती चली गई और टीम 221 रन पर ऑल आउट हो गई।
कप्तानों की प्रतिक्रिया:
मैच के बाद भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने कहा, “यह जीत सिर्फ रणनीति की नहीं, खिलाड़ियों के समर्पण और आत्मविश्वास की भी कहानी है। सिराज और कृष्णा ने कमाल किया।”
वहीं इंग्लैंड के कप्तान स्टोक्स ने माना कि उनकी टीम ने अहम मौकों पर गलतियां कीं और भारत ने इनका पूरा फायदा उठाया।
भारत की सीरीज पर पकड़:
हालांकि यह सीरीज ड्रॉ हुई (2-2), लेकिन आखिरी मुकाबले की जीत ने भारत को मनोवैज्ञानिक बढ़त दी है। यह मुकाबला नए खिलाड़ियों के लिए भी आत्मविश्वास बढ़ाने वाला रहा, खासकर प्रसिद्ध कृष्णा के लिए, जिन्होंने निर्णायक भूमिका निभाई।
क्रिकेट एक्सपर्ट की राय:
पूर्व क्रिकेटर और विशेषज्ञों ने भारत की इस जीत को “गोल्डन विन” कहा है। उनके अनुसार भारत ने मुश्किल हालात में भी संयम नहीं खोया और अपने मजबूत गेंदबाज़ी आक्रमण के दम पर मैच को अपनी मुट्ठी में किया।
आगे की राह:
इस जीत के बाद भारतीय टीम का मनोबल आसमान पर है। आने वाले विदेशी दौरों और घरेलू टेस्ट सीरीज में यह जीत टीम को आत्मबल देगी। इसके साथ ही सिराज और कृष्णा जैसे गेंदबाज़ों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है।
ओवल में मिली जीत सिर्फ एक मैच का नतीजा नहीं, बल्कि यह उस समर्पण, रणनीति और जुनून की कहानी है, जो भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा रही है। मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा ने अपने प्रदर्शन से साबित कर दिया कि भारत का भविष्य तेज़ गेंदबाज़ों के हाथों में सुरक्षित है।