
तीन मासूमों की दर्दनाक मौत: आधा सिर गायब, कुत्ते नोच रहे थे शव ।
गुरुवार देर रात हुए एक भयावह सड़क हादसे ने पूरे इलाके को दहला दिया। इस दर्दनाक घटना में तीन मासूम बच्चों ने मौके पर ही जान गंवा दी, जबकि दृश्य इतना भयावह था कि देखने वालों की रूह कांप गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसे के बाद तीनों बच्चों के शव सड़क किनारे पड़े थे, जिनका आधा सिर गायब था और आवारा कुत्ते उनके शवों को नोच रहे थे।
कैसे हुआ हादसा
पुलिस जांच में सामने आया है कि तीनों बच्चे एक मिनी ट्रक में अपने परिजनों के साथ सफर कर रहे थे। यह वाहन देर रात एक खतरनाक मोड़ पर अनियंत्रित होकर पलट गया। तेज रफ्तार और गहरी ढलान के कारण वाहन सड़क से फिसलकर खाई में जा गिरा। खिड़की के पास बैठे बच्चे सीधे सड़क पर गिर गए, जिससे उनके सिर पर घातक चोट लगी।
हादसा उस 12 किलोमीटर लंबे हाईवे स्ट्रेच पर हुआ, जिसे स्थानीय लोग “डेथ कॉरिडोर” कहते हैं। इस मार्ग पर करीब 8 खतरनाक मोड़ हैं, जहां अक्सर हादसे होते रहते हैं।
रात का अंधेरा और बंद स्ट्रीट लाइट
स्थानीय निवासियों ने बताया कि इस सड़क पर कई महीने से स्ट्रीट लाइट बंद पड़ी हैं। रात के समय यहां घना अंधेरा रहता है, जिससे वाहनों को मोड़ और ढलान साफ नजर नहीं आते। बारिश के कारण सड़क पर फिसलन भी थी, जिसने खतरा और बढ़ा दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों का बयान
एक ट्रक ड्राइवर, जो हादसे के वक्त पास से गुजर रहा था, ने बताया—
उसने तुरंत पुलिस और एंबुलेंस को सूचना दी, लेकिन तब तक तीनों की सांसें थम चुकी थीं।
स्थानीय लोगों का आक्रोश
ग्रामीणों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। उनका कहना है कि इस सड़क पर रोजाना सैकड़ों वाहन गुजरते हैं, लेकिन न तो स्पीड ब्रेकर लगाए गए हैं और न ही स्ट्रीट लाइट की मरम्मत हुई है।
एक ग्रामीण ने कहा—
पुलिस की कार्रवाई
थाना प्रभारी [नाम] ने बताया कि हादसे की सूचना मिलते ही टीम मौके पर पहुंची और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
12 किमी में 8 डेड पॉइंट
स्थानीय आंकड़ों के मुताबिक, इस हाईवे के 12 किलोमीटर लंबे हिस्से में पिछले तीन साल में 25 से ज्यादा हादसे हो चुके हैं, जिनमें 40 से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि सड़क की ढलान और अचानक मुड़ने वाले मोड़ ड्राइवरों को गाड़ी संभालने का समय नहीं देते, खासकर रात में।
परिजनों का मातम
तीनों मृतक बच्चे एक ही परिवार से थे। वे अपने रिश्तेदार के घर से लौट रहे थे। घटना के बाद परिवार पर गम का पहाड़ टूट पड़ा।
बच्चों की मां रोते हुए बार-बार कह रही थी—
प्रशासन के वादे
जिला अधिकारी [नाम] ने आश्वासन दिया कि सड़क पर सुरक्षा उपाय जल्द लागू किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस इलाके में स्पीड ब्रेकर, चेतावनी बोर्ड और स्ट्रीट लाइट लगाने का काम अगले एक हफ्ते में शुरू होगा।
यह हादसा केवल एक परिवार के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे इलाके के लिए एक चेतावनी है कि सड़क सुरक्षा की अनदेखी और प्रशासनिक लापरवाही किस तरह मासूम जानें ले रही है। अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए तो यह “डेथ कॉरिडोर” आगे भी जिंदगी निगलता रहेगा।