
Pakud: पाकुड़ में मां विपदतारणी पूजा का उल्लास, सिंह वाहिनी और दुर्गा मंदिरों में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब।
पाकुड़। पाकुड़ जिले में शनिवार को श्रद्धा और आस्था का विशेष पर्व देखने को मिला, जब बड़ी संख्या में श्रद्धालु मां विपदतारणी की पूजा-अर्चना में शामिल हुए। जिले के राजापाड़ा स्थित सिंह वाहिनी मंदिर और बगतीपाड़ा स्थित दुर्गा मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। इस दौरान मंदिरों का वातावरण मंत्रोच्चार, घंटियों और भक्ति गीतों से गूंज उठा।
महिलाओं ने की विधिवत पूजा, चढ़ाए 13 प्रकार के फल-फूल
सुबह से ही सुहागिन महिलाएं स्नान कर नए वस्त्र धारण कर पूजा स्थल पहुंचीं। उन्होंने मां विपदतारणी को 13 प्रकार के फल, फूल और मिठाइयों का भोग अर्पित किया। मान्यता है कि इस पूजा से परिवार पर आने वाले संकट टल जाते हैं और सुख-समृद्धि बनी रहती है।
मां विपदतारणी: मां दुर्गा का शक्तिशाली रूप
पुरोहितों के अनुसार, मां विपदतारणी को मां दुर्गा का ही एक रक्षक रूप माना जाता है। यह पूजा विशेष रूप से महिलाओं द्वारा की जाती है ताकि उनके पति, संतान और परिवार के अन्य सदस्यों पर कोई भी विपत्ति न आए।
लिट्टीपाड़ा में रक्षा सूत्र बांधने की परंपरा निभाई गई
लिट्टीपाड़ा दुर्गा मंदिर में पुरोहित लालू चक्रवर्ती के नेतृत्व में पूजा संपन्न हुई। इस दौरान महिलाओं ने विशेष रूप से दूर्वा घास से बनाए गए रक्षा सूत्र को अपने परिजनों के हाथ में बांधा। यह रक्षा सूत्र विपदाओं से रक्षा करने वाला माना जाता है।
पूजा के बाद साझा की मिठास और मंगलकामनाएं
पूजा के समापन के बाद महिलाओं ने एक-दूसरे को सिंदूर, मिठाई और रक्षा सूत्र भेंट किए और परिवार में खुशहाली की कामना की। इस आयोजन ने सामाजिक सौहार्द, परंपरा और संस्कृति की झलक भी प्रस्तुत की।
पाकुड़ में मां विपदतारणी की पूजा ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि आस्था, परंपरा और श्रद्धा आज भी समाज के केंद्र में हैं। मंदिरों में उमड़ा भक्तों का सैलाब, महिलाओं की भागीदारी और पूजन विधि ने इस पर्व को एक महान आध्यात्मिक अनुभव में बदल दिया।