
पटना। बिहार में दरोगा और पुलिस भर्ती को लेकर आज राजधानी पटना में अभ्यर्थियों ने जोरदार प्रदर्शन किया। बड़ी संख्या में युवाओं ने भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए सड़क पर उतरकर विरोध जताया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि लिखित परीक्षा और दस्तावेज़ सत्यापन में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार और पक्षपात हुआ है, जिससे योग्य उम्मीदवारों का भविष्य अधर में लटक गया है।
प्रदर्शनकारी अभ्यर्थी मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने निकले थे, लेकिन उन्हें डाकबंगला चौराहे पर पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रोक दिया। पुलिस बल की भारी तैनाती के बावजूद अभ्यर्थियों ने नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। अभ्यर्थियों ने “भर्ती में धांधली बंद करो”, “योग्य अभ्यर्थियों को न्याय दो” जैसे नारे लगाकर अपनी नाराजगी जाहिर की।
प्रदर्शन का मुख्य कारण
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि बिहार पुलिस भर्ती में पारदर्शिता नहीं बरती गई। लिखित परीक्षा में अंक निर्धारण में गड़बड़ी, दस्तावेज़ सत्यापन में अनियमितताएं और इंटरव्यू प्रक्रिया में पक्षपात के चलते कई योग्य उम्मीदवार चयन से वंचित रह गए। युवाओं का कहना है कि उन्हें परीक्षा में अच्छे अंक मिलने के बावजूद चयन सूची में जगह नहीं दी गई।
एक अभ्यर्थी ने बताया, “हमने दिन-रात मेहनत की। परीक्षा पास की। परंतु अंतिम सूची में हमारा नाम नहीं है। ऐसा लग रहा है जैसे पैसे और सिफारिश के आधार पर भर्ती हुई हो।”
दूसरे अभ्यर्थी ने कहा, “सरकार से हमारी यही मांग है कि पूरी भर्ती प्रक्रिया की जांच हो। अगर कोई दोषी पाया जाए तो सख्त कार्रवाई हो। हम बेरोजगार हैं, हमें न्याय चाहिए।”
पुलिस प्रशासन की तैयारी
डाकबंगला चौराहे पर प्रशासन ने भारी पुलिस बल तैनात किया था। बैरिकेडिंग कर अभ्यर्थियों को आगे बढ़ने से रोका गया। पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन युवाओं का गुस्सा थम नहीं रहा था। कई जगहों पर जाम की स्थिति बन गई और ट्रैफिक प्रभावित हुआ।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “हम प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर रहे हैं। उनकी समस्याओं को सुना जा रहा है। कानून-व्यवस्था बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है। किसी भी स्थिति में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान नहीं होने दिया जाएगा।”
सरकार की प्रतिक्रिया
राज्य सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया है। गृह विभाग ने भर्ती प्रक्रिया की प्रारंभिक जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर विभागीय स्तर पर समिति गठित कर अभ्यर्थियों की शिकायतों की जांच की जाएगी। साथ ही, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की भी संभावना जताई जा रही है।
सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा, “हम युवाओं की समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष हो, इसके लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। अभ्यर्थियों को धैर्य रखने की अपील की जाती है।”
युवाओं में बढ़ती बेचैनी
पटना में हुए प्रदर्शन ने यह स्पष्ट कर दिया कि युवाओं में बेरोजगारी और भर्ती में अनियमितताओं को लेकर गहरा असंतोष है। सोशल मीडिया पर भी भर्ती प्रक्रिया को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। कई युवाओं ने ऑनलाइन याचिकाएं शुरू कर दी हैं और सरकार से भर्ती प्रक्रिया की दोबारा समीक्षा की मांग कर रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर समय रहते युवाओं की समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो भविष्य में बड़े पैमाने पर असंतोष बढ़ सकता है। ऐसे में सरकार को पारदर्शी प्रक्रिया अपनानी होगी, ताकि भरोसा कायम रहे।
प्रदर्शन की रूपरेखा
अभ्यर्थियों ने सुबह से जुटना शुरू किया।
डाकबंगला चौराहे पर बैरिकेडिंग कर रोक दिया गया।
नारेबाजी और शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया गया।
कुछ युवाओं ने सड़क पर बैठकर विरोध जताया।
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर उन्हें शांत रहने की अपील की।
प्रशासन की चेतावनी
पुलिस प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ट्रैफिक में व्यवधान डालने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले युवाओं को चिन्हित कर उनके खिलाफ कानूनी कदम उठाए जाएंगे।
एक अधिकारी ने कहा, “हम युवाओं की समस्याओं को समझते हैं, लेकिन हिंसक तरीके से विरोध स्वीकार नहीं किया जाएगा। शांति बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है।”
आगे क्या?
अब सभी की नजर सरकार की जांच रिपोर्ट पर है। यदि पारदर्शिता से जांच की जाती है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होती है तो अभ्यर्थियों का भरोसा लौट सकता है। वहीं, अगर आरोपों की अनदेखी की गई तो युवाओं में असंतोष और गहराने की आशंका है।
विशेषज्ञों का सुझाव है कि भर्ती प्रक्रिया में तकनीकी सुधार किए जाएं, डिजिटल परीक्षण प्रणाली अपनाई जाए और परीक्षा से लेकर अंतिम चयन तक हर चरण की निगरानी हो। इसके अलावा, शिकायत निवारण की प्रभावी व्यवस्था भी बनाई जाए ताकि अभ्यर्थियों को उचित समय पर सहायता मिल सके।
पटना में दरोगा और पुलिस भर्ती को लेकर अभ्यर्थियों का प्रदर्शन राज्य की बढ़ती बेरोजगारी और भर्ती में पारदर्शिता की कमी की ओर इशारा करता है। सरकार ने जांच का आश्वासन दिया है, लेकिन युवाओं का भरोसा तभी लौटेगा जब प्रक्रिया निष्पक्ष और स्पष्ट होगी। फिलहाल प्रशासन शांति बनाए रखने की कोशिश कर रहा है और आने वाले दिनों में स्थिति पर नजर रखी जा रही है।