
पटना, बिहार की राजधानी पटना कल से एक नए युग में कदम रखने जा रही है। लंबे इंतजार के बाद आखिरकार पटना मेट्रो (Patna Metro) का उद्घाटन सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) करेंगे। यह राज्य का पहला मेट्रो प्रोजेक्ट है, जिसकी शुरुआत शहर के निवासियों के लिए एक बड़ी सौगात के रूप में देखी जा रही है।
उद्घाटन समारोह पटना के राजेंद्र नगर स्टेशन से सुबह 10 बजे होगा, जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे। पहले चरण में मेट्रो की शुरुआत राजेंद्र नगर से बहादुरपुर तक के बीच की जाएगी, जिसकी कुल लंबाई लगभग 6.1 किलोमीटर है।
पहले चरण में 6 स्टेशन तैयार
पटना मेट्रो के पहले फेज में कुल 6 स्टेशन तैयार किए गए हैं — राजेंद्र नगर, मीठापुर, जीरो माइल, मलाही पकड़ी, बहादुरपुर और कंकड़बाग। इस रूट को शहर के सबसे भीड़भाड़ वाले इलाकों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है ताकि यात्रियों को ट्रैफिक से राहत मिले।
पटना मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (PMRC) के अधिकारियों के अनुसार, पहले चरण में हर ट्रेन में 4 कोच होंगे, जिसमें लगभग 1000 यात्री एक साथ सफर कर सकेंगे। आने वाले वर्षों में यात्रियों की संख्या बढ़ने पर ट्रेनों की फ्रीक्वेंसी और कोचों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी।
मेट्रो के किराए और संचालन का समय
शुरुआती चरण में पटना मेट्रो का किराया बहुत ही किफायती रखा गया है ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें।
न्यूनतम किराया: ₹10
अधिकतम किराया: ₹30
संचालन समय: सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक
यात्रियों के लिए स्मार्ट कार्ड और QR टिकटिंग सिस्टम की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। यात्रियों को अपने मोबाइल से ही टिकट जनरेट करने की सुविधा मिलेगी।
15 हजार करोड़ का मेगा प्रोजेक्ट
पटना मेट्रो प्रोजेक्ट की कुल लागत लगभग 15,000 करोड़ रुपये है। इसे दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) की मदद से तैयार किया गया है। इस प्रोजेक्ट को दो मुख्य कॉरिडोर में बांटा गया है —
1. पहला कॉरिडोर: डेनापुर कैंट से मीतन घाट (17.9 किमी)
2. दूसरा कॉरिडोर: पटना जंक्शन से नया बस स्टैंड (14.5 किमी)
पहले चरण के पूरा होने के बाद इन दोनों कॉरिडोरों को जोड़ा जाएगा, जिससे शहर का पूरा मेट्रो नेटवर्क तैयार हो जाएगा।
पटना के विकास की दिशा में बड़ा कदम
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मेट्रो उद्घाटन से पहले कहा,
> “पटना मेट्रो सिर्फ एक ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट नहीं है, बल्कि यह बिहार के विकास की नई पहचान बनेगी। आने वाले वर्षों में यह शहर की ट्रैफिक समस्या को काफी हद तक कम करेगा और रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा।”
नीतीश कुमार के अनुसार, मेट्रो प्रोजेक्ट के चलते 5,000 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिला है। इसके अलावा, मेट्रो स्टेशनों के आसपास के इलाकों में व्यापारिक गतिविधियां बढ़ने की उम्मीद है।
तकनीकी विशेषताएं
एयर-कंडीशंड कोच: यात्रियों को आरामदायक यात्रा का अनुभव देने के लिए।
CCTV और सुरक्षा अलर्ट सिस्टम: हर स्टेशन और कोच में हाई-टेक निगरानी।
व्हीलचेयर एक्सेस और लिफ्ट की सुविधा: वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग यात्रियों के लिए विशेष इंतजाम।
ग्रीन एनर्जी पर ध्यान: मेट्रो स्टेशनों पर सोलर पैनल लगाए गए हैं ताकि ऊर्जा खपत कम हो।
ट्रायल रन में मिली सफलता
पिछले तीन महीनों में पटना मेट्रो का सफल ट्रायल रन किया गया। विशेषज्ञों ने सभी सुरक्षा मापदंडों की जांच की और रिपोर्ट को मंजूरी दी। ट्रायल रन के दौरान सिग्नलिंग, ब्रेक सिस्टम, और इमरजेंसी प्रोटोकॉल की भी जांच की गई थी।
PMRC के प्रबंध निदेशक के अनुसार,
> “ट्रायल रन में मेट्रो ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। हमने सुनिश्चित किया है कि सुरक्षा मानकों से कोई समझौता न हो।”
लोगों में उत्साह, सोशल मीडिया पर चर्चा
पटना मेट्रो को लेकर लोगों में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर #PatnaMetro और #BiharMetro ट्रेंड कर रहे हैं। लोग इसे बिहार के विकास की ऐतिहासिक शुरुआत बता रहे हैं।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि मेट्रो शुरू होने से न केवल ट्रैफिक जाम की समस्या कम होगी, बल्कि यात्रा का समय भी घटेगा। कॉलेज जाने वाले छात्र और ऑफिस कर्मचारियों के लिए यह प्रोजेक्ट राहत भरा साबित होगा।
सरकार का लक्ष्य है कि अगले दो वर्षों में मेट्रो का दूसरा चरण भी पूरा कर लिया जाए। इससे डेनापुर, पटना जंक्शन, बाईपास और पटना सिटी के बीच सीधा कनेक्शन मिल जाएगा। इसके बाद मेट्रो नेटवर्क की कुल लंबाई 31 किलोमीटर से अधिक हो जाएगी।
पटना मेट्रो का उद्घाटन न केवल बिहार बल्कि पूरे पूर्वी भारत के लिए गौरव का क्षण है। यह परियोजना न सिर्फ पटना को आधुनिकता की दिशा में आगे बढ़ाएगी बल्कि प्रदेश के अन्य शहरों जैसे गया, भागलपुर और मुजफ्फरपुर में भी मेट्रो परियोजनाओं की संभावनाएं बढ़ाएगी।
कल जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मेट्रो का उद्घाटन करेंगे, तो यह पटना के इतिहास में एक नए अध्याय की शुरुआत होगी — ‘आधुनिक और गतिशील बिहार’ की दिशा में एक बड़ा कदम।