
पीकॉक वाली राखी मोदी अंकल के लिए: रक्षाबंधन पर पीएम ने बच्चों संग मनाई खुशियों भरी शाम
नई दिल्ली, 9 अगस्त 2025
रक्षाबंधन के पावन अवसर पर पीकॉक डिज़ाइन वाली एक खूबसूरत राखी पीएम नरेंद्र मोदी को समर्पित की गई। इस अनूठे पल को और भी खास बनाने के लिए, उन्होंने दिल्ली स्थित अपने आवास 7 लोक कल्याण मार्ग पर स्कूल के बच्चों के साथ उत्साहपूर्ण “मस्ती भरा सेशन” साझा किया। इस दौरान बच्चों ने पीएम मोदी की कलाई पर राखियाँ बाँधी, जिससे इस त्यौहार का भावार्थ बेहद भावपूर्ण रूप में उभरा।
1. “पीकॉक वाली राखी” का अनूठा रंग और कहानी
इस राखी में रंग-बिरंगा पंखों जैसा डिज़ाइन था—जो मोर की सुंदरता की याद दिलाता है। बच्चों की मासूमियत ने इस राखी को और भी दिलकश बना दिया। जैसे ही उन्होंने पीएम मोदी की कलाई पर राखी बाँधी, माहौल में एक उत्सव-सा खिंचा चला आया। इस दृश्य ने दर्शकों के दिलों में उमंग भर दी।
2. बच्चों संग पीएम मोदी की मस्ती-भरी मुलाकात
पीएम मोदी ने इस दौरान दर्शनीय मुस्कान के साथ बच्चों के साथ बातचीत की और बातचीत में शामिल होकर उत्साह बढ़ाया। उनके चेहरे पर दिखते जज़्बात—एक स्नेहिल भाई का स्नेह—बयान करता है कि यह राखी केवल एक सांकेतिक बंधन नहीं, बल्कि एक देशभक्ति और भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक भी है ।
3. ब्रह्मा कुमारी संगठन की भागीदारी
इस आयोजन में ब्रह्मा कुमारीज़ के सदस्यों ने भी हिस्सा लिया। उनका शांतिप्रिय और आध्यात्मिक दृष्टिकोण इस ख़ास मौके की गरिमा को और बढ़ाता है। बच्चों के साथ उनकी उपस्थिति ने रक्षाबंधन को एक उत्सव से अधिक, एक सामाजिक और आध्यात्मिक कार्यक्रम बना दिया ।
4. रक्षाबंधन का आधुनिक संदर्भ: रक्षा और आत्मीयता का संगम
रक्षा का बंधन (रक्षा-बन्धन) न केवल भाई-बहन के पारंपरिक रिश्ते याद दिलाता है, बल्कि यह सामाजिक सुरक्षा, संवेदना, और रक्षा की जिम्मेदारी का प्रतीक भी है । जब ऐसा घटना एक राष्ट्र-नेता के साथ होती है, तो यह केवल सांस्कृतिक रंग भरने वाला नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकता और प्रेम की भावना को भी निखारता है।
5. देशभर में रक्षाबंधन की सकारात्मक झलकियाँ
– रामबड़ी सरकारी स्कूल, लखनऊ: Scholars Home School के विद्यार्थियों ने भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों—लि. जनरल अनुन्ध्य सेनगुप्ता एवं लि. जनरल नवीन सचदेव—को 1,500 हस्तनिर्मित राखियाँ समर्पित करते हुए सम्मान और सराहना व्यक्त की ।
– रायगढ़ (रायगड़), महाराष्ट्र: आदिवासी छात्र-छात्राओं ने पेड़ों को भी राखियाँ बाँधी, जिससे प्रकृति-रक्षा का संदेश गूंज उठा। Ankur Trust द्वारा आयोजित यह पहल पर्यावरण-जागरूकता की मिसाल बनी ।
6. स्थानीय और सांस्कृतिक महत्त्व
रक्षाबंधन का त्योहार भारतीय संस्कृति में गहरा जुड़ा हुआ है। यह सावन महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो इस वर्ष 9 अगस्त 2025 को पड़ा था । इस दिन बहने अपनी राखी के साथ भाई को सुरक्षा का वरदान देती हैं और भाई उसे सम्मान और उपहार देते हैं।
7. संदेश और प्रभाव – कहीं से कहीं जोड़ा गया जुड़ाव
पीकॉक राखी की कलात्मकता, बच्चों की मासूम चहक, ब्रह्मा कुमारीज़ की आध्यात्मिक छाप—इन सभी ने इस रक्षाबंधन समारोह को केवल एक पारंपरिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक नैतिक और सांस्कृतिक उभराव बना दिया। पीएम मोदी का बच्चों संग यह “मस्ती भरा” लम्हा राष्ट्रीय एकता को मजबूत बनाता है।
राखी में सिमटी राष्ट्रीय एकता
पीकॉक डिजाइन की राखी, बच्चों की ख़ुशियाँ, ब्रह्मा कुमारीज़ की आध्यात्मिक उपस्थिति—ये सब मिलकर रक्षाबंधन को यादगार बनाते हैं। यह समारोह याद दिलाता है कि स्नेह सिर्फ निजी सीमा तक सीमित नहीं होता, बल्कि जब उसे साझा किया जाए, तो वह पूरे राष्ट्र में “रक्षा-बन्धन” की भावना को सर्वोपरि बना देता है।