
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हिमाचल प्रदेश दौरे के बीच सोमवार को राज्य में अचानक अफरातफरी मच गई। दो बड़े मेडिकल कॉलेजों को ईमेल के जरिए बम धमाके की धमकी दी गई। धमकी मिलने के बाद स्थानीय प्रशासन, पुलिस और बम निरोधक दस्ता तुरंत हरकत में आया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पूरे परिसर को खाली कराया गया और जांच शुरू की गई। हालांकि जांच में बम जैसी कोई संदिग्ध वस्तु बरामद नहीं हुई। यह मामला सिर्फ सुरक्षा एजेंसियों के लिए ही नहीं बल्कि आम जनता के लिए भी चिंता का विषय बना हुआ है।
धमकी की शुरुआत कैसे हुई?
जानकारी के अनुसार, सोमवार सुबह शिमला और मंडी स्थित IGMC (इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज) और नेरचौक मेडिकल कॉलेज को एक ईमेल प्राप्त हुआ। इस ईमेल में दावा किया गया कि परिसर में बम लगाया गया है जो किसी भी समय विस्फोट कर सकता है। चूंकि उसी दिन प्रधानमंत्री मोदी का हिमाचल दौरा था, इसलिए यह खबर फैलते ही प्रशासन के होश उड़ गए।
PM मोदी का हिमाचल दौरा और सुरक्षा व्यवस्था
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने पहुंचे थे। ऐसे में बम धमकी की खबर से सुरक्षा एजेंसियों की जिम्मेदारी और बढ़ गई। SPG (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप), स्थानीय पुलिस और इंटेलिजेंस एजेंसियों ने फौरन हाई अलर्ट घोषित कर दिया।
प्रधानमंत्री का दौरा संवेदनशील इलाकों से होकर गुजरना था।
हजारों की संख्या में लोग कार्यक्रम स्थल पर मौजूद थे।
राज्य सरकार और केंद्र सरकार की नजरें सुरक्षा इंतजामों पर टिकी हुई थीं।
पुलिस और प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
जैसे ही ईमेल के जरिए बम की धमकी की सूचना मिली, मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने तुरंत पुलिस को इसकी जानकारी दी।
1. कॉलेज परिसर खाली कराया गया।
2. छात्रों, मरीजों और स्टाफ को सुरक्षित स्थान पर भेजा गया।
3. बम निरोधक दस्ते ने पूरे कैंपस की तलाशी ली।
4. डॉग स्क्वॉड की मदद से हर कमरे, पार्किंग और बेसमेंट की जांच की गई।
करीब तीन घंटे की तलाशी के बाद भी कोई विस्फोटक पदार्थ नहीं मिला।
फर्जी बम धमकी का पैटर्न
भारत में हाल के वर्षों में फर्जी बम धमकी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। कई बार स्कूलों, कॉलेजों, एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन को निशाना बनाया गया है।
दिल्ली और मुंबई एयरपोर्ट कई बार ऐसी फर्जी धमकियों का शिकार हो चुके हैं।
स्कूलों में बम की अफवाहें बच्चों और अभिभावकों को दहशत में डाल चुकी हैं।
सुरक्षा एजेंसियां इन घटनाओं को साइबर अपराध और मानसिक आतंक से जोड़कर देखती हैं।
क्या था धमकी के पीछे मकसद?
फिलहाल जांच एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि धमकी भरा ईमेल किसने और कहां से भेजा। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आ रही है कि मेल विदेशी सर्वर से भेजा गया हो सकता है।
दो एंगल की जांच –
1. यह सिर्फ शरारती तत्वों की हरकत है।
2. या फिर यह किसी बड़ी साजिश का हिस्सा भी हो सकता है।
साइबर सेल इस ईमेल की लोकेशन और IP एड्रेस ट्रैक करने में लगी हुई है।
जनता में दहशत और अफवाहें
जैसे ही मेडिकल कॉलेजों में बम की धमकी की खबर फैली, स्थानीय लोगों में अफरातफरी मच गई।
मरीज और उनके परिजन तुरंत अस्पताल से बाहर निकलने लगे।
सोशल मीडिया पर तरह-तरह की अफवाहें फैलने लगीं।
कई जगहों पर लोगों ने इसे प्रधानमंत्री की सुरक्षा से जोड़कर चिंता जाहिर की।
सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती
भारत जैसे विशाल देश में प्रधानमंत्री की सुरक्षा एक बड़ी चुनौती है। ऐसे में छोटी सी भी चूक गंभीर नतीजे ला सकती है।
SPG हर समय उच्च सतर्कता में रहती है।
राज्य पुलिस और स्थानीय प्रशासन को लगातार सुरक्षा अभ्यास करने पड़ते हैं।
इस तरह की फर्जी धमकियां सुरक्षा एजेंसियों का समय और संसाधन दोनों खर्च करती हैं।
हिमाचल प्रदेश में पहले भी मिल चुकी हैं धमकियां
यह पहली बार नहीं है जब हिमाचल प्रदेश में इस तरह की धमकी मिली हो।
2023 में भी शिमला के कुछ स्कूलों को ईमेल से धमकी मिली थी।
मंडी और कुल्लू में भी बम की अफवाहें फैल चुकी हैं।
सरकार और प्रशासन की प्रतिक्रिया
राज्य सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी तरह की शरारत करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। वहीं, केंद्र सरकार ने भी मामले की जांच रिपोर्ट मांगी है।
साइबर अपराध का बढ़ता खतरा
आजकल ज्यादातर धमकियां ईमेल और सोशल मीडिया के जरिए दी जाती हैं।
VPN और विदेशी सर्वर का इस्तेमाल कर अपराधी आसानी से पकड़ से बच जाते हैं।
कई बार ये मेल मजाकिया या मानसिक रूप से अस्थिर लोगों द्वारा भेजे जाते हैं।
लेकिन खतरे को नजरअंदाज करना संभव नहीं होता।
स्थानीय लोगों की राय
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि मेडिकल कॉलेजों को निशाना बनाने से मरीजों की जान पर सबसे ज्यादा खतरा आ जाता है।
“अगर सचमुच बम होता तो सैकड़ों मरीजों की जान जा सकती थी।”
“इस तरह की हरकत करने वालों को सख्त सजा मिलनी चाहिए।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हिमाचल दौरे के बीच दो मेडिकल कॉलेजों को मिली बम धमकी ने पूरे राज्य को दहशत में डाल दिया। हालांकि, जांच में यह धमकी फर्जी निकली, लेकिन इसने सुरक्षा एजेंसियों की चिंताओं को और बढ़ा दिया है। अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए साइबर सुरक्षा और तकनीकी जांच कितनी मजबूत हो पाएगी।