
पीएम मोदी ने बेंगलुरु पहुंचते ही किया ट्रांसपोर्ट अवसंरचना का शुभारंभ, कहा– ‘दुनिया ने देखा है नए भारत का चेहरा’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार, 10 अगस्त 2025 को बेंगलुरु पहुंचे और शहर की कनेक्टिविटी को एक नया आयाम देने वाले बड़े ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट्स का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि “पूरी दुनिया में भारत सबसे तेज़ी से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्था है” और साथ-साथ उन्होंने “नए भारत का चेहरा” दिखने की बात कही।
मुख्य कार्यक्रम और परियोजनाएँ:
1. तीन नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें:
— प्रधानमंत्री ने KSR बेंगलुरु रेलवे स्टेशन से तीन नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें हरी झंडी दिखाकर रवाना कीं।
— इन रूटों में शामिल हैं:
बेंगलुरु–बेलगावी,
अमृतसर–श्री माता वैष्णो देवी कटरा,
नागपुर (अजनी)–पुणे।
2. नम्मा मेट्रो की येलो लाइन का उद्घाटन:
— प्रधानमंत्री ने बेंगलुरु मेट्रो की येलो लाइन का उद्घाटन किया, जो RV Road (Ragigudda) से Bommasandra तक फैली है, जिसकी लंबाई लगभग 19 किमी और इसमें 16 स्टेशन शामिल हैं।
— इस परियोजना की लागत लगभग ₹7,160 करोड़ रही है और इसे नीदरलैंड्स की CRRC Nanjing Puzhen द्वारा तैयार ट्रेनिंग स्टॉक के साथ पूरी तरह ऊँचाई पर निर्मित किया गया है।
— उद्घाटन के बाद, येलो लाइन का नगर में प्रभावी समय बचत और बेहतर कनेक्टिविटी के लिए सोमवार से यानी 11 अगस्त 2025 की सुबह 5 बजे से नियमित सेवाएं शुरू हो जाएँगी। प्रारंभ में 3 ट्रेनसेट्स 25-मिनट की आवृत्ति के साथ चलेंगे।
3. फेसबुक-बेस्ड स्टेशन विकास और फीडर सर्विसेज:
— येलो लाइन में स्टेशन कॉर्पोरेट साझेदारी परियोजनाएं भी शामिल थीं, जैसे Infosys द्वारा Konappana Agrahara स्टेशन का नामकरण।
— इसके अतिरिक्त, BMTC की ओर से सोमवार से प्रमुख टेक और आवासीय क्षेत्रों जैसे Electronics City, Bommasandra, Konappana Agrahara को जोड़ने के लिए फीडर बस सेवाएं शुरू की जाएँगी।
4. मेट्रो परियोजना – फेज़-3 की आधारशिला:
— उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने Phase-3 (फेज़-थ्री) मेट्रो विस्तार की भी आधारशिला रखी। इस फेज़ में 44 किमी लंबी ऊँची लाइन और 31 स्टेशन शामिल होंगे, जिसकी अनुमानित लागत ₹15,610 करोड़ से अधिक होगी।
प्रधानमंत्री का संबोधन & भावनात्मक पहलू:
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने बेंगलुरु को “नए भारत का प्रतीक” बताया। उन्होंने कहा कि 11 वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था ने दसवें स्थान से पाँचवें स्थान तक का सफ़र तय किया है, और अब हम शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं।
उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र करते हुए कहा कि भारत की ताकत, तकनीक और “Make in India” की शक्ति ने आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया और सफलता सुनिश्चित की। यह उपलब्धि कर्नाटक और बेंगलुरु के युवाओं की क्षमता का परिणाम भी है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि जल्द ही “Made in India” चिप भी उपलब्ध होगा।
इस अवसर पर पाँच वर्षीय एक बालिका का लिखा पत्र भी चर्चा में रहा जिसमें उसने प्रधानमंत्री से “कृपया ट्रैफिक ठीक करें” की गुज़ारिश की, जिसने आम नागरिकों की आम परेशानियों को उजागर किया।
प्रभाव और महत्व :
परिवहन अवसंरचना में सुधार:
— वंदे भारत ट्रेनों के ज़रिए प्रमुख शहरों के बीच यात्रा समय में कमी, बेहतर सुविधा।
— येलो लाइन मेट्रो के माध्यम से ट्रैफिक की भीड़ में कमी, प्रदूषण में सुधार और दैनिक यात्रियों को तेज़ ट्रांजिट सेवा।
शहरी विस्तार और कनेक्टिविटी:
— येलो लाइन बेंगलुरु के तकनीकी और औद्योगिक हबों को जोड़ती है—जैसे BTM Layout, Electronics City, Bommasandra—जिससे रोज़मर्रा की पनाह और काम-काजी कनेक्शन्स बेहतर होंगे।
भविष्य-दृष्टि और निवेश:
— फेज़-3 लाइन की शुरुआत शहर की भविष्य-के लिए तैयार योजना को दर्शाती है।
— कॉर्पोरेट नामकरण और फीडर बस सेवाओं के ज़रिए सार्वजनिक-निजी साझेदारी (PPP) मॉडल को बढ़ावा।
राष्ट्र-उद्बोधन और आत्म-विश्वास:
— प्रधानमंत्री का भाषण भारतीय अर्थव्यवस्था की सफलताओं और आत्म-निर्भरता की शक्ति का संदेश देता है।
— व्यक्तिगत कॉल टू एक्शन—“ट्रैफिक ठीक करो” जैसे—उल्लेखनीय रूप से जनभागीदारी का प्रतीक।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बेंगलुरु दौरा—विशेषकर 10 अगस्त, 2025 को—शहर की परिवहन अवसंरचना के विकास में एक निर्णायक पड़ाव साबित हुआ। वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें, नम्मा मेट्रो की येलो लाइन, फेज़-3 का शिलान्यास और डेटा-ड्रिवेन भाषण ने इस शहर को “नए भारत का चेहरा” घोषित करते हुए भविष्य की तरफ़ एक स्पष्ट संदेश दिया। बेंगलुरु की कनेक्टिविटी का नया स्वरूप अब नई उम्मीदों, गति और विकास की ओर अग्रसर है।