
नई दिल्ली, 23 अगस्त 2025 — आज राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरे अंतरिक्ष अन्वेषण की दिशा में भारत की महत्वाकांक्षाओं का ऐलान किया। उन्होंने इस ऐतिहासिक दिन पर गगनयान, चंद्रयान-3 और अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की उपलब्धियों को याद करते हुए देश की आने वाली योजनाओं का खुलासा किया।
प्रधानमंत्री ने कहा, “हम चंद्र और मंगल तक पहुँच चुके हैं, अब हमें गहरे अंतरिक्ष की ओर देखना है, जहाँ मानवता के भविष्य के लिए कई रहस्य छिपे हैं।” उन्होंने वैज्ञानिकों से इस दिशा में तैयारी करने का आह्वान किया।
अंतरिक्ष यात्रियों का ‘पूल’ और युवा उत्साह
मोदी ने घोषणा की कि भारत एक “Astronaut Pool” तैयार करेगा, जहाँ योग्य युवा अंतरिक्ष अभियानों के लिए प्रशिक्षण एवं चयन प्रक्रिया में हिस्सा लेंगे। उन्होंने देश के युवाओं से इस योजना का हिस्सा बनने की अपील की।
इस संदर्भ में, Group Captain शुभांशु शुक्ला का उदाहरण दिया गया, जिन्होंने हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर ट्राईकलर फहराया। इस उपलब्धि ने युवाओं के बीच उत्साह और गर्व को काफी बढ़ाया है।
प्रधानमंत्री ने देश में प्रगति कर रहे तकनीकी क्षेत्रों — सेमी-क्रायोजेनिक इंजन एवं इलेक्ट्रिक प्रणोदन — का जिक्र किया, जो भारत को अगली पीढ़ी की अंतरिक्ष तकनीक में अग्रसर बना रहे हैं।
गगनयान (मानवयुक्त अंतरिक्ष अभियान) और भारत की स्पेस स्टेशन योजना
मोदी ने दो प्रमुख घोषणाएं की:
1. गगनयान मिशन 2027 में लॉन्च किया जाएगा — भारत का पहला मानवयुक्त मिशन, जो अंतरिक्ष में भारतीय क्षमताओं का प्रतीक है।
2. भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (Bhartiya Space Station या BAS) तैयार किया जाएगा, जो भारत को दीर्घकालिक मानव अनुरोधित गतिविधियों के लिए सक्षम बनाएगा।
निजी क्षेत्र को अवसर: स्टार्टअप्स और लॉन्च लक्ष्य
प्रधानमंत्री ने निजी क्षेत्र को स्पेस क्षेत्र में शामिल होने का निमंत्रण दिया। उन्होंने पूछा— क्या अगले पांच साल में हम 5 स्पेस-स्टार्टअप्स को यूनिकॉर्न बना सकते हैं?
इसके साथ ही, उन्होंने यह सुझाव भी दिया कि भारत हर साल 50 रॉकेट लॉन्च कर सकता है।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत की पहली प्राइवेट PSLV रॉकेट और प्राइवेट कम्युनिकेशन सैटेलाइट बनने की प्रक्रिया में हैं। साथ ही, सार्वजनिक-निजी साझेदारी से भू-निरीक्षण उपग्रह नक्षत्र (Earth Observation Satellite Constellation) भी तैयार हो रहा है।
अंतरिक्ष तकनीक का आम जीवन में योगदान
प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि स्पेस तकनीक केवल अन्वेषण नहीं, बल्कि आम जीवन को बेहतर बनाने में भी सहायक है। जैसे:
फसल बीमा के लिए सैटेलाइट आधारित मूल्यांकन
मछुआरों की सुरक्षा हेतु सूचना प्रणाली
PM गति शक्ति मास्टर प्लान में भू-स्थानिक डेटा का उपयोग
यह तकनीक अब सरकारी योजनाओं में प्रमुख भूमिका निभा रही है।
राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस: प्रेरणा और इतिहास
राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस का उद्देश्य 23 अगस्त को मनाए जाने वाले चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग की याद को ताज़ा करना है, जिसे 2023 में पहली बार मनाया गया था। यह दिन भारत की अंतरिक्ष अभियानों में हुई उपलब्धियों का प्रतीक बन चुका है।
इस वर्ष के आयोजन ने इस जश्न में वैज्ञानिकों और युवाओं की जो ऊर्जा देखी, वह आने वाले वर्षों के लिए एक नई प्रेरणा है।
राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को एक गहरे अंतरिक्ष शक्ति बनाने का वक्तव्य देते हुए कई योजनाएं पेश कीं — जैसे गगनयान-2027, अंतरिक्ष यात्रियों का पूल, भारत का अपना अंतरिक्ष स्टेशन, और निजी क्षेत्र की भागीदारी। साथ ही, उन्होंने तकनीकी प्रगति, रोज़मर्रा की उपयोगिता और युवा प्रतिभा को भविष्य निर्माण में जोड़ने पर जोर दिया।
इन घोषणाओं से यह स्पष्ट होता है कि भारत की अंतरिक्ष यात्रा अब सिर्फ कक्षा या चंद्रमा तक सीमित नहीं, बल्कि गहन, दूरस्थ और बड़े सपनों की ओर अग्रसर है।