“चुनाव आयोग के कंधे पर बंदूक रखकर हो रही राजनीति”— वोट चोरी आरोपों पर EC ने दिया करारा जवाब

“चुनाव आयोग के कंधे पर बंदूक रखकर हो रही राजनीति”— वोट चोरी आरोपों पर EC ने दिया करारा जवाब

नई दिल्ली, 17 अगस्त 2025 – कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर उठाए गए “वोट चोरी” के आरोपों के बीच, चुनाव आयोग के मुख्य आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्पष्ट किया कि:

“चुनाव आयोग के कंधे पर बंदूक रखकर राजनीति की जा रही है,”

“हम सबके लिए समान हैं; हमारे दरवाज़े सभी के लिए खुले हैं।”

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले आयोग ने मतदाता सूची में सुधार के लिए SIR की पहल की, जिसे 1.6 लाख बूथ-स्तरीय अधिकारियों और राजनीतिक दलों द्वारा सत्यापित मसौदा सूची तैयार करने की प्रक्रिया कहा गया

राहुल गांधी के आरोप

राहुल गांधी ने SIR को “वोट चोरी” की साज़िश करार दिया, आरोप लगाया कि आयोग ने मतदाता डेटा में फर्जीवाड़ा किया, डुप्लिकेट वोटर जोड़े गए, और वोटर लिस्ट को मशीन-रीडेबल न बनाकर छुपाया गया ।
उन्होंने कर्नाटक, महाराष्ट्र, हरियाणा आदि राज्यों में गड़बड़ियों के मुद्दों का उदाहरण देते हुए SIR प्रक्रिया को संदिग्ध बताया ।

ECI की प्रतिक्रिया

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार (CEC) ने आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा:

“सब दल बराबर हैं; किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जाता।”

“वोट चोरी जैसे शब्दों का उपयोग संविधान का अपमान है, जब समय पर त्रुटियों के खिलाफ न्यायिक प्रक्रिया अपनाई जा सकती है।”

“हमने कई मतदाताओं की तस्वीरें बिना अनुमति के मीडिया में देखी—क्या ऐसा करना उचित है?”

“यह प्रक्रिया पारदर्शी है—1 करोड़ से अधिक कर्मचारियों, 10 लाख बूथ एजेंट्स, और 20 लाख पोलिंग एजेंट्स इसमें शामिल हैं।”

“चुनाव आयोग किसी भी झूठे आरोप से नहीं डरता; वह सभी वर्गों के मतदाताओं के साथ खड़ा है।”

प्रक्रिया और समय सीमा

CEC ने बताया कि SIR में त्रुटियों को सुधारने के लिए अभी भी 15 दिनों का समय बाकी है, और सभी दलों, BLA (बूथ-स्तरीय एजेंट) तथा मतदाताओं को समय रहते त्रुटियां सुधारने का अवसर प्रदान किया गया है ।
साथ ही, अगर कोई त्रुटि नहीं मिली और फिर “वोट चोरी” जैसे शब्दों का इस्तेमाल होता है, तो इसे लोकतंत्र और संवैधानिक मूल्यों का अपमान बताया जा सकता है ।

निष्पक्षता पर जोर

CEC ने दोहराया:

“कानून के अनुसार, हर राजनीतिक दल का पंजीकरण आयोग में होता है, फिर हम भेदभाव कैसे कर सकते हैं?”

“हमारे दरवाज़े सभी के लिए खुले हैं—बूथ-स्तर से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक की प्रक्रिया मौजूद है।”

विपक्ष का रुख और जनता में बढ़ते सवाल

विपक्ष ने SIR को लोकतांत्रिक अधिकारों के खिलाफ बताया। राहुल गांधी ने “वोट अधिकार यात्रा” की शुरुआत की, जो बिहार के 23 जिलों में 16 दिनों तक चलेगी, और इसमें INDIA गठबंधन के सहयोगी शामिल होंगे ।
साथ ही, सामाजिक कार्यकर्ताओं जैसे योगेंद्र यादव ने इसे “डकैती” करार दिया और आयोग से जवाबदेही मांगी ।

वर्तमान राजनीति की गर्माहट के बीच, ECI ने स्पष्ट किया है कि उसकी प्रक्रियाएं पारदर्शी और निष्पक्ष हैं, और आरोपों के बावजूद वह संविधान और लोकतांत्रिक सिद्धांतों के साथ दृढ़ता से खड़ा है। बीते दो दशकों से SIR जैसी गहन समीक्षा का उल्लेख करते हुए आयोग ने लोकतंत्र के लिए इसकी जरूरत और प्रक्रिया की वैधता पर जोर रखा है। वहीं, विपक्ष का जन-आंदोलन शुरू हुआ है, जो चुनाव आयोग की कार्रवाइयों और लोकतांत्रिक अधिकारों पर सवाल उठाता रहेगा।

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