
प्रधानमंत्री मोदी ने की कांग्रेस नेता के. कामराज की सराहना, बताया सभी के लिए प्रेरणास्रोत
तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और स्वतंत्रता सेनानी के योगदान को पीएम मोदी ने किया याद
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे के. कामराज की जन्म जयंती के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान पीएम मोदी ने न केवल कामराज के स्वतंत्रता संग्राम में दिए गए योगदान को याद किया, बल्कि उनके सार्वजनिक जीवन में अपनाए गए उच्च आदर्शों और समाज के प्रति समर्पण की भी मुक्त कंठ से प्रशंसा की।
प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में कहा, “श्री के. कामराज जी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि। स्वतंत्रता संग्राम में उनका योगदान और उनके द्वारा आज़ादी के बाद दिया गया नेतृत्व अविस्मरणीय है। समाज के प्रति उनका समर्पण और सामाजिक न्याय के लिए उनका आग्रह हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।”
कामराज की जयंती पर यह संदेश ऐसे समय आया है जब देश में राजनीतिक विभाजन चरम पर है। प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान राजनीतिक सीमाओं से ऊपर उठकर राष्ट्र के महान नेताओं को सम्मान देने की भावना को दर्शाता है।
कौन थे के. कामराज?
के. कामराज भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे, जिन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भागीदारी की और स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद तमिलनाडु (तब मद्रास राज्य) के मुख्यमंत्री के रूप में अत्यंत सराहनीय कार्य किए। वे 1954 से 1963 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे और इस दौरान शिक्षा, ग्रामीण विकास और सार्वजनिक सेवा के क्षेत्र में व्यापक सुधार किए।
कामराज को ‘गरीबों का नेता’ कहा जाता था। वे बेहद सादा जीवन जीते थे और उनके शासनकाल में कई योजनाएं ऐसी बनीं जिनका लाभ आज भी देशवासी उठा रहे हैं। विशेष रूप से उनका शिक्षा के क्षेत्र में किया गया कार्य ऐतिहासिक माना जाता है। उनके मुख्यमंत्री रहते हुए राज्य में मुफ़्त और अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा को बढ़ावा मिला। मिड-डे मील योजना की शुरुआत भी उनके शासन में हुई, जिससे स्कूलों में नामांकन दर में भारी वृद्धि हुई।
‘कामराज योजना’ और राजनीतिक दूरदर्शिता
कामराज की राजनीतिक सूझबूझ उस समय भी सामने आई जब उन्होंने 1963 में एक अनोखी पहल की। उन्होंने कांग्रेस पार्टी में एक “कामराज योजना” की शुरुआत की जिसके तहत उन्होंने स्वयं मुख्यमंत्री पद छोड़ने की पहल की और अन्य वरिष्ठ नेताओं को भी पद छोड़कर संगठन के लिए काम करने का सुझाव दिया। इस योजना का उद्देश्य पार्टी संगठन को मजबूत करना था।
उनकी इस पहल से कई वरिष्ठ नेताओं ने पद छोड़कर संगठनात्मक कामकाज में योगदान देना शुरू किया, जिससे कांग्रेस पार्टी को मजबूती मिली। कामराज स्वयं बाद में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष बने और 1967 तक इस पद पर रहे।
प्रधानमंत्री मोदी की सराहना क्यों महत्वपूर्ण है?
प्रधानमंत्री मोदी का कांग्रेस नेता कामराज की सराहना करना आज की राजनीतिक परिस्थितियों में एक सकारात्मक संकेत के रूप में देखा जा रहा है। यह न केवल राष्ट्र के निर्माताओं को श्रद्धांजलि देने का एक प्रयास है, बल्कि यह भी संदेश है कि राजनीतिक मतभेदों के बावजूद देश के महान नेताओं के योगदान को मान्यता दी जानी चाहिए।
मोदी सरकार ने पूर्व में भी विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े ऐतिहासिक नेताओं को सम्मानित किया है, जिनमें सरदार पटेल, बाबासाहेब अंबेडकर, सुभाष चंद्र बोस जैसे नेताओं के नाम प्रमुख हैं।
तमिलनाडु की जनता में कामराज की लोकप्रियता
तमिलनाडु में कामराज आज भी एक आदर्श नेता के रूप में याद किए जाते हैं। उनका जन-जन से जुड़ाव, सादगीपूर्ण जीवनशैली और शिक्षा पर विशेष ध्यान उन्हें जनता का प्रिय बना गया। उनकी कार्यशैली से प्रभावित होकर कई राजनेताओं ने उन्हें अपना आदर्श माना।
उनके निधन के वर्षों बाद भी कामराज की नीतियाँ और विचार वर्तमान सामाजिक और राजनीतिक संदर्भों में प्रासंगिक बने हुए हैं। खासकर शिक्षा और सामाजिक न्याय के मुद्दों पर उनके विचार आज भी मार्गदर्शक माने जाते हैं।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह वक्तव्य कि “कामराज जी के उच्च आदर्श और सामाजिक न्याय के प्रति समर्पण हम सभी के लिए प्रेरणा हैं” केवल एक श्रद्धांजलि भर नहीं है, बल्कि यह संकेत है कि भारतीय राजनीति को अपने अतीत से प्रेरणा लेनी चाहिए, भले ही वह अतीत किसी अन्य दल से जुड़ा क्यों न हो।
राजनीतिक सीमाओं से परे जाकर ऐसे नेताओं को याद करना देश की लोकतांत्रिक भावना को मजबूत करता है। के. कामराज जैसे नेता यह सिखाते हैं कि राष्ट्र सेवा में किसी पार्टी का झंडा नहीं होता — होता है तो केवल जनसेवा का संकल्प।