पुणे-बेंगलुरु हाईवे पर बुधवार देर रात एक भीषण सड़क हादसे ने पूरे शहर को दहला दिया। नवले ब्रिज के पास एक तेज रफ्तार कंटेनर ट्रक ने कई गाड़ियों को टक्कर मार दी, जिसमें कम से कम 6 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए। हादसे के बाद हाईवे पर लंबा जाम लग गया और चारों ओर अफरा-तफरी मच गई।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसा इतना भयानक था कि कई गाड़ियां पलट गईं और कुछ वाहनों में आग भी लग गई। घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने तुरंत पुलिस और एम्बुलेंस को सूचना दी। मौके पर फायर ब्रिगेड, ट्रैफिक पुलिस, और स्थानीय प्रशासन की टीम ने पहुंचकर राहत-बचाव कार्य शुरू किया।
कैसे हुआ हादसा
जानकारी के मुताबिक, कंटेनर ट्रक बेंगलुरु की दिशा से तेज रफ्तार में आ रहा था। नवले ब्रिज के पास अचानक ड्राइवर का नियंत्रण वाहन से हट गया और उसने आगे चल रही कई गाड़ियों को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि करीब 10 से अधिक वाहन क्षतिग्रस्त हो गए।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह इलाका पहले से ही दुर्घटना-प्रवण (accident-prone zone) माना जाता है। कई बार प्रशासन से स्पीड कंट्रोल और बैरिकेडिंग की मांग की गई थी, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।
प्रशासन और पुलिस की कार्रवाई
पुणे पुलिस के डीसीपी (ट्रैफिक) ने बताया कि हादसे की जांच शुरू कर दी गई है। कंटेनर ड्राइवर को हिरासत में ले लिया गया है और उसके ब्लड सैंपल लेकर मेडिकल टेस्ट किया जा रहा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि वह नशे में था या नहीं।
फिलहाल घायल लोगों को ससून जनरल हॉस्पिटल और भारती हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। इनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।
मृतकों की पहचान जारी
पुलिस सूत्रों के अनुसार, मरने वालों में एक महिला और एक बच्चा भी शामिल हैं। मृतकों की पहचान के प्रयास जारी हैं और परिजनों को सूचना दी जा रही है। प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को तत्काल आर्थिक सहायता देने का आश्वासन दिया है।
नवले ब्रिज पर हादसों का सिलसिला
नवले ब्रिज, जो पुणे-बेंगलुरु हाईवे का सबसे व्यस्त हिस्सा है, पर पिछले कुछ वर्षों में कई सड़क हादसे हो चुके हैं।
2023 में इसी जगह एक टैंकर पलटने से दो लोगों की मौत हुई थी।
2024 में भी यहां तीन कारों की टक्कर में चार लोग घायल हुए थे।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस पुल पर स्पीड ब्रेकर, सिग्नल और चेतावनी बोर्ड की कमी है, जिससे हादसे लगातार बढ़ रहे हैं।
लोगों का गुस्सा और प्रशासन पर सवाल
हादसे के बाद लोगों में गुस्सा है। कई नागरिक संगठनों ने प्रशासन से स्थायी समाधान की मांग की है। लोगों का कहना है कि यदि समय पर सड़क सुरक्षा के उपाय किए गए होते, तो इतनी जानें नहीं जातीं।
सोशल मीडिया पर भी हादसे की तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं। नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि नवले ब्रिज पर तुरंत स्पीड कैमरा, फ्लैशिंग लाइट्स और ट्रैफिक मॉनिटरिंग सिस्टम लगाया जाए।
राहत कार्य और ट्रैफिक बहाली
रातभर चले राहत कार्य के बाद सुबह तक हाईवे पर ट्रैफिक धीरे-धीरे बहाल किया गया। प्रशासन ने क्षतिग्रस्त गाड़ियों को क्रेन की मदद से हटाया। फायर ब्रिगेड ने पेट्रोल लीक होने की वजह से आग लगने के खतरे को रोकने के लिए विशेष उपाय किए।
विशेषज्ञों की राय
ट्रैफिक एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह हादसा सड़क सुरक्षा उपायों की कमी का परिणाम है। हाईवे पर औसतन हर साल 200 से अधिक दुर्घटनाएं दर्ज होती हैं, जिनमें से बड़ी संख्या स्पीड और लापरवाही से होती है।
विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि इस क्षेत्र में स्पीड लिमिट को 60 किमी/घंटा तक सीमित किया जाए और नवले ब्रिज पर निगरानी कैमरे लगाए जाएं।
सरकार की प्रतिक्रिया
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने घटना पर दुख जताया है और मृतकों के परिवारों को ₹5 लाख मुआवजा देने की घोषणा की है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि दुर्घटना के कारणों की विस्तृत जांच रिपोर्ट 48 घंटे में प्रस्तुत की जाए।
पुणे का यह हादसा एक बार फिर सड़क सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करता है। हर साल देशभर में हजारों लोग ऐसी दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवाते हैं। अब वक्त आ गया है कि सरकार, प्रशासन और नागरिक मिलकर सड़कों को सुरक्षित बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाएं।
