
पंजाबी संगीत और फिल्म इंडस्ट्री को एक बड़ा झटका लगा है — लोकप्रिय पंजाबी गायक राजवीर जवंदा का 8 अक्टूबर 2025 को निधन हो गया। वे पहले एक सड़क दुर्घटना में घायल हुए थे और पिछले 11 दिनों तक वेंटिलेटर पर जिंदगी की जंग लड़ते रहे, लेकिन अंततः उनका निधन हो गया।
दुर्घटना और अस्पताल में भर्ती
27 सितंबर 2025 को, राजवीर जवंदा बाइक से हिमाचल प्रदेश के बद्दी इलाके से शिमला की ओर जा रहे थे, जब अनियंत्रित होकर दुर्घटना हो गई। रिपोर्टों के अनुसार उनकी बाइक राष्ट्रीय मार्ग पर अचानक सामने आने वाले पशु (या गाय/मवेशी) से टकराई, जिससे नियंत्रण खो गया।
इस दुर्घटना में उन्हें गंभीर सिर और रीढ़ की मूँ सेल और मस्तिष्क एवं स्पाइनल चोटें आई थीं।
हादसे के तुरंत बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहाँ प्राथमिक उपचार किया गया। बाद में स्थिति गंभीर होने पर उन्हें मोहाली के Fortis Hospital ट्रांसफर किया गया।
अस्पताल में भर्ती होने के बाद वह आईसीयू में वेंटिलेटर पर थे, और डॉक्टरों की टीम ने उनकी स्थिति को नियंत्रण में रखने की पूरी कोशिश की।
अस्पताल में जंग और अन्तिम क्षण
अस्पताल अधिकारियों की पुष्टि के अनुसार, 8 अक्टूबर 2025 की सुबह 10:55 बजे राजवीर जवंदा को मृत घोषित किया गया।
उनके शरीर की स्थिति इतनी नाजुक थी कि मल्टीपल ऑर्गन फेलियर (बहुत से अंगों की विफलता) को मुख्य कारण बताया गया।
अस्पताल ने कहा कि न्यूरोसर्जरी और क्रिटिकल केयर टीमों ने निरंतर देखरेख की, लेकिन उनका मस्तिष्क और रीढ़ की स्थिति उतनी अनुकूल नहीं हुई।
पोस्टमोर्टम (मैन्युअल परीक्षण) के बाद उनका शरीर उनके पैतृक गाँव ले जाया गया, जहाँ क्रिया (cremation) की जाएगी।
राजवीर जवंदा — उनका जीवन और करियर
राजवीर जवंदा का जन्म लगभग 1990 के आस-पास पोंआ, लुधियाना (पंजाब) में हुआ था।
उन्होंने संगीत जगत में अपनी शुरुआत 2014 में गीत “Munda Like Me” से की थी, और आगे चलकर “Kangni,” “Khush Reha Kar,” “Sardari,” “Do Ni Sajna” जैसे हिट गीत दिए।
इसके अलावा उन्होंने पंजाबी फिल्मों में भी अभिनय किया, जैसे Subedar Joginder Singh (2018), Jind Jaan (2019), Mindo Taseeldarni आदि।
उनके संगीत में पारंपरिक पंजाबी धुनों और आधुनिक संगीत तत्वों का सुंदर मिश्रण था, जो उन्हें विशेष अद्वितीय बनाता था।
प्रतिक्रिया और श्रद्धांजलि
उनकी मौत की खबर सुनते ही पंजाबी म्यूजिक और फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई।
अभिनेत्री नीरू बाजवा ने सोशल मीडिया पर लिखा कि यह बहुत जल्दी हुआ — “बहुत जल्दी चले गए, पर कभी भुलाए नहीं जा सकेंगे।”
गुर्प्रीत घुग्गी ने कहा, “Death has won, youth has lost. Little brother,” और दिलजीत दोसांझ ने समय-समय पर उनकी सलामती के लिए दुआ मांगी।
अन्य कलाकारों, प्रशंसकों और राजनीति जगत ने भी condolences और प्रार्थनाएँ व्यक्त कीं।
राजवीर जवंदा का जाना पंजाबी संगीत प्रेमियों, साथ ही पूरे पंजाबी फिल्म और संगीत परिवार के लिए एक भारी क्षति है। 11 दिनों की जंग, अस्पताल और इलाज — हर कदम पर उम्मीद की किरण थी, लेकिन दुख की बात है कि वे दुनिया से हमेशा के लिए चले गए।
उनका संगीत, उनकी आवाज, और उनकी यादें प्रशंसकों के दिलों में सदैव बनी रहेंगी। इस दुख की घड़ी में हम उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं, और उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं