
बिहार के सीमांचल क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक दिन तब दर्ज हुआ जब पूर्णिया को अपना नया एयरपोर्ट मिला। लंबे समय से इस क्षेत्र के लोग बेहतर हवाई सेवाओं की मांग कर रहे थे और आखिरकार यह सपना पूरा हुआ। नए एयरपोर्ट के उद्घाटन से न केवल क्षेत्रीय कनेक्टिविटी बढ़ेगी बल्कि व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यटन के नए अवसर भी खुलेंगे।
पूर्णिया एयरपोर्ट का उद्घाटन: विकास की उड़ान
नए एयरपोर्ट का उद्घाटन राज्य और केंद्र सरकार के संयुक्त प्रयासों से संभव हुआ। नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ‘उड़ान योजना’ (UDAN – Ude Desh ka Aam Nagrik) के तहत इस एयरपोर्ट को विकसित किया गया है। उद्घाटन समारोह में केंद्रीय मंत्री, राज्य सरकार के प्रतिनिधि, स्थानीय सांसद और हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए।
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री ने कहा, “पूर्णिया एयरपोर्ट न केवल सीमांचल बल्कि पूरे पूर्वोत्तर बिहार के लिए आर्थिक विकास का केंद्र बनेगा। अब यहां से देश के बड़े शहरों तक पहुंचना आसान होगा।”
नए एयरपोर्ट की विशेषताएं
आधुनिक टर्मिनल बिल्डिंग: यात्रियों की सुविधा के लिए अत्याधुनिक टर्मिनल का निर्माण किया गया है।
3000 मीटर लंबा रनवे: बड़े विमानों की लैंडिंग और टेकऑफ की सुविधा।
दैनिक उड़ानें: दिल्ली, कोलकाता, पटना और गुवाहाटी के लिए सीधी उड़ानों की शुरुआत।
कार्गो सेवा: किसानों और व्यापारियों को उत्पाद निर्यात में आसानी होगी।
पार्किंग और सुरक्षा व्यवस्था: आधुनिक सुरक्षा मानक, CCTV निगरानी और पर्याप्त पार्किंग क्षेत्र।
सीमांचल क्षेत्र को क्या मिलेगा फायदा?
1. आर्थिक विकास: उद्योग, कृषि और व्यापार को राष्ट्रीय बाजार तक पहुंच मिलेगी।
2. रोजगार के अवसर: एयरपोर्ट संचालन, लॉजिस्टिक्स, पर्यटन और सेवाओं में नई नौकरियां।
3. शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं: बड़े शहरों तक तेज़ पहुंच से शिक्षा और चिकित्सा सुविधाओं में सुधार।
4. पर्यटन का विकास: पूर्णिया और आसपास के ऐतिहासिक एवं प्राकृतिक स्थलों पर पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी।
5. प्रवासी लोगों को राहत: दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु जैसे शहरों में रहने वाले प्रवासी आसानी से घर आ सकेंगे।
स्थानीय व्यापारियों और किसानों के लिए नया मौका
पूर्णिया और आसपास के जिलों (कटिहार, किशनगंज, अररिया) में बड़ी मात्रा में मकई, जूट और कृषि उत्पाद तैयार होते हैं। अब एयर कार्गो सेवा के माध्यम से इन उत्पादों को देश और विदेश के बाजारों तक तेजी से भेजा जा सकेगा। इससे किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी और व्यापार को गति मिलेगी।
राजनीतिक महत्व और भविष्य की योजनाएं
पूर्णिया एयरपोर्ट का उद्घाटन आने वाले समय में बिहार की राजनीति में भी एक बड़ा मुद्दा बनेगा। विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों इसे विकास के प्रतीक के रूप में पेश कर रहे हैं। राज्य सरकार ने संकेत दिया है कि भविष्य में यहां से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की भी संभावना तलाश की जाएगी।
इसके अलावा, सरकार पूर्णिया को क्षेत्रीय हब बनाने की योजना पर भी विचार कर रही है, जिससे उत्तर बिहार और सीमांचल के अन्य शहरों को जोड़ने वाली हवाई सेवाएं भी शुरू की जा सकें।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
स्थानीय निवासियों ने हवाई सेवाओं की शुरुआत को “सपनों की उड़ान” बताया। कई वर्षों से यह मांग चल रही थी। व्यवसायी रमेश कुमार ने कहा, “हमें अब सड़क और ट्रेन की लंबी यात्रा से छुटकारा मिलेगा। व्यापार में गति आएगी।” वहीं, छात्रा प्रिया कुमारी ने कहा, “अब हम उच्च शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बड़े शहरों में आसानी से जा पाएंगे।”
पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभाव
एयरपोर्ट निर्माण के दौरान पर्यावरण संरक्षण का भी ध्यान रखा गया। रनवे के आसपास ग्रीन बेल्ट डेवलपमेंट, वर्षा जल संचयन और सौर ऊर्जा आधारित बिजली आपूर्ति की योजना बनाई गई है।
सामाजिक दृष्टि से यह एयरपोर्ट सीमांचल के पिछड़ेपन को कम करने में अहम भूमिका निभाएगा। महिलाओं और युवाओं के लिए नए रोजगार और अवसर खुलेंगे।
बिहार में विकास का नया आयाम
पूर्णिया एयरपोर्ट का उद्घाटन केवल एक अवसंरचना परियोजना नहीं है, बल्कि यह बिहार के विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। अब सीमांचल क्षेत्र के लोग गर्व से कह सकते हैं कि उनका इलाका हवाई मानचित्र पर जुड़ चुका है।