देवघर, 30 अक्टूबर : उपायुक्त सह जिलादंडाधिकारी नमन प्रियेश लकड़ा की अध्यक्षता में आज उपायुक्त कार्यालय सभागार में शिक्षा विभाग के स्थापना एवं पदस्थापन से संबंधित समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में जिले के विभिन्न विद्यालयों में शिक्षकों के पदस्थापन, सेवा संपुष्टि एवं शिक्षण व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने से जुड़े कई अहम मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में उपायुक्त ने स्पष्ट कहा कि शिक्षकों का पदस्थापन केवल औपचारिक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि इसका मूल उद्देश्य जिले में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि प्रत्येक विद्यालय में शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए ताकि छात्रों की पढ़ाई किसी भी तरह प्रभावित न हो।
शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और समयबद्धता पर जोर
उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने कहा कि शिक्षा विभाग के कार्यों में पारदर्शिता और समयबद्धता बेहद आवश्यक है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि पदस्थापन प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी, निष्पक्ष और समय पर पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि जिन विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है, वहां शीघ्र आवश्यक कार्रवाई करते हुए पदस्थापन की प्रक्रिया पूरी की जाए ताकि शिक्षा की गुणवत्ता पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जिन विद्यालयों में अधिक संख्या में शिक्षक पदस्थापित हैं, वहां से समुचित समीक्षा कर जरूरत के अनुसार स्थानांतरण किया जाए ताकि शिक्षण कार्य का समान वितरण सुनिश्चित हो सके।
सेवा संपुष्टि के मामलों की भी हुई समीक्षा
बैठक के दौरान उपायुक्त ने शिक्षकों के सेवा संपुष्टि (Confirmation of Service) से जुड़े मामलों की भी समीक्षा की। उन्होंने शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी लंबित सेवा संपुष्टि के मामलों का निपटारा जल्द से जल्द नियमानुसार किया जाए। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के हितों से जुड़े मामलों में अनावश्यक विलंब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों से यह भी कहा कि सेवा संपुष्टि की प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखते हुए दस्तावेजों की उचित जांच सुनिश्चित की जाए।
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सरकार की प्राथमिकता
उपायुक्त ने कहा कि राज्य सरकार का मुख्य उद्देश्य प्रत्येक बच्चे तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचाना है। इसके लिए आवश्यक है कि शिक्षकों की नियुक्ति, पदस्थापन और प्रशिक्षण की प्रक्रिया सुव्यवस्थित तरीके से की जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि विद्यालयों में आधारभूत सुविधाओं को भी सुनिश्चित किया जाए ताकि छात्रों को बेहतर शैक्षणिक माहौल मिल सके। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन शिक्षा व्यवस्था को लेकर पूरी तरह गंभीर है और बच्चों के भविष्य से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। सभी अधिकारियों से अपेक्षा की गई कि वे अपनी जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा से निभाएं।
अधिकारियों की उपस्थिति
बैठक में उपविकास आयुक्त पीयूष सिन्हा, जिला कल्याण पदाधिकारी दयानंद दुबे, जिला शिक्षा अधिकारी विनोद कुमार, जिला शिक्षा अधीक्षक मधुकर कुमार सहित शिक्षा विभाग के कई कर्मी उपस्थित थे। सभी अधिकारियों ने उपायुक्त के निर्देशों को ध्यानपूर्वक सुना और शिक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाने के लिए मिलजुलकर कार्य करने की प्रतिबद्धता जताई।
शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए प्रशासन की पहल
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि जिले के विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के साथ-साथ पठन-पाठन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाएंगे। इसके अलावा, स्कूलों में उपस्थिति की निगरानी और शैक्षणिक प्रगति रिपोर्ट की नियमित समीक्षा की जाएगी। उपायुक्त ने कहा कि शिक्षा किसी भी समाज की प्रगति की नींव होती है। इसलिए प्रशासन का पूरा प्रयास है कि देवघर जिला शिक्षा के क्षेत्र में एक आदर्श मॉडल के रूप में विकसित हो। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि “हर विद्यालय, हर बच्चे तक शिक्षा की रोशनी पहुंचाना हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है।”
बैठक के अंत में उपायुक्त ने सभी संबंधित विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि विभागीय समन्वय और जवाबदेही के माध्यम से ही शिक्षा व्यवस्था में सुधार संभव है। उन्होंने आशा जताई कि पदस्थापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद जिले के विद्यालयों में शिक्षण की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिलेगा।
