
उत्तर प्रदेश ,रायबरेली में गुरुवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के दौरे के दौरान भारतीय जनता पार्टी (BJP) कार्यकर्ताओं ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इसके जवाब में कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी दौरे पर कड़ा विरोध दर्ज कराने की घोषणा की। हालांकि हालात बिगड़ने से पहले ही वाराणसी पुलिस ने कांग्रेस नेताओं पर शिकंजा कसते हुए प्रदेश अध्यक्ष अजय राय सहित कई बड़े नेताओं को नजरबंद कर दिया।
इस पूरे घटनाक्रम ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर गर्मी ला दी है। एक ओर बीजेपी राहुल गांधी पर निशाना साध रही है, वहीं कांग्रेस पीएम मोदी के खिलाफ सड़क पर उतरने की तैयारी कर रही थी।
रायबरेली में राहुल गांधी के खिलाफ नारेबाजी
राहुल गांधी गुरुवार सुबह रायबरेली पहुंचे थे। यहां उन्होंने स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और संगठन की तैयारियों का जायजा लिया। इसी दौरान बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ “राहुल गांधी वापस जाओ” जैसे नारे लगाए। विरोध प्रदर्शन के दौरान कुछ जगहों पर हल्की धक्का-मुक्की भी देखने को मिली।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी का यह विरोध योजनाबद्ध था और प्रशासन ने जानबूझकर बीजेपी कार्यकर्ताओं को रोकने की कोशिश नहीं की। वहीं, बीजेपी नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी सिर्फ भ्रम फैलाने के लिए जनता के बीच जा रहे हैं।
वाराणसी में कांग्रेस का ऐलान – “पीएम मोदी का होगा विरोध”
राहुल गांधी के खिलाफ प्रदर्शन से नाराज कांग्रेस ने ऐलान किया कि वह वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के खिलाफ धरना-प्रदर्शन करेगी। पार्टी नेताओं का कहना था कि वे महंगाई, बेरोजगारी और किसानों की समस्याओं को लेकर प्रधानमंत्री से सवाल करना चाहते हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने मीडिया से कहा था कि वाराणसी की धरती पर कांग्रेस कार्यकर्ता पीएम मोदी से जनता की समस्याओं का जवाब मांगेंगे। लेकिन उनकी यह योजना सफल नहीं हो पाई।

पुलिस ने कसा शिकंजा – अजय राय सहित कई नेता नजरबंद

पुलिस ने कसा शिकंजा – अजय राय सहित कई नेता नजरबंद
वाराणसी पुलिस को जैसे ही कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन की खबर मिली, प्रशासन तुरंत हरकत में आ गया। गुरुवार सुबह पुलिस ने प्रदेश अध्यक्ष अजय राय समेत कई बड़े कांग्रेस नेताओं को उनके घर पर ही नजरबंद कर दिया।
पुलिस अधिकारियों ने साफ कहा कि किसी भी हालत में शहर का माहौल बिगड़ने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि बिना अनुमति कोई भी प्रदर्शन कानून-व्यवस्था के खिलाफ माना जाएगा।
बीजेपी बनाम कांग्रेस – सियासी टकराव तेज
यह पूरा मामला बीजेपी और कांग्रेस के बीच बढ़ते टकराव को दिखाता है। रायबरेली और अमेठी पहले कांग्रेस का गढ़ माने जाते थे, लेकिन पिछले कुछ चुनावों में बीजेपी ने यहां पैठ बनाई है। ऐसे में राहुल गांधी का बार-बार रायबरेली आना कांग्रेस संगठन को मजबूत करने की कोशिश माना जा रहा है।
दूसरी ओर, वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है। कांग्रेस यहां विरोध प्रदर्शन कर सीधे पीएम को घेरने की रणनीति बना रही थी। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों पार्टियां अब आमने-सामने आकर जनता के बीच अपनी ताकत दिखाना चाहती हैं।
अजय राय बोले – “डर से रोक रही है सरकार”
नजरबंद किए जाने के बाद अजय राय ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि बीजेपी सरकार विपक्ष की आवाज दबा रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता सिर्फ जनता की समस्याओं को उठाना चाहते थे, लेकिन सरकार को डर है कि सच्चाई सामने आएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में कांग्रेस और मजबूती से बीजेपी के खिलाफ आंदोलन करेगी।
बीजेपी का पलटवार – “नाटक कर रही है कांग्रेस”
बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों को नकारते हुए कहा कि यह सिर्फ राजनीतिक स्टंट है। बीजेपी नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी और उनकी पार्टी सिर्फ मीडिया में बने रहने के लिए ऐसे विरोध का ड्रामा कर रही है।
बीजेपी प्रवक्ताओं ने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस का संगठन अब इतना कमजोर हो चुका है कि उसे दिखावे के लिए पुलिस कार्रवाई का सहारा लेना पड़ रहा है।
राजनीतिक हलचल और आने वाले चुनाव
उत्तर प्रदेश आने वाले समय में कई बड़े चुनावी मुकाबलों का गवाह बनेगा। लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच बीजेपी और कांग्रेस दोनों अपनी रणनीति को मजबूत करने में जुटे हैं।
रायबरेली और वाराणसी की घटनाओं से साफ है कि दोनों दल अब आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में हैं। राहुल गांधी और अजय राय की सक्रियता कांग्रेस के लिए नई ऊर्जा मानी जा रही है, जबकि बीजेपी इस विरोध को जनता का समय बर्बाद करने वाला कदम बता रही है।
राजनीतिक पंडितों का मानना है कि आने वाले महीनों में ऐसे विरोध और प्रदर्शन और तेज होंगे।
रायबरेली में राहुल गांधी का विरोध और वाराणसी में कांग्रेस नेताओं का नजरबंद होना सिर्फ दो घटनाएं नहीं हैं, बल्कि यह यूपी की सियासत में बढ़ते टकराव की तस्वीर है।
बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही अपने-अपने तरीके से जनता को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं।
अब देखना यह होगा कि आने वाले चुनावों में किसकी रणनीति सफल होती है और जनता किसे समर्थन देती है।