नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा बीजेपी पर लगाए गए ‘वोट चोरी’ के आरोप के बाद अब भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने करारा जवाब दिया है। दुबे ने कहा कि गांधी परिवार का पूरा इतिहास ही “चोरी और भ्रष्टाचार” से भरा हुआ है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जैसे नेताओं को लोकतंत्र पर ज्ञान देने से पहले अपने परिवार के काले इतिहास को याद करना चाहिए।

राहुल गांधी ने हाल ही में एक जनसभा के दौरान कहा था कि भाजपा चुनावों में वोट चोरी करने की कोशिश कर रही है। उनके इस बयान पर निशिकांत दुबे ने सोशल
मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा,
> “गांधी परिवार का पूरा इतिहास चोरों से भरा पड़ा है — चाहे वो जेबकतरी की राजनीति हो, नेशनल हेराल्ड का मामला हो या बोफोर्स घोटाला, हर जगह परिवार का नाम सामने आया है। अब वही लोग दूसरों पर चोरी का आरोप लगा रहे हैं, यह हास्यास्पद है।”
राहुल गांधी का आरोप: ‘बीजेपी वोट चुरा रही है’
राहुल गांधी ने बिहार चुनाव 2025 के संदर्भ में यह बयान दिया था। उन्होंने दावा किया कि भाजपा लोकतंत्र को कमजोर कर रही है और चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा,
उन्होंने कहा,
“ईवीएम पर जनता का भरोसा खत्म हो रहा है। बीजेपी वोट चोरी कर रही है और लोकतंत्र को खत्म करने पर तुली है।”
राहुल गांधी का यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इसे “जनता की आवाज़” बताते हुए समर्थन किया, जबकि भाजपा नेताओं ने इसे “हार की हताशा” करार दिया।
निशिकांत दुबे का पलटवार: “परिवारवाद और भ्रष्टाचार कांग्रेस की पहचान”
निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी को पहले खुद के गिरेबान में झांकना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज जो लोग “वोट चोरी” की बात कर रहे हैं, वही लोग आज़ादी के बाद से देश को लूटते रहे हैं।
दुबे ने अपने बयान में कहा —
“राहुल गांधी को पहले अपने परिवार के इतिहास पर नजर डालनी चाहिए। बोफोर्स घोटाला, नेशनल हेराल्ड मामला, 2G और कॉमनवेल्थ जैसे भ्रष्टाचार में कांग्रेस का ही नाम रहा है। इन सबके बाद भी अगर वह दूसरों को ‘चोर’ कहते हैं, तो यह लोकतंत्र का मज़ाक है।”
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
कांग्रेस ने निशिकांत दुबे के बयान को “घबराहट का परिणाम” बताया। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि भाजपा नेताओं को जनता के असली मुद्दों से डर लग रहा है, इसलिए वे व्यक्तिगत हमलों पर उतर आए हैं।
खेड़ा ने कहा —
“जब कोई सरकार जनता को जवाब नहीं दे पाती, तो वह विपक्ष के नेताओं पर निजी हमले करती है। राहुल गांधी ने जो कहा, वह जनता के अनुभव पर आधारित है। भाजपा ईवीएम और संस्थाओं का दुरुपयोग कर रही है।”
चुनावी माहौल में गरमा-गरमी
बिहार चुनाव 2025 के दूसरे चरण के मतदान से पहले राजनीतिक माहौल और गर्म हो गया है। राहुल गांधी और निशिकांत दुबे के बीच जुबानी जंग ने सोशल मीडिया पर भी बहस छेड़ दी है। ट्विटर (X) पर “#VoteChori” और “#NishikantDubey” ट्रेंड करने लगे हैं।
भाजपा समर्थक राहुल गांधी के बयान को “फर्जी प्रोपेगेंडा” बता रहे हैं, जबकि कांग्रेस समर्थक “लोकतंत्र बचाओ” के नारे लगा रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों की राय
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि राहुल गांधी का यह बयान विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश का हिस्सा है। वहीं निशिकांत दुबे का तीखा जवाब भाजपा की “काउंटर नैरेटिव पॉलिटिक्स” को मजबूत करता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के बयान चुनाव से ठीक पहले मतदाताओं को भावनात्मक रूप से प्रभावित करने का प्रयास होते हैं।
दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. अरुण मिश्रा का कहना है,
“राहुल गांधी के आरोप विपक्षी एकजुटता की रणनीति का हिस्सा हैं। वहीं निशिकांत दुबे जैसे भाजपा नेताओं का पलटवार पार्टी के कार्यकर्ताओं में ऊर्जा भरने का प्रयास है।”
जनता की प्रतिक्रिया
जनता के बीच इस बयानबाज़ी को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ लोग राहुल गांधी के बयान को “साहसिक” मानते हैं, जबकि कुछ इसे “चुनावी स्टंट” बता रहे हैं।
सोशल मीडिया पर एक यूज़र ने लिखा —
“राहुल गांधी सही कह रहे हैं, ईवीएम पर भरोसा नहीं बचा।”
दूसरे यूज़र ने जवाब दिया —
“जो हर बार हारता है, वही मशीन को दोष देता है।”
राहुल गांधी और निशिकांत दुबे के बीच यह राजनीतिक तकरार 2025 के चुनावी माहौल में नई गर्मी लेकर आई है। जहां राहुल गांधी चुनावी प्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं, वहीं भाजपा नेता कांग्रेस के इतिहास को निशाने पर ले रहे हैं।
आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह जुबानी जंग केवल राजनीतिक बयानबाज़ी तक सीमित रहती है या इसका असर मतदाताओं के मूड पर भी पड़ता है।
