
अरुण जेटली पर राहुल गांधी का दावा बेनकाब? बेटे रोहन जेटली ने लगाए तीखे आरोप, कहा- झूठ फैलाना बंद करें”
नई दिल्ली।लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली पर लगाए गए कथित आरोपों पर बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। राहुल गांधी ने लोकसभा में दावा किया कि कृषि कानूनों पर चर्चा के दौरान अरुण जेटली ने उन्हें “डांटा” और “धमकाया” था। लेकिन अब स्व. जेटली के बेटे और भाजपा नेता रोहन जेटली ने राहुल गांधी को आड़े हाथों लेते हुए तीखे सवाल दागे हैं। उन्होंने राहुल के बयान को “झूठा और तथ्यहीन” बताया है।
राहुल गांधी का दावा क्या था?
बीते दिनों लोकसभा में राहुल गांधी ने कहा कि जब वे कृषि कानूनों के खिलाफ आवाज उठा रहे थे, तो उस समय अरुण जेटली ने उन्हें बुलाया और चुप रहने के लिए कहा। राहुल ने यह भी जोड़ा कि जेटली ने उनके व्यवहार पर नाराज़गी जताई थी और उन्हें धमकी जैसी बात कही थी।
राहुल गांधी के मुताबिक, “अरुण जेटली जी ने मुझे कहा था कि तुम ये मत करो… यह देश के हित में है। लेकिन मैं नहीं माना क्योंकि मुझे पता था कि ये कानून किसानों के खिलाफ हैं।”
रोहन जेटली का जवाब: ‘झूठ बंद करें’
अरुण जेटली के बेटे रोहन जेटली ने राहुल गांधी के बयान को न केवल सिरे से खारिज किया बल्कि इसे “राजनीतिक झूठ” करार दिया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को इस तरह के झूठे दावे करने से बचना चाहिए और पूर्व केंद्रीय मंत्री की छवि को खराब करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
रोहन जेटली ने कहा:
> “मेरे पिता का सार्वजनिक रिकॉर्ड स्पष्ट है। वे बहस करने में यकीन रखते थे, धमकाने में नहीं। राहुल गांधी को सच्चाई से परे जाकर बयानबाजी करने की आदत है।”
रोहन ने पूछे तीखे सवाल
रोहन जेटली ने राहुल गांधी से कुछ सीधे सवाल भी पूछे:
1. कब और कहां हुई वह बातचीत?
2. क्या कोई गवाह या रिकॉर्ड मौजूद है?
3. अगर यह बात सच थी तो इतने सालों बाद क्यों याद आई?
उन्होंने आगे कहा कि उनके पिता हमेशा तर्कों के साथ संवाद करते थे और वे लोकतंत्र की मर्यादा में रहते हुए राजनीतिक असहमति का सम्मान करते थे।
पारिवारिक गरिमा और राजनीतिक मर्यादा की बात
रोहन जेटली ने राहुल गांधी पर यह आरोप भी लगाया कि वे ऐसे मुद्दे उठाकर स्वर्गीय नेताओं की छवि धूमिल करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजनीतिक असहमति को निजी हमले और झूठे दावों का मंच नहीं बनाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा:
> “किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में इस तरह की झूठी बात करना जो अब इस दुनिया में नहीं है, बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।”
राजनीतिक विश्लेषकों की राय
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राहुल गांधी का बयान एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा हो सकता है जिससे वे भाजपा को आक्रामक रूप में पेश कर सकें। हालांकि, अरुण जेटली जैसे वरिष्ठ और विचारशील नेता पर इस तरह के व्यक्तिगत आरोप राजनीतिक शिष्टाचार के खिलाफ माने जा रहे हैं।
वरिष्ठ पत्रकारों के अनुसार, “अरुण जेटली की छवि एक परिपक्व और तर्कशील राजनेता की थी। ऐसे में राहुल गांधी का यह दावा राजनीतिक रूप से भारी पड़ सकता है।”
अरुण जेटली: एक तर्कशील नेता
अरुण जेटली भारतीय राजनीति में विचारधारा और तर्क के मजबूत स्तंभ माने जाते थे। चाहे संसद हो या प्रेस कॉन्फ्रेंस, वे अपने शांत और तार्किक भाषणों के लिए जाने जाते थे। उनके विरोधी भी उन्हें एक शालीन राजनेता मानते थे।
ऐसे में राहुल गांधी का यह दावा न केवल असंगत नजर आता है, बल्कि इससे उनकी विश्वसनीयता पर भी सवाल उठते हैं।
कांग्रेस की सफाई संभव?
अब सबकी नजर इस बात पर टिकी है कि क्या कांग्रेस पार्टी इस बयान को लेकर सफाई देती है या रोहन जेटली के सवालों का जवाब देती है। यदि राहुल गांधी के पास कोई सबूत नहीं होता, तो यह मुद्दा उनके खिलाफ जा सकता है और भाजपा इसे संसद से लेकर जनसभा तक उठाने से पीछे नहीं हटेगी।
राहुल गांधी के अरुण जेटली पर दिए गए बयान ने भारतीय राजनीति में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। रोहन जेटली की कड़ी प्रतिक्रिया ने राहुल को कटघरे में खड़ा कर दिया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाती है और क्या राहुल गांधी इस पर आगे कोई स्पष्टीकरण देते हैं।