
भोपाल | भाई-बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन इस वर्ष विशेष योग में मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार 9 अगस्त को रक्षाबंधन का पर्व पूरे देश में मनाया जाएगा और खास बात यह है कि इस दिन भद्रा नहीं रहेगी, यानी दिनभर बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांध सकेंगी।
इस बार दो दिन रहेगी सावन पूर्णिमा
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस बार सावन पूर्णिमा तिथि 8 अगस्त को रात 3:05 बजे से शुरू होगी और 9 अगस्त को रात 11:55 बजे तक रहेगी। चूंकि रक्षाबंधन का पर्व पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है और राखी बांधने के लिए भद्रा काल वर्जित होता है, इसलिए यह पर्व 9 अगस्त को पूरे दिन मनाया जाएगा।
इस बार बहनों को दिनभर अपने भाइयों को राखी बांधने का अवसर मिलेगा। ना सिर्फ समय की कोई पाबंदी होगी, बल्कि शुभ मुहूर्त भी प्रचुर मात्रा में रहेगा।
रक्षाबंधन का महत्व
रक्षाबंधन सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि भावनाओं, संस्कारों और परंपराओं का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि की कामना करते हुए उनकी कलाई पर राखी बांधती हैं, वहीं भाई उन्हें जीवनभर रक्षा का वचन देते हैं।
यह पर्व भारतीय संस्कृति में नारी सम्मान और सुरक्षा के प्रति संकल्प लेने का अवसर भी प्रदान करता है।
शुभ मुहूर्त और भद्रा रहित तिथि
इस साल रक्षाबंधन के दिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि भद्रा का साया नहीं रहेगा, जो आमतौर पर राखी बांधने में बाधा बनता है।
9 अगस्त को शुभ मुहूर्त:
पूर्णिमा तिथि: 8 अगस्त रात 3:05 बजे से 9 अगस्त रात 11:55 बजे तक
राखी बांधने का शुभ समय: 9 अगस्त को सुबह से रात तक (पूरे दिन)
भद्रा काल: नहीं रहेगा
इसलिए राखी का पर्व बिना किसी ज्योतिषीय रुकावट के पूरे श्रद्धा और विधिपूर्वक मनाया जा सकेगा।
बाजारों में रौनक, राखियों की धूम
रक्षाबंधन नजदीक आते ही बाजारों में रौनक बढ़ गई है। तरह-तरह की राखियों से बाजार सजे हुए हैं – बच्चों के लिए कार्टून राखियां, युवाओं के लिए ट्रेंडी राखियां और पारंपरिक कलावे भी लोगों की पसंद बने हुए हैं।
इस बार इको-फ्रेंडली और हस्तनिर्मित राखियों की भी खूब मांग है। बहनों की तैयारियों के बीच मिठाई और गिफ्ट शॉप्स पर भी ग्राहकों की भीड़ देखी जा रही है।
भाई-बहन की जोड़ी से जुड़ी लोककथाएं और ऐतिहासिक प्रसंग
रक्षाबंधन का महत्व सिर्फ धार्मिक नहीं बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
कृष्ण-द्रौपदी कथा: जब श्रीकृष्ण का हाथ घायल हुआ था तो द्रौपदी ने अपनी साड़ी फाड़कर उनकी उंगली में बांधी थी। बदले में श्रीकृष्ण ने द्रौपदी की रक्षा का वादा निभाया।
रानी कर्णावती और हुमायूं: चित्तौड़ की रानी कर्णावती ने मुग़ल सम्राट हुमायूं को राखी भेजकर अपनी रक्षा की गुहार लगाई थी। हुमायूं ने राखी की लाज रखी और रानी की सहायता की।
सरकारी और निजी क्षेत्र में भी छुट्टी का ऐलान
रक्षाबंधन के अवसर पर अधिकांश राज्यों में सरकारी अवकाश घोषित किया गया है। स्कूल, कॉलेज, बैंक और कई निजी संस्थान इस दिन बंद रहेंगे ताकि भाई-बहन इस पर्व को पूरे पारिवारिक भाव से मना सकें।
विशेषज्ञों की राय: भद्रा न होने से शुभ संकेत
पंडितों और ज्योतिषियों का मानना है कि इस बार रक्षाबंधन समस्त दोषों से मुक्त है। भद्रा काल न होने के कारण इसे विशेष रूप से शुभ और फलदायी माना जा रहा है। यह दिन भाई-बहनों के रिश्ते में और मजबूती लाएगा और घर में सुख-शांति का वास होगा।
इस वर्ष रक्षाबंधन का पर्व सभी ज्योतिषीय दृष्टियों से श्रेष्ठ दिन पर पड़ रहा है। यह पर्व केवल एक रिवाज नहीं, बल्कि एक सामाजिक और भावनात्मक दायित्व है जो भाई और बहन के अटूट प्रेम को और भी गहरा करता है।
तो तैयार हो जाइए, इस 9 अगस्त को अपने भाई या बहन को राखी और उपहार देकर रिश्तों में नई मिठास घोलने के लिए