
हापुड़: उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में शनिवार सुबह एक बड़ा हादसा टल गया जब रामपुर से दिल्ली जा रही उत्तर प्रदेश रोडवेज की बस ब्रजघाट स्थित गंगा पुल पर रेलिंग तोड़ते हुए हवा में लटक गई। बस का आधा हिस्सा पुल से नीचे लटक गया, जबकि बाकी हिस्सा पुल पर ही अटका रहा। हादसे के वक्त बस में करीब 16 यात्री सवार थे, जिनकी सांसें थम सी गईं। गनीमत यह रही कि सभी यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया और कोई जनहानि नहीं हुई।
कैसे हुआ हादसा?
घटना शनिवार सुबह करीब 8 बजे की बताई जा रही है। रोडवेज की यह बस रामपुर डिपो से दिल्ली जा रही थी। जैसे ही बस ब्रजघाट गंगा पुल पर पहुंची, चालक का वाहन पर संतुलन बिगड़ गया। बताया जा रहा है कि अचानक किसी वाहन को बचाने के चक्कर में बस का पहिया फिसल गया और वह पुल की रेलिंग तोड़ते हुए हवा में लटक गई।
बस के लटकते ही यात्रियों में चीख-पुकार मच गई। कुछ यात्रियों ने तुरंत खिड़कियों से बाहर निकलने की कोशिश की जबकि अन्य सीटों से नीचे झुक गए। गनीमत यह रही कि बस पुल से पूरी तरह नीचे नहीं गिरी, वरना बड़ा हादसा हो सकता था।
पुलिस और प्रशासन ने संभाली स्थिति
घटना की सूचना मिलते ही ब्रजघाट पुलिस चौकी और गढमुक्तेश्वर थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने तत्काल सभी यात्रियों को बस से सुरक्षित बाहर निकालने का अभियान शुरू किया। राहत कार्य के लिए दो बड़ी क्रेन बुलाई गईं ताकि बस को सुरक्षित पुल पर खींचा जा सके।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सभी यात्रियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है और बस को हटाने का काम जारी है। एनएच-9 पर कुछ समय के लिए जाम की स्थिति बन गई थी, लेकिन अब यातायात सुचारू कर दिया गया है।
यात्रियों ने बताया डरावना मंजर
बस में सवार यात्रियों ने बताया कि हादसे के दौरान ऐसा लग रहा था जैसे बस नीचे गिर जाएगी। एक यात्री ने कहा,
> “बस अचानक झटके से रुक गई और आधा हिस्सा नीचे की तरफ झुक गया। हम सब जोर-जोर से चिल्लाने लगे। ड्राइवर ने दरवाजा खोलकर सभी को बाहर निकलने के लिए कहा। हम लोगों ने किसी तरह जान बचाई।”
दूसरे यात्री ने कहा,
> “अगर बस कुछ इंच और आगे बढ़ जाती, तो हम सब गंगा नदी में गिर जाते। यह हमारे जीवन का सबसे डरावना अनुभव था।”
हादसे की वजह क्या थी?
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि बस का ब्रेक फेल या स्टीयरिंग में खराबी होने की संभावना है। हालांकि, कुछ यात्रियों का कहना है कि चालक तेज रफ्तार में बस चला रहा था और एक ट्रक को ओवरटेक करने के दौरान यह हादसा हुआ।
पुलिस ने चालक को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। बस को क्रेन की मदद से हटाया गया और पुल पर सुरक्षा जांच भी कराई जा रही है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।
गंगा पुल की सुरक्षा पर उठे सवाल
यह घटना गंगा पुल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल पर अक्सर भारी वाहनों की लाइन लगी रहती है और रेलिंग कमजोर हो चुकी है। कई बार शिकायतों के बावजूद प्रशासन ने मरम्मत नहीं कराई।
एक स्थानीय निवासी ने कहा,
> “पुल पर रोज हजारों वाहन गुजरते हैं। रेलिंग जर्जर हो चुकी है। अगर यह हादसा कुछ और गंभीर होता तो कई जानें जा सकती थीं।”
इस घटना के बाद प्रशासन ने पुल की जांच और मरम्मत का आदेश दिया है।
सभी यात्री सुरक्षित, प्रशासन ने की राहत की घोषणा
हापुड़ जिला प्रशासन ने बताया कि सभी यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। किसी के घायल होने की सूचना नहीं है। बस को पुल से हटाने का काम पूरा कर लिया गया है और यातायात बहाल कर दिया गया है।
जिलाधिकारी ने कहा कि
> “यह गनीमत की बात है कि कोई जनहानि नहीं हुई। ड्राइवर और बस के तकनीकी पहलुओं की जांच कराई जा रही है। रोडवेज विभाग को भी रिपोर्ट सौंपी जाएगी।”
पुलिस ने किया ट्रैफिक डायवर्जन
घटना के चलते करीब दो घंटे तक एनएच-9 पर लंबा जाम लग गया। दिल्ली और मुरादाबाद की ओर जाने वाले वाहनों को वैकल्पिक मार्गों से डायवर्ट किया गया। यातायात को फिर से सामान्य करने में पुलिस को काफी मेहनत करनी पड़ी।
वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल
घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि बस पुल की रेलिंग तोड़कर आधी हवा में लटकी हुई है और नीचे गंगा नदी बह रही है। वीडियो में यात्रियों को चीखते-चिल्लाते देखा जा सकता है। लोग कह रहे हैं कि यह “चमत्कार” था कि किसी की जान नहीं गई।
सरकार ने मांगी रिपोर्ट
इस गंभीर घटना पर परिवहन विभाग ने सख्ती दिखाई है। विभाग ने रोडवेज डिपो प्रबंधक से 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट मांगी है। साथ ही यह निर्देश दिया गया है कि बसों की नियमित जांच की जाए ताकि इस तरह की दुर्घटनाओं से बचा जा सके।
हापुड़ के ब्रजघाट गंगा पुल पर हुआ यह हादसा एक चेतावनी है कि सड़कों और पुलों की नियमित निगरानी कितनी जरूरी है। यात्रियों की सूझबूझ और पुलिस की तत्परता से एक बड़ा हादसा टल गया। अगर थोड़ी सी भी देरी होती, तो यह घटना किसी त्रासदी में बदल सकती थी।