
Ranchi: बेटे की करतूत से शर्मसार पिता ने लगाया फांसी का फंदा, वट सावित्री की पूजा कर रही पत्नी के उजड़ गए सुहाग के सपने।
रांची। राजधानी रांची के रातू रोड स्थित आर्यपुरी इलाके से सोमवार को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जिसने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। यहां 35 वर्षीय अमित जायसवाल ने अपने ही बेटे की शर्मनाक करतूत से आहत होकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना का सबसे भावुक पहलू यह रहा कि जब अमित की पत्नी अपने पति की लंबी उम्र के लिए वट सावित्री की पूजा कर रही थी, उसी वक्त उसका सुहाग हमेशा के लिए उजड़ गया।
बेटे की करतूत से था परेशान
सूत्रों के अनुसार कुछ दिन पूर्व इंद्रपुरी क्षेत्र में एक महिला के साथ चेन छिनतई की घटना हुई थी। जब घटना की जांच हुई, तो पीड़ित महिला को पता चला कि इस वारदात में अमित जायसवाल का बेटा प्रिंस भी शामिल था। यह जानकारी सामने आते ही पीड़िता और उसके परिजन अमित के घर पहुंचे और वहां जमकर हंगामा किया। देखते ही देखते यह खबर पूरे मोहल्ले में फैल गई और अमित तथा उसके परिवार को समाज में बदनामी का सामना करना पड़ा।
अमित इस घटना के बाद से ही गहरे मानसिक तनाव में रहने लगे थे। एक ओर समाज का तिरस्कार और दूसरी ओर बेटे की आपराधिक हरकत ने उन्हें अंदर से तोड़ दिया था। परिजनों के मुताबिक, वह हर दिन अवसाद की स्थिति में पहुंचते जा रहे थे।
वट सावित्री पूजा के दौरान उठाया आत्मघाती कदम
सोमवार सुबह अमित की पत्नी रिंकी जायसवाल वट सावित्री की पूजा करने निकली थीं, जो हिंदू धर्म में पति की लंबी उम्र के लिए किया जाने वाला विशेष व्रत होता है। घर पर अमित अकेले थे। इसी दौरान उन्होंने खुद को कमरे में बंद कर लिया और फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।
जब पूजा समाप्त कर रिंकी घर लौटीं तो उन्होंने पति को पंखे से लटका देखा। घबराकर उन्होंने पड़ोसियों को बुलाया, जिन्होंने तुरंत अमित को रिम्स अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
मोहल्ले में पसरा मातम, जांच में जुटी पुलिस
इस घटना के बाद मोहल्ले में शोक का माहौल है। आसपास के लोग स्तब्ध हैं कि एक सम्मानित और शांत स्वभाव के व्यक्ति ने ऐसा कदम क्यों उठाया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच की जा रही है। साथ ही चेन छिनतई की घटना में शामिल प्रिंस के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की तैयारी चल रही है।
सवालों में पारिवारिक और सामाजिक दबाव
यह घटना समाज के सामने कई सवाल छोड़ जाती है — क्या एक पिता को बेटे की गलती की इतनी बड़ी कीमत चुकानी चाहिए? क्या समाज का नजरिया किसी को मानसिक रूप से इतना तोड़ सकता है कि वह जीवन समाप्त कर ले? यह सिर्फ एक आत्महत्या नहीं, बल्कि सामाजिक संवेदनशीलता पर एक करारी चोट है।