
रांची। झारखंड की राजधानी रांची से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। बेड़ो थाना क्षेत्र के एक बैंक में 2 साल की बच्ची कांच के ऑटोमैटिक दरवाजे में फंस गई। मासूम की जान पर बन आई थी लेकिन मौके पर मौजूद लोगों की सूचना पर तुरंत बेड़ो पुलिस की टीम पहुंची और बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाला। पुलिस की तत्परता और स्थानीय लोगों की मदद से मासूम की जान बच पाई। यह घटना क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई है और लोगों ने पुलिस की सराहना की है।
घटना कैसे हुई?
शनिवार को दोपहर के समय बेड़ो थाना क्षेत्र स्थित एक निजी बैंक में लोगों की भीड़ थी। उसी दौरान एक महिला अपनी 2 वर्षीय बच्ची के साथ बैंक आई। बच्ची खेलते-खेलते अचानक बैंक के ऑटोमैटिक कांच के दरवाजे की ओर बढ़ गई और देखते ही देखते उसके बीच फंस गई। कांच का दरवाजा बंद हो रहा था और बच्ची बीच में ही दब गई।
कुछ ही सेकंड में बच्ची जोर-जोर से रोने लगी और मां घबराकर चिल्लाने लगी। मौके पर मौजूद लोग घबरा गए और तुरंत दरवाजा खोलने की कोशिश करने लगे। लेकिन दरवाजा ऑटोमैटिक सिस्टम से चलता था, इस वजह से तुरंत खोलना संभव नहीं हो पा रहा था।
मौके पर पहुंची बेड़ो पुलिस
घटना की सूचना मिलते ही बेड़ो थाना प्रभारी ने तुरंत पुलिस टीम भेजी। पुलिसकर्मी बैंक पहुंचे और बिना देरी किए दरवाजे का कंट्रोल सिस्टम बंद करवाया। इसके बाद दरवाजा खोला गया और मासूम को बाहर निकाला गया।
करीब 5 मिनट तक बच्ची दरवाजे में फंसी रही थी। लेकिन पुलिस और बैंक स्टाफ की तत्परता से उसकी जान बच पाई। बच्ची को हल्की खरोंचें आईं लेकिन किसी गंभीर चोट से वह बच गई।
लोगों ने पुलिस की सराहना की
घटना के बाद बैंक में मौजूद लोग पुलिस की त्वरित कार्रवाई देखकर राहत की सांस ली। बच्ची की मां ने रोते हुए कहा कि अगर पुलिस समय पर नहीं आती तो उनकी बच्ची की जान चली जाती।
स्थानीय लोगों ने बेड़ो पुलिस की तारीफ करते हुए कहा कि यह घटना पुलिस की संवेदनशीलता और तत्परता का उदाहरण है। आमतौर पर लोग पुलिस को लेकर शिकायतें करते हैं, लेकिन इस मामले में पुलिस ने मानवीयता का परिचय दिया।
बैंक प्रशासन पर सवाल
हालांकि, इस घटना के बाद बैंक प्रशासन पर सवाल खड़े हो गए हैं। लोगों का कहना है कि बैंक में छोटे बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम होने चाहिए। अगर दरवाजे में सेफ्टी सेंसर सही से काम कर रहा होता तो बच्ची फंसती ही नहीं।
स्थानीय लोगों ने मांग की है कि बैंक प्रबंधन इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए सुरक्षा मानकों को और बेहतर बनाए।
बेड़ो पुलिस की छवि बनी मजबूत
रांची जिले में बेड़ो पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई की चर्चा हर जगह हो रही है। सोशल मीडिया पर भी लोग पुलिस की तारीफ कर रहे हैं। कई लोगों ने लिखा कि यह पुलिस-जन सहयोग का बेहतरीन उदाहरण है।
यह घटना न केवल मासूम की जान बचाने वाली साबित हुई बल्कि पुलिस और जनता के बीच विश्वास को भी मजबूत करने का काम किया।
घटना से मिली सीख
इस घटना ने यह भी दिखाया कि सार्वजनिक स्थानों पर बच्चों की सुरक्षा को लेकर माता-पिता को हमेशा सतर्क रहना चाहिए।
छोटे बच्चों को कभी अकेला न छोड़ें।
ऑटोमैटिक दरवाजों और मशीनों से उन्हें दूर रखें।
बैंक, मॉल और अन्य भीड़भाड़ वाले स्थानों में बच्चों पर नजर बनाए रखें।
नतीजा
बेड़ो पुलिस की तत्परता और मानवीयता से आज एक मासूम की जान बच गई। अगर थोड़ी सी भी देर हो जाती तो शायद परिणाम भयावह हो सकता था। यह घटना पुलिस की सकारात्मक छवि को मजबूत करने के साथ-साथ सुरक्षा मानकों की ओर भी ध्यान दिलाती है।