
रांची, 12 सितंबर 2025।
रांची शहर में आज सिटी बस कर्मचारियों ने जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें बिना किसी पूर्व सूचना, नोटिस या उचित प्रक्रिया के अचानक हटा दिया गया है। इससे न सिर्फ उनके आर्थिक संकट बढ़े हैं बल्कि उनके परिवारों के सामने भी रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। कर्मचारियों ने प्रशासन से न्याय की मांग करते हुए कहा कि उनकी समस्याओं पर तुरंत ध्यान दिया जाए।
प्रदर्शन का कारण
सिटी बस सेवा में कार्यरत कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें सेवा से हटाने से पहले न तो कोई लिखित सूचना दी गई, न ही कोई स्पष्टीकरण का मौका। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि प्रबंधन ने मनमाने तरीके से उन्हें नौकरी से निकाल दिया।
कर्मचारियों के अनुसार, कई वर्षों से वे बस सेवा में काम कर रहे थे और नियमित रूप से अपने दायित्व निभा रहे थे। बावजूद इसके, उन्हें बिना पूर्व सूचना हटाकर उनके अधिकारों का हनन किया गया। प्रदर्शन में शामिल एक कर्मचारी ने कहा:
“हमने शहर की जनता की सेवा की है, अपने परिवार से दूर रहकर काम किया है। अचानक हटाना बिल्कुल अन्याय है। हमें रोजगार चाहिए, भीख नहीं।”
बस सेवा प्रभावित
प्रदर्शन के कारण रांची शहर में बस सेवा बाधित हो गई। कई रूट पर बसें नहीं चलीं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। ऑफिस जाने वाले लोग, छात्र और आम नागरिक घंटों परेशान रहे। यात्रियों ने भी कर्मचारियों के साथ सहानुभूति जताई और कहा कि प्रशासन को समस्या का समाधान निकालना चाहिए ताकि सेवा फिर से सुचारु रूप से चल सके।
प्रशासन से मांग
कर्मचारी संगठन ने रांची जिला प्रशासन और परिवहन विभाग से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने कहा कि:
1. हटाने की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए।
2. प्रभावित कर्मचारियों को सेवा में वापस लिया जाए।
3. सेवा समाप्त करने से पहले नोटिस और सुनवाई का अधिकार दिया जाए।
4. उनके परिवारों के लिए आर्थिक मदद की व्यवस्था की जाए।
प्रदर्शन में शामिल कर्मचारियों ने नारे भी लगाए – “रोजगार दो, न्याय दो!”, “हमारा हक वापस दो!”।
प्रशासन का पक्ष
रांची जिला प्रशासन ने कहा है कि मामले की जांच की जाएगी। प्रारंभिक तौर पर यह बताया गया है कि कुछ कर्मचारियों की नियुक्ति अनुबंध आधारित थी और अनुबंध समाप्त होने पर उन्हें हटाया गया। हालांकि प्रशासन ने यह भी कहा कि कर्मचारियों की शिकायतों का समाधान कराया जाएगा और उनकी आर्थिक स्थिति पर ध्यान दिया जाएगा।
कर्मचारियों की स्थिति
सिटी बस सेवा में कार्यरत अधिकांश कर्मचारी निम्न आय वर्ग से हैं। इनमें से कई परिवार शहर के बाहर से आकर काम कर रहे हैं। सेवा समाप्त होने से उन्हें किराया, बच्चों की पढ़ाई, और दैनिक खर्चों की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। कई कर्मचारियों ने बताया कि वे कर्ज लेकर परिवार चलाते हैं और नौकरी जाने से मानसिक तनाव में हैं।
नागरिकों का समर्थन
स्थानीय नागरिकों, छात्र संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कर्मचारियों के समर्थन में आवाज उठाई है। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर अभियान चलाकर प्रशासन से समाधान की मांग की। शहर में कुछ जगहों पर जनसभाएँ भी आयोजित की गईं जहाँ नागरिकों ने कहा कि रोजगार छिनना मानवाधिकार का उल्लंघन है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की समस्याएँ केवल कर्मचारियों तक सीमित नहीं रहतीं, बल्कि इससे सेवा व्यवस्था पर भी असर पड़ता है। यदि समय पर समाधान नहीं निकाला गया तो शहर की सार्वजनिक परिवहन प्रणाली प्रभावित हो सकती है। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि:
सार्वजनिक परिवहन में कार्यरत कर्मचारियों के लिए सेवा नियमों को स्पष्ट किया जाए।
श्रम कानूनों के अनुसार हटाने से पहले नोटिस और सुनवाई का प्रावधान अनिवार्य किया जाए।
आर्थिक संकट से जूझ रहे कर्मचारियों के लिए राहत पैकेज दिया जाए।
बातचीत के माध्यम से समाधान खोजा जाए।
रांची में सिटी बस कर्मचारियों का प्रदर्शन न केवल रोजगार से जुड़ा मुद्दा है बल्कि यह श्रमिक अधिकारों और शहरी जीवन की बुनियादी सेवाओं से भी संबंधित है। प्रशासन, नागरिक समाज और स्वयं कर्मचारियों को मिलकर इस समस्या का स्थायी समाधान निकालना होगा ताकि न केवल कर्मचारियों की आजीविका सुरक्षित रहे बल्कि शहर की सार्वजनिक परिवहन सेवा भी प्रभावित न हो।