
रांची : राजधानी रांची के नामकुम और तुपुदाना इलाके में मंगलवार देर रात दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और झारखंड ATS (एंटी टेररिज्म स्क्वॉड) की संयुक्त टीम ने बड़ी छापेमारी की। इस कार्रवाई में एक संदिग्ध युवक को गिरफ्तार किया गया है, जिसके तार आतंकी नेटवर्क से जुड़े होने की आशंका जताई जा रही है। टीम ने उसके पास से कई संदिग्ध केमिकल, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, हथियार और दस्तावेज़ बरामद किए हैं।
छापेमारी कैसे हुई?
सूत्रों के अनुसार, दिल्ली पुलिस को खुफिया इनपुट मिला था कि झारखंड में कुछ लोग आतंकी गतिविधियों के लिए स्लीपर सेल तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं। इसी सूचना के आधार पर दिल्ली पुलिस की एक विशेष टीम रांची पहुंची और झारखंड ATS के साथ मिलकर देर रात तक छापेमारी अभियान चलाया।
छापेमारी के दौरान पुलिस ने संदिग्ध युवक को हिरासत में लिया।
उसके पास से देशी कट्टा, कारतूस, लैपटॉप, कई सिम कार्ड, और विस्फोटक बनाने में इस्तेमाल होने वाले केमिकल बरामद किए गए।
पुलिस ने कई पड़ोसियों और स्थानीय लोगों से भी पूछताछ की।
गिरफ्तार आरोपी कौन है?
गिरफ्तार युवक की पहचान मो. राशिद (काल्पनिक नाम, रिपोर्टिंग आधार) के रूप में हुई है। वह मूल रूप से झारखंड का ही रहने वाला है, लेकिन लंबे समय से दिल्ली और कोलकाता में भी आना-जाना करता था। शुरुआती जांच में पता चला है कि वह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए संदिग्ध चैट ग्रुप्स से जुड़ा हुआ था, जहाँ आतंकियों से बातचीत होती थी।
बरामद सामान
पुलिस ने आरोपी के घर से जो सामान जब्त किया है, वह गंभीर खतरे की ओर इशारा करता है—
विस्फोटक बनाने के लिए उपयोग होने वाले रसायन
असेंबलिंग टूल्स और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस
हथियार और कारतूस
कई पासबुक और लेन-देन से जुड़े दस्तावेज़
मोबाइल फोन और लैपटॉप में संदिग्ध चैट, विदेशी नंबरों से संपर्क
पुलिस का आधिकारिक बयान
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के एक अधिकारी ने बताया—
“हमारे पास इनपुट था कि झारखंड में आतंकी गतिविधियों की साजिश रची जा रही है। इसी सूचना पर कार्रवाई करते हुए संयुक्त छापेमारी की गई। प्रारंभिक जांच में कई अहम सुराग हाथ लगे हैं। बरामद केमिकल की फोरेंसिक जांच कराई जाएगी।”
वहीं झारखंड ATS प्रमुख ने कहा कि यह गिरफ्तारी बड़े आतंकी मॉड्यूल का हिस्सा हो सकती है और जल्द ही और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
स्थानीय स्तर पर हड़कंप
छापेमारी की खबर फैलते ही इलाके में दहशत का माहौल बन गया।
लोग देर रात तक बाहर निकलकर पूछताछ करते रहे।
पड़ोसियों का कहना है कि आरोपी का रहन-सहन सामान्य था, लेकिन उसके पास अक्सर अजनबी लोग आते-जाते थे।
कुछ स्थानीय लोगों ने पुलिस को बताया कि वह किराये के मकान में बिना सही पहचान पत्र दिए रह रहा था।
राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर
यह गिरफ्तारी सिर्फ रांची ही नहीं, बल्कि पूरे देश की सुरक्षा के लिहाज से अहम मानी जा रही है। खुफिया एजेंसियां मान रही हैं कि—
आतंकी संगठन अब छोटे शहरों और राज्यों में स्लीपर सेल सक्रिय करने की कोशिश कर रहे हैं।
झारखंड जैसे इलाकों में छिपकर गतिविधि चलाना आसान होता है क्योंकि यहाँ की भौगोलिक स्थिति जटिल है।
सोशल मीडिया और डार्क वेब के जरिए ऐसे लोगों को निर्देश दिए जाते हैं।
विशेषज्ञों की राय
सुरक्षा मामलों के जानकारों का मानना है कि—
यह गिरफ्तारी आने वाले समय में आतंकी फंडिंग और नेटवर्किंग के कई राज खोल सकती है।
बरामद केमिकल और दस्तावेज़ इस बात की पुष्टि करते हैं कि आरोपी किसी बड़े मिशन की तैयारी में था।
अब एजेंसियों को मनी ट्रेल और डिजिटल डेटा खंगालना होगा।
पिछली घटनाओं से कनेक्शन
झारखंड में इससे पहले भी कई बार आतंकी गतिविधियों का खुलासा हुआ है—
हजारीबाग और गिरिडीह में ISIS से जुड़े युवकों की गिरफ्तारी हुई थी।
धनबाद और बोकारो में भी संदिग्ध गतिविधियों के चलते पुलिस ने कई बार सर्च ऑपरेशन चलाया।
2016 में रांची से भी दो युवकों को आतंकी संगठन से जुड़े होने पर पकड़ा गया था।
सुरक्षा एजेंसियों की रणनीति
ATS और NIA (नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी) अब मामले की विस्तृत जांच करेगी।
आरोपी के डिजिटल डिवाइस से मिले डेटा की गहन पड़ताल की जाएगी।
जिन जगहों पर आरोपी की आवाजाही रही है, वहाँ भी छापेमारी होगी।
दिल्ली, कोलकाता और पटना की पुलिस से भी समन्वय किया गया है।
आम जनता के लिए अलर्ट
पुलिस ने अपील की है कि—
यदि किसी इलाके में संदिग्ध गतिविधि या अनजान व्यक्ति दिखे तो तुरंत पुलिस को सूचना दें।
बिना पहचान पत्र के किरायेदार को घर न दें।
सोशल मीडिया पर किसी भी संदिग्ध लिंक या मैसेज को अनदेखा न करें।