
राजधानी रांची में झारखंड के कद्दावर नेता और आदिवासी समाज के मसीहा दिशोम गुरू शिबू सोरेन की याद में एक भव्य स्मृति स्थल बनने जा रहा है। हेमंत सरकार ने इस परियोजना को लेकर गंभीर पहल की है और इसके लिए जमीन चिह्नित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। शुक्रवार को विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने इसकी औपचारिक घोषणा की।
स्मृति पार्क में दिखेगा दिशोम गुरू का जीवन संघर्ष
सरकार की योजना है कि इस स्मृति स्थल को एक स्मृति पार्क के रूप में विकसित किया जाए। इसमें दिशोम गुरू शिबू सोरेन के जीवन, उनके संघर्ष और समाज के लिए किए गए योगदान को दिखाने वाली कई महत्वपूर्ण संरचनाएं और प्रतीक शामिल होंगे। इससे न केवल झारखंड बल्कि देश-विदेश से आने वाले लोग गुरूजी के जीवन और उनके संघर्षों को करीब से जान सकेंगे।
हरमू रोड बाईपास में बनने की संभावना
जानकारी के अनुसार, इस स्मृति स्थल का निर्माण रांची के हरमू रोड स्थित बाईपास क्षेत्र में किए जाने की संभावना है। नगर विकास विभाग ने इसके लिए झारखंड राज्य आवास बोर्ड से जमीन की मांग की है। आवास बोर्ड ने भुसूर मौजा क्षेत्र में जमीन चिह्नित करने का काम शुरू कर दिया है। संभावना जताई जा रही है कि डीपीएस स्कूल के पास स्थित भुसूर मौजा में इस स्मृति स्थल का निर्माण हो सकता है।
अंतिम फैसला कैबिनेट से
हालांकि स्मृति स्थल के लिए जमीन को लेकर अंतिम फैसला झारखंड कैबिनेट द्वारा अनुमोदन मिलने के बाद ही होगा। इसके साथ ही स्मृति स्थल के निर्माण पर कितनी राशि खर्च होगी, इसका भी निर्णय कैबिनेट की स्वीकृति के बाद होगा।
बापू वाटिका की तर्ज पर होगा निर्माण
नगर विकास विभाग की योजना है कि दिशोम गुरू शिबू सोरेन का यह स्मृति स्थल बिल्कुल मोरहाबादी स्थित बापू वाटिका की तर्ज पर बनाया जाए। चार एकड़ में फैले इस परिसर को अत्यंत भव्य और आधुनिक स्वरूप दिया जाएगा। चारों ओर बेहतर लाइटिंग की व्यवस्था, सौंदर्यीकरण और अन्य कई सुविधाओं को जोड़ने की रूपरेखा भी तैयार की जा रही है।
भव्य और ऐतिहासिक स्वरूप मिलेगा
इस स्मृति स्थल को झारखंड की ऐतिहासिक धरोहर के रूप में विकसित किया जाएगा। यह स्थल न केवल स्थानीय लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा, बल्कि झारखंड की सांस्कृतिक और राजनीतिक धरोहर को भी मजबूत करेगा। आने वाले समय में यह स्थान राज्य की पहचान और गौरव का प्रतीक बन सकता है।