
रांची। झारखंड की राजधानी रांची एक बार फिर सांस्कृतिक एकता और विविधता के अद्भुत संगम का गवाह बनने जा रही है। शहर में ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा, जिसमें विशेष रूप से पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करेंगे। यह आयोजन भारतीय संस्कृति, परंपरा और एकजुटता को नए आयाम देने वाला साबित होगा।
कार्यक्रम का उद्देश्य: विविधता में एकता का संदेश
‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ का मुख्य उद्देश्य भारत के विभिन्न राज्यों की संस्कृति, भाषा, परंपरा और रीति-रिवाजों को एक मंच पर प्रस्तुत करना है। इसका मकसद न केवल सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है, बल्कि विभिन्न समुदायों के बीच परस्पर समझ और एकजुटता को मजबूत करना भी है।
यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना पर आधारित है, जिसका उद्देश्य है कि देश के सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश एक-दूसरे की सांस्कृतिक धरोहर को अपनाएं और भारत को एक सशक्त राष्ट्र बनाने में योगदान दें।

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस की मौजूदगी

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस की मौजूदगी
इस कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस की उपस्थिति विशेष आकर्षण का केंद्र होगी। वे अपने विचारों के लिए जाने जाते हैं और हमेशा से भारतीय संस्कृति और एकता को बढ़ावा देने के पक्षधर रहे हैं। रांची में आयोजित इस कार्यक्रम में उनके आगमन से इसकी महत्ता और भी बढ़ गई है।
राज्यपाल बोस ने कहा कि “भारत की ताकत उसकी विविधता में निहित है। हमें अपने सांस्कृतिक विरासत को गर्व से प्रस्तुत करना चाहिए और युवा पीढ़ी को इसके महत्व से अवगत कराना चाहिए।”
झारखंड और पश्चिम बंगाल के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान
कार्यक्रम के दौरान झारखंड और पश्चिम बंगाल के कलाकार अपनी पारंपरिक लोकनृत्य, गीत और कला का प्रदर्शन करेंगे। इसमें संथाली, हो, मुंडारी, नागपुरी, और बंगाल के बाउल गीत, रवींद्र संगीत, छाऊ नृत्य जैसी प्रस्तुतियां शामिल होंगी।
सांस्कृतिक प्रदर्शनी में दोनों राज्यों की हस्तशिल्प कलाएं, पारंपरिक वस्त्र और स्थानीय व्यंजन भी प्रदर्शित किए जाएंगे, जिससे दोनों राज्यों के बीच सांस्कृतिक पुल और मजबूत होगा।
कार्यक्रम की मुख्य आकर्षण
लोकनृत्य और संगीत: संथाली और बंगाल के बाउल कलाकारों का संयुक्त प्रदर्शन।
हस्तशिल्प प्रदर्शनी: झारखंड के लाह और लकड़ी के शिल्प, पश्चिम बंगाल की शोलाकला और टेराकोटा कला।
खानपान स्टॉल: ढोकली, चूड़ा-दही, पिठा, रसगुल्ला और झारखंड के पारंपरिक व्यंजन।
युवा संवाद सत्र: छात्रों के लिए कार्यशाला और सांस्कृतिक विरासत पर व्याख्यान।
सांस्कृतिक यात्रा चित्र प्रदर्शनी: दोनों राज्यों के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों की तस्वीरें।
युवाओं को मिलेगा मंच
‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ कार्यक्रम युवाओं को भी अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर देगा। कॉलेज और विश्वविद्यालयों से आए छात्र अपने राज्य की संस्कृति को प्रस्तुत करेंगे। इसके अलावा, इस कार्यक्रम में सांस्कृतिक क्विज़ प्रतियोगिता, लोकगीत गायन और पारंपरिक परिधान प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी।
रांची को मिलेगा राष्ट्रीय पहचान का अवसर
रांची में इस तरह का भव्य आयोजन न केवल शहर की पहचान को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत करेगा बल्कि यहां के स्थानीय कलाकारों और शिल्पकारों के लिए भी अवसर पैदा करेगा। पर्यटन और सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा।
प्रधानमंत्री की पहल से जुड़ा यह आयोजन
‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2015 में शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य देश के विभिन्न हिस्सों को सांस्कृतिक और सामाजिक स्तर पर जोड़ना है। यह कार्यक्रम उसी कड़ी का हिस्सा है, जो विभिन्न राज्यों के बीच आपसी सहयोग और समझ को प्रोत्साहित करता है।
सुरक्षा और व्यवस्थाएं चाक-चौबंद
रांची प्रशासन ने कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए सुरक्षा और यातायात की विशेष व्यवस्थाएं की हैं। आयोजन स्थल पर पुलिस बल, ट्रैफिक पुलिस, फायर ब्रिगेड और मेडिकल टीम को तैनात किया गया है।
स्थानीय जनता में उत्साह
रांची और आसपास के जिलों के लोग इस आयोजन को लेकर काफी उत्साहित हैं। सोशल मीडिया और स्थानीय समाचार चैनलों पर भी कार्यक्रम को लेकर चर्चा तेज है। स्कूलों और कॉलेजों में इसके बारे में जागरूकता फैलाई जा रही है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसमें भाग ले सकें।
‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ कार्यक्रम रांची में सांस्कृतिक विविधता को एक मंच पर लाने का बेहतरीन प्रयास है। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस की मौजूदगी से यह और भी खास बन गया है। इस तरह के कार्यक्रम न केवल राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देते हैं, बल्कि कला, संस्कृति और परंपरा को भी नई पीढ़ी तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाते हैं।