
रांची जिला प्रशासन की बड़ी कार्रवाई, अतिक्रमण हटाने में तैनात रही पुलिस, लोगों में मचा हड़कंप
रांची में अवैध निर्माण और अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई लगातार तेज हो रही है। मंगलवार को हाईकोर्ट (HC) के आदेश के बाद जिला प्रशासन ने रातू थाना क्षेत्र के केशव नगर इलाके में बुलडोजर चलाकर अवैध रूप से बने कई निर्माणों को जमींदोज कर दिया। इस कार्रवाई से स्थानीय लोगों में हड़कंप मच गया। मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना न हो।
कार्रवाई का पूरा घटनाक्रम
यह कार्रवाई सुबह 9 बजे से शुरू हुई और दोपहर तक चली।
जिला प्रशासन की टीम ने मौके पर पहुंचते ही निर्माण कार्य को रोकने के आदेश दिए।
इसके बाद JCB और बुलडोजर की मदद से अवैध मकानों, शेड और दुकानों को गिरा दिया गया।
कार्रवाई को देखते हुए आसपास के लोग मौके पर जुट गए।
हाईकोर्ट का आदेश क्यों आया?
झारखंड हाईकोर्ट में कई बार अवैध निर्माण और अतिक्रमण को लेकर जनहित याचिकाएं दायर होती रही हैं। रांची के विभिन्न इलाकों में सड़क, नाला और सरकारी जमीन पर लगातार कब्जा बढ़ रहा था। इसी संदर्भ में कोर्ट ने जिला प्रशासन को साफ निर्देश दिया था कि:
1. सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई हो।
2. अवैध निर्माण को हटाया जाए।
3. भविष्य में इस तरह का कब्जा रोकने के लिए सख्त मॉनिटरिंग की जाए।
जिला प्रशासन की भूमिका
रांची SDO के नेतृत्व में यह कार्रवाई की गई।
टीम में नगर निगम के अधिकारी, अंचल कार्यालय के कर्मी और पुलिस बल शामिल रहे।
प्रशासन ने स्पष्ट किया कि सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
कार्रवाई के दौरान कई लोगों ने विरोध जताया और कहा कि उन्हें कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई।
कुछ लोगों का कहना था कि वे वर्षों से इस जमीन पर रह रहे थे।
प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि कई बार नोटिस दिया गया था लेकिन कब्जाधारियों ने अनदेखी की।
आम जनता ने इस कदम का स्वागत किया और कहा कि इससे अवैध कब्जे पर रोक लगेगी।
रांची में अवैध निर्माण का जाल
रांची शहर तेजी से विकसित हो रहा है, लेकिन इसके साथ ही अवैध निर्माण की समस्या भी बढ़ रही है।
कई जगह सरकारी जमीन, तालाब, सड़क किनारे और नाले पर कब्जा कर पक्का निर्माण कर लिया गया है।
इससे न केवल यातायात और जल निकासी प्रभावित होती है, बल्कि शहर की सुंदरता भी बिगड़ती है।
प्रशासन की कोशिश है कि आने वाले समय में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाए।
भविष्य की रणनीति
जिला प्रशासन ने संकेत दिया है कि आने वाले दिनों में अन्य इलाकों में भी इस तरह की कार्रवाई होगी।
नगर निगम और RMC मिलकर एक लिस्ट तैयार कर रहे हैं जिसमें शहर भर के अवैध निर्माण चिन्हित किए जा रहे हैं।
हाईकोर्ट की मॉनिटरिंग जारी है, इसलिए हर महीने रिपोर्ट पेश करनी होगी।
कानूनी पहलू
झारखंड नगर निगम अधिनियम और भूमि सुधार अधिनियम के तहत किसी भी सरकारी या गैरकानूनी तरीके से कब्जा की गई जमीन पर निर्माण अपराध की श्रेणी में आता है।
दोषियों पर जुर्माना लगाया जा सकता है।
कई मामलों में एफआईआर दर्ज कर सजा भी हो सकती है।
कोर्ट ने साफ कर दिया है कि कानून से ऊपर कोई नहीं है।
रांची में अतिक्रमण हटाओ अभियान: एक नजर
2018: कांटाटोली फ्लाईओवर प्रोजेक्ट में अतिक्रमण हटाया गया।
2020: डोरंडा और हरमू रोड पर अवैध दुकानों को हटाया गया।
2022: कांके रोड, हटिया और धुर्वा में बड़ी कार्रवाई हुई।
2025: अब रातू के केशव नगर में बुलडोजर चला।
सामाजिक असर
इस तरह की कार्रवाई से लोगों को सरकारी जमीन पर कब्जा करने से पहले सोचने पर मजबूर होना पड़ता है।
लेकिन साथ ही यह भी ज़रूरी है कि गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों के पुनर्वास की योजना बनाई जाए।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर वैकल्पिक आवास योजना के साथ कार्रवाई हो तो इसका असर ज्यादा सकारात्मक होगा।
रांची के केशव नगर में चला बुलडोजर प्रशासन के सख्त रुख का संकेत है। हाईकोर्ट के आदेश पर की गई इस कार्रवाई ने यह साफ कर दिया है कि अब अवैध निर्माण और अतिक्रमण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आने वाले समय में प्रशासन और भी इलाकों में इस तरह की कार्रवाई करेगा।