
रांची। राजधानी रांची के रातू रोड स्थित एक अल्पसंख्यक विद्यालय के शिक्षक पर गंभीर आरोप लगे हैं। बताया जा रहा है कि शिक्षा सचिव को एक गुमनाम पत्र प्राप्त हुआ है, जिसमें शिक्षक पर अश्लील हरकत करने और छात्राओं को होटल में बुलाने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इस पत्र ने न केवल विद्यालय प्रबंधन बल्कि शिक्षा विभाग को भी सकते में डाल दिया है।
पत्र में साफ तौर पर लिखा गया है कि आरोपी शिक्षक अपने पद का दुरुपयोग कर छात्राओं और अभिभावकों के साथ अनुचित व्यवहार करता है। इसमें यह भी उल्लेख है कि वह कई बार छात्राओं को होटल में बुलाकर अश्लील हरकत करता है। पत्र भेजने वाले ने लिखा है कि इस बात की शिकायत सीधे करना मुश्किल था, क्योंकि आरोपी शिक्षक प्रभावशाली है और कार्रवाई करने वालों को नुकसान पहुंचाने की धमकी देता है।
गुमनाम पत्र से हड़कंप
शिक्षा सचिव के दफ्तर पहुंचते ही यह गुमनाम पत्र विभागीय अधिकारियों के बीच चर्चा का विषय बन गया। अधिकारियों ने इसे गंभीर मानते हुए संबंधित स्कूल प्रबंधन से रिपोर्ट तलब करने की तैयारी शुरू कर दी है।
पत्र में न केवल शिक्षक के कृत्यों का विवरण दिया गया है, बल्कि यह भी लिखा गया है कि कई अभिभावक और छात्राएं मानसिक रूप से परेशान हैं लेकिन खुलकर शिकायत करने से डरते हैं।
विद्यालय प्रबंधन पर भी सवाल
इस पत्र ने स्कूल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। यदि पत्र में लिखी बातें सही साबित होती हैं, तो यह स्पष्ट होगा कि विद्यालय प्रबंधन ने अब तक इस मामले को दबाने की कोशिश की।
स्थानीय लोगों का कहना है कि स्कूल प्रबंधन को पहले ही इस तरह की गतिविधियों की जानकारी रही होगी, लेकिन किसी ने खुलकर आवाज नहीं उठाई।
शिक्षा विभाग कराएगा जांच
शिक्षा विभाग ने इस गुमनाम पत्र को गंभीरता से लेते हुए आंतरिक जांच की बात कही है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, प्राथमिक स्तर पर जांच टीम गठित की जाएगी जो छात्राओं, अभिभावकों और स्थानीय लोगों से बातचीत कर सच्चाई का पता लगाएगी।
यदि आरोप सही पाए जाते हैं तो शिक्षक के खिलाफ न केवल विभागीय कार्रवाई होगी बल्कि पुलिस केस दर्ज कर कानूनी प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।
स्थानीय लोगों में आक्रोश
घटना की जानकारी सामने आने के बाद इलाके में आक्रोश फैल गया है। कई सामाजिक संगठनों ने भी इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि यदि एक शिक्षक, जिसे बच्चों को शिक्षा और संस्कार देने की जिम्मेदारी सौंपी गई है, वही इस तरह की हरकत करेगा तो समाज का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा।
लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि मामले की जल्द से जल्द निष्पक्ष जांच हो और आरोपी शिक्षक को बर्खास्त कर जेल भेजा जाए।
गुमनाम पत्र पर उठ रहे सवाल
जहां एक तरफ आरोप बेहद गंभीर हैं, वहीं दूसरी ओर गुमनाम पत्र को लेकर कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे पत्रों की सत्यता की जांच करना बेहद जरूरी है क्योंकि कई बार व्यक्तिगत दुश्मनी या स्कूल प्रशासनिक विवाद के कारण भी इस तरह की शिकायतें की जाती हैं।
लेकिन यदि शिकायत में जरा भी सच्चाई है, तो यह बेहद चिंताजनक स्थिति होगी और शिक्षा विभाग को कड़ी कार्रवाई करनी होगी।
बाल संरक्षण आयोग से हस्तक्षेप की मांग
मामला सामने आने के बाद कुछ अभिभावकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने राज्य बाल संरक्षण आयोग से भी हस्तक्षेप की मांग की है। उनका कहना है कि यदि छात्राओं के साथ किसी भी तरह का मानसिक या शारीरिक शोषण हुआ है तो इसे छिपाना समाज के लिए सबसे बड़ा अपराध होगा।
रांची के रातू रोड स्थित अल्पसंख्यक स्कूल के शिक्षक पर लगे ये आरोप शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं। गुमनाम पत्र की सच्चाई चाहे जो भी हो, इस तरह के आरोपों को नजरअंदाज करना बच्चों और अभिभावकों के लिए खतरे का कारण बन सकता है। शिक्षा विभाग को चाहिए कि मामले की निष्पक्ष जांच कर सच्चाई सामने लाए और यदि दोषी पाया जाता है तो आरोपी शिक्षक के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए।