
रांची। झारखंड की राजधानी रांची के नगड़ी क्षेत्र में प्रस्तावित रिम्स-2 (RIMS-2) की जमीन को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। इस विवाद ने शनिवार को तब और तूल पकड़ लिया जब पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन को उनके रांची स्थित आवास पर हाउस अरेस्ट कर लिया गया। सदर डीएसपी (DSP) के नेतृत्व में पुलिस की टीम ने चंपाई सोरेन के निवास पर पहुंचकर यह कार्रवाई की।
जानकारी के अनुसार, प्रस्तावित रिम्स-2 के निर्माण के लिए चुनी गई जमीन को लेकर स्थानीय ग्रामीणों और प्रशासन के बीच कई दिनों से तनातनी चल रही है। ग्रामीणों का कहना है कि यह जमीन उनकी पैतृक संपत्ति है और इसे अधिग्रहित करने से पहले उचित मुआवजा एवं पुनर्वास योजना प्रस्तुत नहीं की गई है। वहीं प्रशासन का तर्क है कि यह जमीन सार्वजनिक हित के लिए आवश्यक है और इससे स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार होगा।
पूर्व सीएम चंपाई सोरेन ने इस मामले में ग्रामीणों का पक्ष लेते हुए सरकार पर एकतरफा निर्णय लेने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि विकास योजनाओं के नाम पर यदि जनता के अधिकारों का हनन होगा, तो इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। सोरेन ने आगे कहा कि सरकार को विकास और जनता के हक के बीच संतुलन बनाना चाहिए।
शनिवार सुबह पुलिस बल की तैनाती बढ़ा दी गई और तनाव की स्थिति को देखते हुए पूर्व मुख्यमंत्री को उनके रांची आवास पर ही नजरबंद कर दिया गया। इस कार्रवाई के बाद झारखंड की सियासत एक बार फिर गर्मा गई है। विपक्षी दलों ने इस कदम को लोकतंत्र के खिलाफ बताया और सरकार पर मनमानी का आरोप लगाया।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि वे विकास कार्यों के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन बिना उनकी सहमति और उचित मुआवजे के जमीन अधिग्रहण को वे अन्याय मानते हैं। कई सामाजिक संगठनों ने भी इस मसले पर आवाज बुलंद की है और सरकार से वार्ता कर समाधान निकालने की मांग की है।
रिम्स-2 के निर्माण को लेकर राज्य सरकार ने इसे एक महत्वाकांक्षी परियोजना बताया है। सरकार का कहना है कि इससे राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं का दायरा बढ़ेगा और मरीजों को अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। हालांकि, जमीन विवाद के चलते परियोजना फिलहाल अटकती नजर आ रही है।
झारखंड में यह पहला मौका नहीं है जब विकास परियोजनाओं को लेकर जमीन विवाद सामने आया हो। इससे पहले भी कई बार भूमि अधिग्रहण को लेकर स्थानीय निवासियों और प्रशासन के बीच टकराव हुआ है। राज्य सरकार को इस बार भी इस मसले को संवेदनशीलता के साथ हल करने की जरूरत है, ताकि विकास कार्य प्रभावित न हों और जनता का विश्वास भी बना रहे।