
Ranchi: रिम्स-2 के लिए जमीन अधिग्रहण का विरोध तेज, बाबूलाल मरांडी ने कहा- आदिवासियों पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं।
रांची। रिम्स-2 (राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज) के निर्माण के लिए प्रस्तावित जमीन अधिग्रहण का आदिवासी समुदाय की ओर से कड़ा विरोध किया जा रहा है। इस मुद्दे ने अब राजनीतिक रूप भी ले लिया है। पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने साफ कहा है कि आदिवासियों की जमीन छीनने की कोशिशें बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।
बाबूलाल मरांडी ने जमीन अधिग्रहण के खिलाफ विरोध जताते हुए कहा कि सरकार की यह नीति आदिवासी हितों के खिलाफ है और यह संविधान में मिले अधिकारों का खुला उल्लंघन है। उन्होंने यह भी कहा कि आदिवासियों की जमीन उनके अस्तित्व, संस्कृति और पहचान से जुड़ी होती है, ऐसे में जबरन भूमि अधिग्रहण करना सीधे-सीधे उनके जीवन पर हमला है।
उन्होंने सरकार से मांग की कि वह आदिवासी इलाकों में जबरन अधिग्रहण की प्रक्रिया को तत्काल रोके और रिम्स-2 जैसे किसी भी प्रोजेक्ट को ऐसी जमीन पर न बनाया जाए, जो आदिवासी समाज के विरोध में हो। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यदि सरकार ने अपनी नीति में बदलाव नहीं किया तो भाजपा आदिवासी समाज के साथ मिलकर बड़ा आंदोलन करेगी।
इस पूरे मुद्दे पर स्थानीय ग्रामीणों और आदिवासी संगठनों ने भी एकजुट होकर विरोध जताया है। उनका कहना है कि रिम्स-2 जैसी बड़ी परियोजना के लिए वैकल्पिक जमीन की तलाश की जानी चाहिए, जिससे आदिवासी समाज की ज़मीन, आजीविका और पारंपरिक जीवनशैली पर कोई असर न पड़े।
फिलहाल यह मामला लगातार तूल पकड़ रहा है और सरकार पर जनजातीय समाज की भावनाओं का सम्मान करने का दबाव बढ़ता जा रहा है। अब देखना होगा कि सरकार इस विरोध के बीच क्या रुख अपनाती है।