
रांची, झारखंड। राजधानी रांची में शुक्रवार की सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसे ने पूरे इलाके को दहला दिया। सुबह स्कूल और कॉलेज जाने का समय था, सड़कों पर सामान्य से अधिक भीड़भाड़ थी। इसी बीच एक तेज रफ्तार स्कूल बस ने स्कूटी सवार छात्रा को रौंद दिया। हादसा इतना भयावह था कि छात्रा ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बस का रफ्तार पर नियंत्रण नहीं था और ड्राइवर ने अचानक सामने आई स्कूटी को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि स्कूटी कई मीटर दूर जा गिरी और छात्रा बस के पिछले पहिए की चपेट में आ गई।
भीड़ जुटी, रोड पर जाम की स्थिति
हादसे के तुरंत बाद स्थानीय लोग मौके पर जुट गए। सड़क पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया और कुछ ही देर में वहां लंबा जाम लग गया। लोगों ने गुस्से में बस को रोक लिया और ड्राइवर को पकड़ लिया। पुलिस को सूचना दी गई, जिसके बाद घटनास्थल पर कोतवाली थाना पुलिस पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया।
छात्रा की पहचान और पारिवारिक स्थिति
पुलिस ने बताया कि मृतका की पहचान [छात्रा का नाम उपलब्ध हो तो यहां लिखा जाएगा] के रूप में हुई है। वह रांची के एक निजी कॉलेज में पढ़ाई कर रही थी और रोजाना स्कूटी से कॉलेज जाती थी। परिजनों को जब हादसे की खबर मिली तो घर में कोहराम मच गया।
परिजनों का आक्रोश
मृतका के परिजन और स्थानीय लोगों ने घटना पर गहरा आक्रोश जताया। उनका कहना है कि शहर की सड़कों पर स्कूल बसें बेलगाम रफ्तार से दौड़ती हैं। बच्चों की सुरक्षा का जिम्मा लेने वाली स्कूल बसें ही हादसों का कारण बन रही हैं। परिजनों ने दोषी बस ड्राइवर पर कड़ी कार्रवाई और स्कूल प्रशासन की जिम्मेदारी तय करने की मांग की।
स्कूल प्रशासन पर सवाल
इस घटना के बाद यह सवाल खड़ा हो गया है कि आखिर स्कूल बसों पर नियंत्रण क्यों नहीं है? अधिकतर स्कूल बसों में ड्राइवर अनुभवहीन होते हैं और ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करते।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि कई बार बसों की स्पीड इतनी तेज होती है कि यह आम वाहनों को पीछे छोड़ देती हैं। ऐसे में हादसे होना लाजमी है।
पुलिस की कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने बस और ड्राइवर को अपने कब्जे में ले लिया है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है और दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
हादसे की गूंज और सड़क सुरक्षा पर बहस
यह हादसा एक बार फिर रांची शहर में सड़क सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर रहा है। झारखंड में आए दिन सड़क हादसों की खबरें सामने आती रहती हैं। ट्रैफिक पुलिस की मौजूदगी और हेलमेट, सीट बेल्ट जैसे नियमों के बावजूद हादसों पर रोक नहीं लग पा रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि हादसों की सबसे बड़ी वजह तेज रफ्तार और लापरवाही है। अगर नियमों का कड़ाई से पालन कराया जाए और वाहनों की नियमित जांच हो, तो हादसों पर काफी हद तक रोक लग सकती है।
स्थानीय लोगों की मांग
दोषी बस ड्राइवर पर हत्या का मामला दर्ज किया जाए।
स्कूल प्रशासन की लापरवाही की जांच हो।
स्कूल बसों के लिए स्पीड लिमिट तय की जाए।
ट्रैफिक पुलिस की गश्ती बढ़ाई जाए।
छात्रों और आम लोगों की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाए जाएं।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
हादसे के बाद रांची प्रशासन हरकत में आया है। ट्रैफिक पुलिस ने आश्वासन दिया है कि स्कूल बसों की जांच अभियान चलाया जाएगा और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
हादसों का आंकड़ा
ट्रैफिक विभाग के आंकड़ों के अनुसार, रांची और आसपास के इलाकों में हर महीने औसतन 40 से 50 सड़क हादसे होते हैं। इनमें सबसे बड़ी संख्या दोपहिया वाहन सवारों की होती है। हेलमेट नहीं पहनना और ओवरस्पीडिंग प्रमुख कारण हैं।
जनता की अपील
लोगों ने सरकार और प्रशासन से अपील की है कि सख्त ट्रैफिक नियम बनाए जाएं और सड़क सुरक्षा को लेकर जनजागरूकता अभियान चलाया जाए।
रांची का यह दर्दनाक हादसा सिर्फ एक परिवार के लिए ही नहीं बल्कि पूरे शहर के लिए चेतावनी है। हर दिन स्कूल-कॉलेज जाने वाले छात्र-छात्राओं और आम नागरिकों की सुरक्षा का सवाल अब और गंभीर हो गया है। प्रशासन, स्कूल प्रबंधन और ट्रैफिक पुलिस को मिलकर ठोस कदम उठाने होंगे ताकि ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति न हो।