
रांची के मरीजों का झुकाव रिम्स से हटकर सदर अस्पताल की ओर – आधुनिक सुविधाओं और बेहतर प्रबंधन का असर
रांची में बदलते स्वास्थ्य परिदृश्य की कहानी
झारखंड की राजधानी रांची लंबे समय से रिम्स (राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान) पर निर्भर रही है। गंभीर बीमारियों से लेकर सामान्य जांच तक, रिम्स ही मरीजों की पहली पसंद माना जाता था। लेकिन हाल के वर्षों में एक नया रुझान देखने को मिल रहा है। मरीज अब सदर अस्पताल की ओर रुख कर रहे हैं। सदर अस्पताल, जो पहले केवल बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं तक सीमित था, अब आधुनिक सुविधाओं और प्रभावी प्रबंधन के कारण रिम्स का सशक्त विकल्प बनता जा रहा है।
क्यों बदल रही है मरीजों की प्राथमिकता?
1. समय पर इलाज और कम भीड़भाड़
रिम्स में लंबे समय से भीड़भाड़ की समस्या रही है। OPD में घंटों इंतजार और वार्ड में बिस्तरों की कमी मरीजों के लिए परेशानी का सबब बनती रही है। सदर अस्पताल ने इस समस्या को हल करते हुए समय पर इलाज उपलब्ध कराने पर जोर दिया है।
2. आधुनिक उपकरण और बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर
पिछले कुछ वर्षों में सदर अस्पताल में नए मेडिकल उपकरण लगाए गए हैं। अत्याधुनिक लैब, डिजिटल एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड और आपातकालीन सेवाओं में सुधार ने मरीजों का भरोसा बढ़ाया है।
3. विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपलब्धता
रिम्स में विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपलब्धता पर अक्सर सवाल उठते रहे हैं, जबकि सदर अस्पताल में अब विभिन्न विभागों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियमित तैनाती की जा रही है।
4. सरकारी योजनाओं का लाभ
आयुष्मान भारत योजना, मुफ्त दवा वितरण और निशुल्क जांच जैसी सुविधाएं मरीजों को आकर्षित कर रही हैं।
सदर अस्पताल के नए बदलावों की झलक
मल्टीस्पेशलिटी सेवाओं की शुरुआत
ICU और आपातकालीन विभाग का विस्तार
24×7 एंबुलेंस और ब्लड बैंक की सुविधा
महिला एवं प्रसूति विभाग को सशक्त बनाना
मरीजों की राय क्या कहती है?
रांची के कई मरीजों का कहना है कि सदर अस्पताल में अब इलाज आसान, तेज और किफायती हो गया है। एक मरीज ने बताया, “पहले हमें छोटे-छोटे टेस्ट के लिए रिम्स जाना पड़ता था, जहां भीड़ के कारण पूरा दिन लग जाता था। अब वही सुविधाएं हमें यहां समय पर मिल रही हैं।”
रिम्स के सामने चुनौती
रिम्स लंबे समय से झारखंड की स्वास्थ्य सेवाओं का मुख्य केंद्र रहा है, लेकिन भीड़ प्रबंधन, डॉक्टरों की अनुपस्थिति, पुराने उपकरण और समय पर इलाज की कमी जैसी समस्याओं ने उसकी छवि को धूमिल किया है। सदर अस्पताल के उभरने से रिम्स के सामने सेवा सुधारने की बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है।
भविष्य में क्या होगा?
यदि यही रुझान जारी रहा तो आने वाले वर्षों में सदर अस्पताल न केवल रांची बल्कि पूरे झारखंड का प्रमुख स्वास्थ्य केंद्र बन सकता है। सरकार भी रिम्स का बोझ कम करने के लिए सदर अस्पताल को सुपरस्पेशलिटी सेंटर बनाने की दिशा में काम कर रही है।
रांची के मरीजों के लिए अब दो बड़े विकल्प मौजूद हैं – रिम्स और सदर अस्पताल। जहां रिम्स की ऐतिहासिक पहचान है, वहीं सदर अस्पताल तेजी से उभरता आधुनिक स्वास्थ्य केंद्र बन रहा है। मरीजों को समय पर इलाज, कम भीड़ और सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ मिल रहा है।