
रांची में महिलाओं के स्वास्थ्य और परिवार की मजबूती को लेकर एक ऐतिहासिक पहल की शुरुआत हुई है। झारखंड की राज्यपाल ने “सशक्त नारी स्वस्थ परिवार” अभियान का शुभारंभ किया और प्रचार रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि “महिला स्वास्थ्य ही परिवार और समाज की असली ताकत है।”
यह अभियान राज्यभर में महिलाओं को स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा और स्वच्छता के प्रति जागरूक करने का एक बड़ा कदम है। राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने इसे मिशन मोड में शुरू किया है ताकि गाँव-गाँव और हर जिले में इसका संदेश पहुंचे।
अभियान का उद्देश्य
इस अभियान के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं –
1. महिला स्वास्थ्य सुधारना – मातृ मृत्यु दर (MMR) और शिशु मृत्यु दर (IMR) को कम करना।
2. पोषण जागरूकता – कुपोषण और एनीमिया जैसी बीमारियों से निपटना।
3. स्वच्छता और सुरक्षित जीवनशैली – महिलाओं को स्वच्छता, मासिक धर्म स्वास्थ्य और साफ-सफाई की जानकारी देना।
4. परिवार को मजबूत करना – स्वस्थ महिला का अर्थ है स्वस्थ परिवार और स्वस्थ समाज।
5. शिक्षा और आत्मनिर्भरता – महिलाओं को स्वास्थ्य के साथ-साथ शिक्षा और रोजगार से जोड़ना।
कार्यक्रम का शुभारंभ
राज्यपाल ने रांची से इस अभियान का शुभारंभ करते हुए प्रचार रथ को रवाना किया। इस रथ के माध्यम से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जाकर लोगों को जागरूक किया जाएगा।
प्रचार रथ में ऑडियो-वीडियो संदेश, पोस्टर-बैनर, और स्वास्थ्य संबंधी पुस्तिकाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
रथ के जरिए महिलाओं को टीकाकरण, आयरन की गोलियां, प्रसव पूर्व और प्रसव पश्चात देखभाल की जानकारी दी जाएगी।
विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं और किशोरियों पर फोकस किया जाएगा।
राज्यपाल का संदेश
राज्यपाल ने कहा –
> “किसी भी समाज का असली विकास तभी संभव है जब उसकी महिलाएं स्वस्थ और सशक्त हों। झारखंड में अभी भी कई महिलाएं कुपोषण, एनीमिया और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी से जूझ रही हैं। इस अभियान के जरिए हम घर-घर तक स्वास्थ्य जागरूकता पहुँचाएंगे।”
उन्होंने यह भी कहा कि यह केवल सरकारी पहल नहीं, बल्कि जनआंदोलन है जिसमें पंचायतों, स्वयंसेवी संस्थाओं और आम नागरिकों की भी भागीदारी आवश्यक है।
महिलाओं की स्थिति और चुनौतियाँ
झारखंड जैसे राज्यों में महिला स्वास्थ्य को लेकर कई चुनौतियाँ हैं –
कुपोषण और एनीमिया : लगभग 60% महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं।
प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं की कमी : ग्रामीण क्षेत्रों में अस्पताल और डॉक्टरों की कमी।
शिक्षा और जागरूकता : बहुत सी महिलाएं अपने स्वास्थ्य को लेकर जागरूक नहीं हैं।
समाज में रुढ़िवादिता : मासिक धर्म और महिला स्वास्थ्य को लेकर अब भी कई वर्जनाएँ हैं।
अभियान के अंतर्गत गतिविधियाँ
1. स्वास्थ्य शिविर – गाँव-गाँव में मुफ्त स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएंगे।
2. पोषण आहार वितरण – एनीमिया और कुपोषण दूर करने के लिए पौष्टिक आहार।
3. जन-जागरूकता अभियान – नुक्कड़ नाटक, प्रचार गाड़ी, पोस्टर और सोशल मीडिया।
4. स्कूल और कॉलेज प्रोग्राम – किशोरियों को स्वास्थ्य और स्वच्छता की जानकारी।
5. स्वयं सहायता समूह (SHG) से जोड़ना – महिलाओं को आर्थिक रूप से भी आत्मनिर्भर बनाना।
समाज पर प्रभाव
यह अभियान झारखंड की लाखों महिलाओं और उनके परिवारों के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकता है।
महिलाओं की सेहत बेहतर होगी।
बच्चों का स्वास्थ्य और पोषण सुधरेगा।
परिवार की आर्थिक और सामाजिक स्थिति मजबूत होगी।
समाज में महिलाओं की भूमिका और भी सशक्त होगी।
विशेषज्ञों की राय
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कि यदि इस तरह के अभियान निरंतर चलें, तो मातृ मृत्यु दर को 30-40% तक घटाया जा सकता है।
समाजशास्त्रियों का मानना है कि महिला स्वास्थ्य पर ध्यान देना ही समाज को बदलने की असली कुंजी है।
आर्थिक विशेषज्ञों के अनुसार, स्वस्थ महिला कार्यबल में सक्रिय होकर प्रदेश की GDP में भी योगदान दे सकती है।
आगे की योजना
प्रचार रथ झारखंड के सभी 24 जिलों में जाएगा।
अगले 6 महीनों में 5 लाख से अधिक महिलाओं तक इस अभियान की पहुँच बनाने का लक्ष्य है।
सरकार इसे स्थायी बनाने के लिए महिला स्वास्थ्य कार्ड और ऑनलाइन हेल्थ ट्रैकिंग सिस्टम शुरू करने की योजना बना रही है।
“सशक्त नारी स्वस्थ परिवार” अभियान न केवल एक सरकारी कार्यक्रम है बल्कि यह झारखंड के भविष्य को बदलने वाली क्रांति है। जब महिला मजबूत होगी तो परिवार मजबूत होगा और समाज समृद्ध होगा।
राज्यपाल द्वारा प्रचार रथ को हरी झंडी दिखाकर इस अभियान को शुभारंभ करना महिलाओं के स्वास्थ्य सुधार और सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।