
नई दिल्ली। देश की ऐतिहासिक धरोहर लाल किला (Red Fort) परिसर से करोड़ों की चोरी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। जैन समाज के एक बड़े धार्मिक समारोह के दौरान, हीरे-पन्ने और सोने से जड़ा करीब ₹1 करोड़ कीमत का कलश रहस्यमयी तरीके से चोरी हो गया। यह घटना उस समय हुई जब परिसर में हजारों श्रद्धालु और गणमान्य लोग मौजूद थे। इस आयोजन में लोकसभा स्पीकर सहित कई बड़े नेता और धर्मगुरु भी शामिल हुए थे।
पुलिस ने इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है और सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। घटना ने न केवल दिल्ली पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि देश की सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली जगह लाल किला की सुरक्षा पर भी गंभीर चिंता जताई जा रही है।
जैन समाज का भव्य समारोह और चोरी की वारदात
जानकारी के अनुसार, लाल किला परिसर में जैन समाज का एक विशाल धार्मिक समारोह आयोजित किया गया था। इस दौरान विशेष पूजा-अर्चना और अनुष्ठान के लिए सोने, हीरे और पन्ने से जड़ा कलश लगाया गया था। कलश को मंच पर सुरक्षित स्थान पर रखा गया था, लेकिन जैसे ही समारोह समाप्त हुआ, यह कलश रहस्यमयी तरीके से गायब हो गया।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि समारोह खत्म होने के बाद जब सफाईकर्मी और आयोजन समिति के लोग मंच को समेट रहे थे, तभी चोरी का पता चला। पहले तो लोगों को लगा कि कलश कहीं आयोजन समिति के किसी सदस्य ने सुरक्षित रख दिया होगा, लेकिन बाद में जब खोजबीन की गई तो इसका कोई सुराग नहीं मिला।
लोकसभा स्पीकर भी थे कार्यक्रम में मौजूद
इस कार्यक्रम में लोकसभा स्पीकर समेत कई केंद्रीय मंत्री और दिल्ली के बड़े नेता भी मौजूद थे। सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता होने के बावजूद ऐसी घटना का होना चौंकाने वाला है। जैन समाज के लोगों ने इसे न सिर्फ एक धार्मिक अपमान माना है, बल्कि कानून-व्यवस्था की नाकामी बताया है।
जैन समाज के प्रमुख नेताओं ने पुलिस प्रशासन से इस मामले की त्वरित जांच की मांग की है। उनका कहना है कि यह कलश केवल आभूषण नहीं, बल्कि धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक था।
पुलिस ने दर्ज किया मामला, सीसीटीवी खंगाले जा रहे
दिल्ली पुलिस ने इस घटना को गंभीरता से लिया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि लाल किला परिसर में लगे सभी सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है। साथ ही, आयोजन समिति, सुरक्षा कर्मियों और स्टाफ से पूछताछ की जा रही है।
क्राइम ब्रांच को भी इस जांच में शामिल किया गया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, प्रारंभिक जांच में शक जताया जा रहा है कि यह चोरी सुनियोजित तरीके से की गई है, क्योंकि इतनी भीड़ के बीच से कलश गायब करना आम बात नहीं हो सकती।
सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
लाल किला दुनिया की सबसे सुरक्षित जगहों में गिना जाता है। यहां रोजाना हजारों सैलानी आते हैं और इसे कड़ी सुरक्षा में रखा जाता है। ऐसे में धार्मिक समारोह के दौरान ₹1 करोड़ कीमत का कलश चोरी होना सुरक्षा तंत्र की बड़ी नाकामी के तौर पर देखा जा रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इतनी सुरक्षा के बावजूद चोरी हो सकती है तो आम नागरिकों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े होते हैं।
जैन समाज में आक्रोश
इस घटना से पूरे जैन समाज में गहरा आक्रोश है। कई संगठनों ने पुलिस और सरकार से जल्द से जल्द कलश बरामद करने और दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की है।
जैन धर्मगुरुओं का कहना है कि यह केवल आस्था की चोरी नहीं, बल्कि पूरे समाज की भावनाओं पर चोट है। उन्होंने ऐलान किया कि यदि जल्द ही कार्रवाई नहीं हुई तो जैन समाज बड़े स्तर पर आंदोलन करेगा।
चोरी से जुड़ी बड़ी चुनौतियाँ
विशेषज्ञों का कहना है कि यह चोरी साधारण नहीं है। कलश में हीरे, पन्ने और सोना जड़ा हुआ था, जिसे आसानी से बाजार में बेचना संभव नहीं है। इसलिए संभावना जताई जा रही है कि चोरी धार्मिक-सांस्कृतिक धरोहर को निशाना बनाने की नीयत से की गई हो।
फिलहाल दिल्ली पुलिस पूरी कोशिश कर रही है कि कलश जल्द से जल्द बरामद किया जाए और दोषियों को पकड़ा जाए। घटना ने पूरे देश का ध्यान खींचा है और यह सुरक्षा व्यवस्था की कमियों की ओर भी इशारा करती है।
जैन समाज और देश के नागरिक उम्मीद लगाए बैठे हैं कि पुलिस इस मामले को गंभीरता से लेकर दोषियों को जल्द बेनकाब करेगी।