मुंबई-कोलकाता इंडिगो फ्लाइट में हंगामा: घबराए यात्री को थप्पड़ मारने की घटना से मचा बबाल

मुंबई-कोलकाता इंडिगो फ्लाइट में हंगामा: घबराए यात्री को थप्पड़ मारने की घटना से मचा बबाल

मुंबई से कोलकाता जा रही इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट 6E-138 में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। इस फ्लाइट में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब एक यात्री ने दूसरे यात्री को अचानक थप्पड़ जड़ दिया। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि पीड़ित यात्री उस समय पैनिक अटैक (घबराहट) से जूझ रहा था और मदद की उम्मीद कर रहा था, लेकिन बदले में उसे हिंसा का सामना करना पड़ा।

क्या है पूरा मामला?

यह घटना हाल ही में उस वक्त हुई, जब इंडिगो की फ्लाइट संख्या 6E-138 मुंबई से कोलकाता के लिए रवाना हो चुकी थी। उड़ान के दौरान एक पुरुष यात्री को अचानक घबराहट, बेचैनी और सांस लेने में तकलीफ महसूस हुई। वह अपनी सीट पर परेशान हालत में बैठा था और बार-बार क्रू मेंबर से सहायता मांग रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, वह यात्री बहुत डरा हुआ और पैनिक मोड में था। इसी बीच पास में बैठे एक अन्य यात्री ने उसकी हरकतों से परेशान होकर आपा खो दिया और उसे थप्पड़ जड़ दिया।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो

इस पूरी घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें यह देखा जा सकता है कि कैसे पीड़ित यात्री की हालत खराब थी और वह घबराया हुआ था। वीडियो में थप्पड़ मारने वाला यात्री सामने की सीट पर बैठा नजर आ रहा है। जैसे ही पीड़ित यात्री मदद के लिए बोलता है, सामने वाला यात्री उठकर गुस्से में उसकी ओर बढ़ता है और थप्पड़ मार देता है।

इस वीडियो को देखकर सोशल मीडिया पर लोग गुस्से में हैं और इंडिगो एयरलाइंस से जवाबदेही की मांग कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि किसी भी मानसिक रूप से परेशान व्यक्ति के साथ इस तरह की बर्बरता अस्वीकार्य है।

क्या होता है पैनिक अटैक?

पैनिक अटैक यानी अत्यधिक घबराहट या चिंता का दौरा। इसमें व्यक्ति को तेज़ दिल की धड़कन, पसीना आना, सांस लेने में कठिनाई, चक्कर आना जैसी समस्याएं होती हैं। यह एक मानसिक स्वास्थ्य समस्या है और इसका इलाज दवा और काउंसलिंग से संभव है। ऐसे में पीड़ित को सहानुभूति और देखभाल की ज़रूरत होती है, न कि हिंसा की।

एयरलाइंस और सुरक्षा एजेंसियों की प्रतिक्रिया

फ्लाइट के लैंड होते ही एयरलाइन की ओर से सुरक्षा अधिकारियों को सूचित किया गया। एयरपोर्ट पुलिस और एयरलाइन की सुरक्षा टीम ने आरोपी यात्री को हिरासत में लिया और उससे पूछताछ की। इंडिगो की ओर से इस मामले पर बयान जारी कर कहा गया कि—

> “हम अपनी उड़ानों में सभी यात्रियों की सुरक्षा और मानसिक भलाई को प्राथमिकता देते हैं। यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और हम इसकी पूरी जांच कर रहे हैं।”

एयरलाइन ने यह भी कहा है कि वे पीड़ित यात्री को हर संभव सहायता प्रदान करेंगे।

कानूनी पहलू: क्या हो सकती है सजा?

एविएशन नियमों के अनुसार, फ्लाइट में इस तरह की कोई भी हिंसक हरकत गंभीर अपराध की श्रेणी में आती है। एयरक्राफ्ट में लड़ाई-झगड़ा करना, किसी यात्री को चोट पहुंचाना या व्यवहार में हिंसा दिखाना सुरक्षा नियमों का उल्लंघन है। यदि दोष साबित होता है, तो आरोपी को जुर्माना, जेल और नो-फ्लाई लिस्ट में डालने जैसी कार्यवाही का सामना करना पड़ सकता है।

लोगों की प्रतिक्रियाएं

इस घटना पर आम लोग, सेलिब्रिटी और मेंटल हेल्थ एक्टिविस्ट्स ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे X (पूर्व में ट्विटर), फेसबुक और इंस्टाग्राम पर लोग पूछ रहे हैं:

क्या मानसिक रूप से बीमार लोगों को उड़ान में जगह नहीं मिलनी चाहिए?

क्या क्रू को ऐसे मामलों में बेहतर ट्रेनिंग की ज़रूरत है?

अगर पैनिक अटैक को कोई अपराध समझे तो मानसिक स्वास्थ्य का क्या होगा?

विशेषज्ञों की राय

मनोचिकित्सकों और मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि यह घटना मानसिक स्वास्थ्य के प्रति समाज के नजरिए को दर्शाती है। डॉक्टरों का कहना है कि पैनिक अटैक से जूझ रहे व्यक्ति को सहानुभूति, शांति और मदद की ज़रूरत होती है। थप्पड़ मारना एक क्रूर और अनैतिक व्यवहार है। यह मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की कमी को उजागर करता है।

मुंबई से कोलकाता जा रही फ्लाइट में हुआ यह हादसा केवल एक यात्री की तकलीफ नहीं, बल्कि पूरे समाज की मानसिक स्वास्थ्य के प्रति संवेदनहीनता को उजागर करता है। एयरलाइंस, सरकार और आम लोगों को चाहिए कि वे मानसिक बीमारियों को लेकर जागरूकता फैलाएं, और इस तरह की घटनाओं की निंदा करें।

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