
स्वास्थ्य सुविधाओं को और अधिक सुदृढ़ बनाने की दिशा में आज एक अहम निर्णय लिया गया। उपायुक्त एवं सह-जिला दण्डाधिकारी श्री नमन प्रियेश लकड़ा की अध्यक्षता में बाबा बैद्यनाथ कल्याण कोष की बैठक आयोजित हुई, जिसमें सदर अस्पताल को विभिन्न अत्याधुनिक उपकरण प्रदान करने की स्वीकृति दी गई।
बैठक की शुरुआत में उपायुक्त श्री लकड़ा ने बताया कि इस कोष की स्थापना का मूल उद्देश्य प्रदेश व जनपद में स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देना है। विशेष रूप से असहाय, गरीब, दिव्यांग एवं अत्यंत ज़रूरतमंद लोगों की भलाई के लिए यह कोष अपना योगदान देगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कोष की राशि का उपयोग पारदर्शिता एवं निष्पक्षता के आधार पर, चयनित आवेदकों को सहायता प्रदान करने में किया जाएगा।
उन्होंने कहा:
“इस कोष में कोई भी दाता अपनी क्षमत और इच्छाानुसारl योगदान कर सकता है, क्योंकि यह निधि केवल निर्धन एवं जरूरतमंदों की सेवा में खर्च होगी।”
बैठक में सदस्यों की सहमति के बाद निम्नलिखित चिकित्सा उपकरणों की स्वीकृति दी गई:
1. व्होल बॉडी कलर डॉपलर अल्ट्रासाउंड मशीन (Whole Body Color Doppler Ultrasound) — जो पूरे शरीर की रक्त वाहिकाओं व ऊतकों की जाँच करने में सक्षम होगी।
2. सर्जिकल ऑपरेटिंग माइक्रोस्कोप (Surgical Operating Microscope) — माइनर एवं न्यूरो सर्जरी, आँख और माइक्रो-सर्जरी हेतु।
3. सी-आर्म (C-arm) विद फ्लैट पैनल डिटेक्टर (C-Arm with Flat Panel Detector) — उच्च गुणवत्ता की इमेजिंग एवं ओरथोपेडिक, न्यूरो, कार्डियक सर्जरी में उपयोगी।
इन उपकरणों की स्वीकृति मिलने पर सदर अस्पताल की डायग्नोस्टिक एवं सर्जिकल क्षमताएँ काफी आगे बढ़ेंगी। इनका समय पर उपयोग रोगियों बेहतर, सुरक्षित व त्वरित चिकित्सा सेवा प्रदान कर सकेगा।
बैठक में उपस्थित अधिकारी एवं भूमिका
बैठक में उपविकास आयुक्त श्री पीयूष सिन्हा, बाबा मंदिर प्रभारी एवं अनुमंडल पदाधिकारी श्री रवि कुमार, मंदिर समिति के सदस्य एवं अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। सभी ने इस पहल की सराहना की और आगे की चुनौतियों पर सक्रिय योगदान की प्रतिज्ञा ली।
उपायुक्त श्री लकड़ा ने विशेष रूप से निर्देश दिए कि कोष के अंतर्गत प्राप्त आवेदनों की समीक्षा की प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता और निष्पक्षता बरती जाए। किसी तरह की अनियमितता या पक्षपात न हो, यह सुनिश्चित करना सभी अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी।
समाजिक महत्व एवं अपेक्षा
इस निर्णय से न के अस्पताल की स्वास्थ्य सेवा बेहतर होगी, बल्कि सामान्य नागरिकों को भी आधुनिक चिकित्सा सुविधाएँ नजदीक उपलब्ध होंगी। विशेषकर उन परिवारों को, जो कठिन आर्थिक परिस्थितियों के कारण इलाज नहीं करवा पाते थे, यह स्वीकृति एक बड़ा अवसर है।
उपायुक्त ने बैठक के अंत में सभी दाताओं, अग्रणी नागरिकों एवं समाजसेवियों को धन्यवाद दिया, जिनकी सहभागिता से यह कोष संचालित हो पा रहा है। उन्होंने आग्रह किया कि आगे भी सभी साथी इस पुण्य कार्य में सहयोग करें, जिससे दीर्घकालीन सुधार संभव हो सके।
इस प्रकार, आज की बैठक ने एक दूरदर्शी दिशा तय की है — स्वास्थ्य सेवा में आधुनिक उपकरणों का समावेश। अब अगली चुनौती है — फंड उपलब्ध कराना, उपकरणों की शीघ्र स्थापना और उच्च गुणवत्ता चिकित्सा सेवा सुनिश्चित करना। यदि समिति, अस्पताल प्रशासन और स्थानीय जनता मिलकर सहयोग करें, तो यह पहल सफल एवं प्रेरणादायक उदाहरण बन सकती है।