
झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले के काठजोड़ गांव में डायरिया का प्रकोप फैलने से हड़कंप मच गया है। गांव में डायरिया के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि कई अन्य लोग बीमार बताए जा रहे हैं। इस घटना के बाद पूरे गांव में दहशत का माहौल है। ग्रामीण प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से त्वरित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
डायरिया प्रकोप से मचा हड़कंप
काठजोड़ गांव में पिछले दो दिनों से डायरिया के कई मामले सामने आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि गांव में दूषित पानी पीने के कारण यह बीमारी फैली है। मृतक की पहचान 45 वर्षीय पुरुष के रूप में हुई है, जिसने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। अन्य मरीजों का स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है।
स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर
घटना की जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में पहुंची और प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। टीम ने पानी के स्रोतों की जांच शुरू कर दी है और गांव में दवाओं का छिड़काव भी किया जा रहा है। प्राथमिक स्वास्थ्य उपाय के तहत ORS, जिंक टैबलेट और दवाएं बांटी जा रही हैं।
ग्रामीणों में डर और नाराजगी
गांव के लोग इस प्रकोप से बेहद डरे हुए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से पानी की गुणवत्ता बेहद खराब हो गई थी। हैंडपंप और कुओं का पानी बदबूदार हो गया था, लेकिन इसकी सुध लेने कोई अधिकारी नहीं आया। मृतक के परिजनों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
प्रशासन ने दिया आश्वासन
सरायकेला जिला प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लिया है। अधिकारियों ने कहा है कि पीने के पानी की आपूर्ति को स्वच्छ और सुरक्षित बनाने के लिए तत्काल कदम उठाए जा रहे हैं। गांव में मेडिकल कैंप लगाया जाएगा और स्वास्थ्य विभाग लगातार निगरानी करेगा।
डायरिया के कारण और रोकथाम
विशेषज्ञों के अनुसार डायरिया मुख्य रूप से दूषित पानी और अस्वच्छ खानपान के कारण फैलता है। मानसून के मौसम में जलजनित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। रोकथाम के लिए स्वच्छ पानी पीना, खाने से पहले हाथ धोना और उबला हुआ पानी इस्तेमाल करना बेहद जरूरी है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह
हमेशा उबला या फ़िल्टर किया हुआ पानी पिएं।
खुले में रखे खाद्य पदार्थ न खाएं।
बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।
डायरिया के शुरुआती लक्षण दिखते ही डॉक्टर से संपर्क करें।