
सावन 2025: व्रत शुरू करने से पहले कर ले ये जरूरी तैयारियां, इन चीज़ों को घर से बाहर करना माना गया है शुभ।
रांची।श्रावण मास या सावन का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व होता है। यह भगवान शिव की उपासना का सबसे पवित्र समय माना जाता है। वर्ष 2025 में सावन की शुरुआत 11 जुलाई से हो रही है, जो 09 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान लाखों श्रद्धालु व्रत रखते हैं, जलाभिषेक करते हैं और शिव भक्ति में लीन रहते हैं। लेकिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन में केवल पूजा करना ही पर्याप्त नहीं होता—कुछ वस्तुएं ऐसी होती हैं जिन्हें घर में रखना वर्जित माना गया है। इन्हें समय रहते हटा देना आवश्यक होता है, वरना व्रत और पूजा का फल अधूरा रह सकता है।
सावन शुरू होने से पहले किन चीजों को घर से बाहर करना चाहिए?
हिंदू शास्त्रों और पुराणों के अनुसार, नीचे दी गई वस्तुएं सावन से पहले घर में नहीं होनी चाहिए:
1. टूटे-फूटे बर्तन और मूर्तियां:
कहा जाता है कि किसी भी देवी-देवता की टूटी हुई मूर्ति घर में रखने से अशुभता आती है। साथ ही, पुराने और टूटे-फूटे बर्तन नकारात्मक ऊर्जा फैलाते हैं। इन्हें सावन से पहले ही घर से बाहर कर देना चाहिए।
2. जूते-चप्पल का गलत स्थान:
पूजा स्थान या रसोई के पास जूते-चप्पल रखना अशुभ होता है। यदि घर में ऐसे स्थानों पर चप्पलें फैली रहती हैं, तो सावन में शिव पूजन का फल नहीं मिलता।
3. पुराने और बंद घड़ी या कैलेंडर:
घर में बंद पड़ी घड़ियां या पुराने कैलेंडर समय की रुकावट और नकारात्मकता को दर्शाते हैं। इन्हें घर से बाहर करना चाहिए ताकि सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहे।
4. बेकार इलेक्ट्रॉनिक सामान:
पुराने और खराब पड़े मोबाइल, टीवी, रेडियो या किसी भी तरह के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण घर की ऊर्जा को बाधित करते हैं। सावन में इन वस्तुओं को घर से बाहर निकालना शुभ माना गया है।
5. कांटे, कील और लोहे की जंग लगी चीज़ें:
ये वस्तुएं भी घर में तनाव और बाधाएं उत्पन्न करती हैं। सावन से पहले इनका निपटारा करना विशेष फलदायक होता है।
6. घर में गंदगी और कबाड़:
धार्मिक दृष्टिकोण से साफ-सफाई विशेष रूप से सावन के महीने में अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव को स्वच्छता प्रिय है। इसलिए घर को साफ-सुथरा रखना अनिवार्य है।
व्रत और पूजन से पहले क्यों जरूरी है यह शुद्धिकरण?
श्रावण मास को अध्यात्म और तपस्या का समय माना जाता है। इस महीने में भगवान शिव को जल, बेलपत्र, धतूरा और भस्म चढ़ाकर उनकी कृपा पाई जाती है। लेकिन यदि आपके घर में नकारात्मक वस्तुएं या ऊर्जा मौजूद है, तो पूजा और व्रत का पूर्ण फल नहीं मिलता। इसलिए व्रत की शुरुआत से पहले घर का सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रूप से शुद्धिकरण आवश्यक है।
यह भी ध्यान रखें:
सावन में मांसाहार, शराब और प्याज-लहसुन जैसी चीजों का सेवन न करें।
प्रतिदिन स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें और शिवलिंग पर जल अर्पित करें।
अगर संभव हो तो सोमवार का व्रत अवश्य रखें।
‘ॐ नम: शिवाय’ मंत्र का जाप करें और शिव पुराण का पाठ करें।
सावन केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि और सकारात्मकता को अपनाने का अवसर भी है। यदि आप भगवान शिव की कृपा चाहते हैं और व्रत का पूर्ण फल पाना चाहते हैं, तो पूजा के साथ-साथ घर की वस्तुओं और वातावरण की पवित्रता का भी विशेष ध्यान रखें। छोटी-छोटी बातों का पालन करने से साधना सफल होती है और मन को शांति मिलती है।
डिस्क्लेमर: यह लेख धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं पर आधारित है। इसका उद्देश्य आस्था को बढ़ावा देना है, किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं। पालन करना या न करना पूर्णतः आपकी व्यक्तिगत श्रद्धा पर निर्भर है।