
धीरेंद्र शास्त्री पर महिलाओं की तस्करी का आरोप: लखनऊ में प्रोफेसर ने लगाए गंभीर आरोप, कहा- ‘उन्हें फांसी होनी चाहिए’
लखनऊ में सामने आया बड़ा आरोप, धार्मिक जगत में हलचल
लखनऊ में आयोजित एक सेमिनार के दौरान एक प्रोफेसर द्वारा कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री पर महिलाओं की तस्करी का सनसनीखेज आरोप लगाया गया। प्रोफेसर ने न सिर्फ शास्त्री पर सवाल उठाए, बल्कि सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी निशाने पर लिया।
क्या कहा प्रोफेसर ने?
विवादित बयान में प्रोफेसर ने कहा –
> “धीरेंद्र शास्त्री कथावाचक नहीं, बल्कि संगठित अपराध के सरगना हैं। वे महिलाओं की तस्करी में शामिल हैं और इस अपराध के लिए उन्हें फांसी दी जानी चाहिए।”
उन्होंने आरोप लगाया कि बागेश्वर धाम के नाम पर बड़े पैमाने पर अंधविश्वास फैलाया जा रहा है और इससे महिलाओं के अधिकारों का हनन हो रहा है।
सरकार और पीएम मोदी पर भी टिप्पणी
प्रोफेसर ने प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र सरकार पर भी सवाल उठाए। उनका कहना था कि
> “देश में ऐसे कथावाचकों को राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है। अगर सरकारें इन्हें समर्थन देना बंद कर दें, तो महिलाओं के खिलाफ ऐसे अपराध रुक सकते हैं।”
उन्होंने दावा किया कि सरकारें इस तरह के ढोंगी बाबाओं को बढ़ावा देकर सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचा रही हैं।
बागेश्वर धाम और धीरेंद्र शास्त्री पर पहले भी लग चुके हैं आरोप
धीरेंद्र शास्त्री का नाम पहले भी कई बार विवादों में आया है। उन पर अंधविश्वास फैलाने, झूठे चमत्कारों का प्रचार करने और धर्म के नाम पर लोगों को गुमराह करने के आरोप लगते रहे हैं।
बागेश्वर धाम की कथा और चमत्कारों को लेकर सोशल मीडिया पर भी दो धड़े बन चुके हैं – एक जहां लोग उन्हें भगवान का अवतार मानते हैं, वहीं दूसरी ओर आलोचक उन्हें “धार्मिक ठग” बताते हैं।
लजनता की प्रतिक्रिया
इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई है। जहां कुछ लोग प्रोफेसर के साहस की सराहना कर रहे हैं, वहीं कई लोग इसे हिंदू धर्म और संत परंपरा का अपमान बता रहे हैं।
ट्विटर यूजर संजय मिश्रा लिखते हैं:
> “अगर सच में ऐसा कुछ है, तो जांच होनी चाहिए, लेकिन बिना सबूत किसी को फांसी की मांग करना गलत है।”
वहीं एक यूजर अंजुम फातिमा ने लिखा:
> “बहुत जरूरी था कोई बुद्धिजीवी इस मुद्दे पर बोले, महिलाएं किसी धार्मिक व्यक्ति की शिकार न बनें।”
क्या पुलिस करेगी जांच?
फिलहाल इस बयान के बाद कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं हुई है, लेकिन चूंकि मामला गंभीर है और इसमें महिलाओं की तस्करी जैसे अपराध का आरोप है, इसलिए जल्द ही पुलिस या एनसीडब्ल्यू (National Commission for Women) का रुख स्पष्ट हो सकता है।
क्या कहता है कानून?
भारतीय दंड संहिता की धारा 370 के तहत मानव तस्करी एक गंभीर अपराध है, जिसमें दोष सिद्ध होने पर 7 से 10 साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है। अगर इसमें नाबालिग शामिल हो तो सजा आजीवन कारावास तक भी हो सकती है।
जांच जरूरी है, बयानबाजी से पहले तथ्यों की पुष्टि हो
धीरेंद्र शास्त्री जैसे प्रभावशाली धार्मिक नेताओं पर आरोप लगना कोई सामान्य बात नहीं है। इस मामले में निष्पक्ष और गहन जांच जरूरी है। अगर आरोप सही हैं, तो कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। अगर नहीं, तो इस तरह की बयानबाजी से सामाजिक सौहार्द्र पर असर पड़ सकता है।