
शर्मनाक वारदात: मां ने मुस्लिम प्रेमी संग मिलकर अपने ही 10 वर्षीय बेटे की हत्या की
रामनगर, वाराणसी से दिल दहला देने वाली घटना।
वाराणसी के रामनगर थाना क्षेत्र में हुई एक सनसनीखेज घटना ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया है। यहां एक मां ने अपने ही मासूम बेटे की हत्या अपने मुस्लिम प्रेमी के साथ मिलकर कर दी। दस साल के मासूम की इस नृशंस हत्या ने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है। पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
घटना का खुलासा
रामनगर थाना प्रभारी के अनुसार, मृतक बच्चा पिछले दो दिनों से लापता था। परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद पुलिस ने तलाश शुरू की। सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल लोकेशन और स्थानीय लोगों से पूछताछ के आधार पर पुलिस को शक हुआ कि इस घटना में परिवार के ही किसी सदस्य का हाथ हो सकता है।
तफ्तीश में सामने आया कि बच्चे की मां का एक मुस्लिम युवक से प्रेम संबंध था, जिसे बच्चा नापसंद करता था और बार-बार अपनी मां को इन संबंधों को खत्म करने के लिए कहता था। इससे नाराज होकर मां ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर बेटे को रास्ते से हटाने की साजिश रच डाली।
हत्या की साजिश और वारदात
पुलिस की जांच में सामने आया कि घटना वाले दिन आरोपी मां और उसके प्रेमी ने बच्चे को बहाने से घर से बाहर बुलाया। सुनसान जगह ले जाकर पहले उसे दबोचा गया और फिर गला घोंटकर हत्या कर दी गई। इसके बाद शव को छिपाने के लिए पास के ही सुनसान इलाके में फेंक दिया गया।
मासूम की बेरहमी से हत्या करने के बाद दोनों ने ऐसे व्यवहार किया जैसे उन्हें उसके लापता होने की कोई जानकारी नहीं है। लेकिन पुलिस की पैनी पूछताछ के बाद दोनों टूट गए और जुर्म कबूल कर लिया।
पुलिस की कार्रवाई
रामनगर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को हिरासत में लिया और हत्या में इस्तेमाल कपड़े व अन्य साक्ष्य बरामद कर लिए। आरोपियों पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और साजिश रचने के आरोप में मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने बताया कि आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेजा जाएगा।
थाना प्रभारी ने कहा, “यह मामला न सिर्फ पारिवारिक विश्वासघात है, बल्कि इंसानियत के खिलाफ भी है। जिस बच्चे को मां की गोद में सबसे सुरक्षित होना चाहिए था, वहीं उसकी जान लेने की साजिश रची गई।”
इलाके में आक्रोश
घटना के बाद पूरे इलाके में आक्रोश का माहौल है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह वारदात समाज के लिए एक काला धब्बा है। मोहल्ले के कई लोग इस बात से हैरान हैं कि एक मां ऐसा कदम कैसे उठा सकती है। लोगों ने मांग की है कि आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए ताकि भविष्य में कोई इस तरह का अपराध करने की हिम्मत न कर सके।
सामाजिक और मनोवैज्ञानिक पहलू
मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसे मामलों में अक्सर परिवार में टूटन, नैतिक मूल्यों की कमी और गलत संबंधों का असर बच्चों पर गहरा पड़ता है। बच्चे का विरोध करना स्वाभाविक था, लेकिन आरोपी महिला ने इसे अपनी स्वतंत्रता पर हमला मानकर चरम कदम उठाया।
सामाजिक कार्यकर्ताओं का मानना है कि ऐसे मामलों में समाज को सतर्क रहने और समय रहते हस्तक्षेप करने की जरूरत है। अगर आस-पड़ोस में किसी बच्चे के साथ अनुचित व्यवहार हो रहा हो तो तुरंत पुलिस या बाल संरक्षण इकाई को सूचना देनी चाहिए।
प्रशासन की चेतावनी
वाराणसी पुलिस प्रशासन ने इस घटना के बाद नागरिकों को सतर्क रहने की अपील की है। पुलिस ने कहा है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना स्थानीय थाने या डायल 112 पर दें। साथ ही, पारिवारिक विवाद या अवैध संबंधों से जुड़े मामलों में कानून के दायरे में रहकर समाधान निकालने की बात कही गई है।
वाराणसी की यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी है कि नैतिक गिरावट और व्यक्तिगत लालसाएं किस तरह एक मां को भी अपने बच्चे का दुश्मन बना सकती हैं। अब यह मामला अदालत में चलेगा और उम्मीद है कि न्याय व्यवस्था मासूम की आत्मा को न्याय दिलाएगी।