नई दिल्ली।देश के मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर देशभर में SIR (Special Intensive Revision) की औपचारिक घोषणा की। उन्होंने बताया कि 12 राज्यों में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) का दूसरा चरण आज से शुरू किया जा रहा है। इस प्रक्रिया के माध्यम से निर्वाचन आयोग का लक्ष्य है कि हर पात्र नागरिक का नाम मतदाता सूची में दर्ज हो और कोई भी योग्य मतदाता छूट न जाए। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि आयोग लगातार यह सुनिश्चित करने में जुटा है कि मतदाता सूची सटीक, पारदर्शी और अद्यतन बनी रहे। यह पहल लोकतंत्र की नींव को और मजबूत करेगी तथा आगामी चुनावों को अधिक सुचारू और विश्वसनीय बनाएगी।
क्या है SIR (Special Intensive Revision)?
SIR यानी विशेष गहन पुनरीक्षण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें निर्वाचन आयोग मतदाता सूची का विस्तृत और व्यवस्थित पुनरीक्षण करता है। इसमें नए पात्र मतदाताओं को जोड़ा जाता है, मृत या स्थानांतरित मतदाताओं के नाम हटाए जाते हैं, और गलतियों को सुधारा जाता है।
इस बार आयोग ने विशेष रूप से डिजिटल सत्यापन प्रणाली को मजबूत किया है ताकि मतदाता सूची को तकनीकी रूप से अधिक सटीक बनाया जा सके। नागरिक अपने EPIC नंबर या आधार कार्ड के माध्यम से भी अपनी जानकारी सत्यापित कर सकते हैं।
किन 12 राज्यों में शुरू हुआ दूसरा चरण?
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि दूसरा चरण 12 राज्यों में एकसाथ शुरू किया गया है। इनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं –
उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, झारखंड, तमिलनाडु, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, असम और हरियाणा।
इन राज्यों में जिला निर्वाचन अधिकारियों और ब्लॉक स्तर के कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है ताकि प्रक्रिया में किसी प्रकार की त्रुटि न हो।
पुनरीक्षण की समयसीमा और प्रक्रिया
निर्वाचन आयोग के अनुसार,
27 अक्टूबर से 30 नवंबर तक पात्र नागरिक अपने नाम दर्ज या सुधार सकते हैं।
मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन दिसंबर के अंत तक किया जाएगा।
इस दौरान विशेष “मतदाता पंजीकरण शिविर” प्रत्येक जिले में आयोजित किए जाएंगे।
नागरिक www.nvsp.in या Voter Helpline App के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं।
क्या कहा मुख्य चुनाव आयुक्त ने?
प्रेस कॉन्फ्रेंस में ज्ञानेश कुमार ने कहा—
“लोकतंत्र की ताकत उसके मतदाताओं में है। हम चाहते हैं कि कोई भी योग्य नागरिक मतदान के अधिकार से वंचित न रहे। यही कारण है कि आयोग ने SIR की प्रक्रिया को और अधिक सरल, पारदर्शी और तकनीकी रूप से उन्नत बनाया है।”
उन्होंने आगे कहा कि इस बार विशेष रूप से पहली बार मतदान करने वाले युवाओं, महिला मतदाताओं, और प्रवासी मजदूरों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
डिजिटल सत्यापन और पारदर्शिता
इस बार SIR के दौरान डिजिटल सत्यापन पर विशेष जोर दिया गया है। आयोग ने राज्य स्तर पर Booth Level Officers (BLOs) को टैबलेट और मोबाइल ऐप से लैस किया है ताकि वे रियल-टाइम डेटा अपडेट कर सकें।
इससे न केवल प्रक्रिया तेज होगी, बल्कि फर्जी नामों और दोहराव की समस्या पर भी अंकुश लगेगा।
नागरिकों के लिए क्या जरूरी?
यदि आप भारतीय नागरिक हैं और आपकी आयु 1 जनवरी 2025 तक 18 वर्ष या उससे अधिक है, तो आप मतदाता बनने के पात्र हैं।
आप निम्न दस्तावेज़ों के साथ आवेदन कर सकते हैं:
पहचान पत्र (आधार कार्ड/पैन कार्ड/पासपोर्ट)
पते का प्रमाण (बिजली बिल/राशन कार्ड/किराया रसीद)
हाल की पासपोर्ट साइज फोटो
लोकतंत्र को सशक्त बनाने की दिशा में कदम
विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान का उद्देश्य सिर्फ आंकड़े दुरुस्त करना नहीं, बल्कि देश के लोकतंत्र को अधिक मजबूत बनाना है।
मतदाता सूची की शुद्धता चुनावी पारदर्शिता का पहला कदम मानी जाती है। जब मतदाता सूची सटीक होती है, तभी निष्पक्ष चुनाव संभव हो पाते हैं।
निर्वाचन आयोग की तैयारियां
निर्वाचन आयोग ने इस बार तकनीकी नवाचारों के साथ कई नई मॉनिटरिंग टीम्स गठित की हैं। इनका काम राज्यों से आने वाली रिपोर्टों की जांच करना और किसी भी शिकायत का त्वरित समाधान सुनिश्चित करना है।
इसके अलावा आयोग ने सभी राज्यों को निर्देश दिए हैं कि वे “सभी के लिए वोट” (Vote for All) अभियान को ज़मीनी स्तर तक पहुँचाएं ताकि कोई भी नागरिक मतदान से वंचित न रहे।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की इस घोषणा से स्पष्ट है कि भारत निर्वाचन आयोग लोकतंत्र को और सशक्त बनाने के मिशन पर है।
SIR के दूसरे चरण से देशभर में मतदाता सूची और भी पारदर्शी और सटीक होगी। आने वाले चुनावों के लिए यह तैयारी देश के हर मतदाता को अपनी भूमिका निभाने का अवसर देगी।
