
आज के डिजिटल युग में सोशल मीडिया लोगों के जीवन का एक अहम हिस्सा बन चुका है। फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर (अब X), यूट्यूब और टिकटॉक जैसे प्लेटफॉर्म न सिर्फ मनोरंजन के साधन हैं, बल्कि सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक गतिविधियों के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण माने जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया के कई ऐसे देश भी हैं, जहां सोशल मीडिया पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया है? नेपाल में हाल ही में सोशल मीडिया पर कड़े प्रतिबंधों को लेकर चर्चा तेज हुई थी, लेकिन यह समस्या सिर्फ नेपाल तक सीमित नहीं है।
क्यों लगाया जाता है सोशल मीडिया पर बैन?
सोशल मीडिया को बैन करने के पीछे मुख्य कारण हैं:
1. राजनीतिक अस्थिरता: सरकार विरोधी विचारों के प्रसार को रोकने के लिए।
2. धर्म या संस्कृति की रक्षा: कुछ देशों में धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचने के डर से सोशल मीडिया पर नियंत्रण रहता है।
3. फर्जी खबरों और अफवाहों पर रोक: फेक न्यूज और भ्रामक सूचनाओं से बचने के लिए।
4. सत्ता की पकड़ मजबूत करने के लिए: अधिनायकवादी शासन वाले देशों में असहमति की आवाज दबाने हेतु।
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नेपाल में शल मीडिया का क्या हाल?
नेपाल सरकार ने 2025 में कई प्लेटफॉर्म पर अस्थायी प्रतिबंध लगाए। सरकार का कहना है कि यह कदम फर्जी खबरों, अफवाहों और साम्प्रदायिक हिंसा को रोकने के लिए उठाया गया। फेसबुक और टिकटॉक जैसे प्लेटफॉर्म पर निगरानी बढ़ाई गई है, और बिना अनुमति कंटेंट पोस्ट करने पर सजा का प्रावधान भी किया गया।
वे देश जहां सोशल मीडिया पूरी तरह बैन है
1. उत्तर कोरिया
यहां इंटरनेट का इस्तेमाल ही बेहद सीमित है।
आम नागरिकों को फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर तक पहुंच नहीं।
सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने पर कठोर सजा, यहां तक कि मौत की सजा भी संभव।
2. चीन
चीन में फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, यूट्यूब सभी बैन।
सरकार ने अपना अलग प्लेटफॉर्म जैसे WeChat, Weibo विकसित किया।
यहां विदेशी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट करने वाले को जेल तक हो सकती है।
3. ईरान
यहां कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर पाबंदी है।
सरकार के खिलाफ पोस्ट करने पर कड़ी सजा, फांसी तक की सजा का प्रावधान।
4. सऊदी अरब
इस्लामिक कानूनों के खिलाफ कंटेंट डालने पर मृत्युदंड तक हो सकता है।
कई बार लोगों को ऑनलाइन पोस्ट के लिए सार्वजनिक रूप से दंडित किया गया।
5. तुर्कमेनिस्तान
इंटरनेट सख्त सरकारी नियंत्रण में।
सोशल मीडिया का उपयोग करने पर भारी जुर्माना और जेल की सजा।
6. अफगानिस्तान (तालिबान शासन)
तालिबान के कब्जे के बाद कई प्लेटफॉर्म बंद।
महिलाओं या शासन विरोधी पोस्ट पर जान का खतरा तक।
क्या सच में एक पोस्ट पर मौत की सजा?
उत्तर कोरिया, ईरान और सऊदी अरब जैसे देशों में सोशल मीडिया पर सरकार या धर्म के खिलाफ पोस्ट करना देशद्रोह या ईशनिंदा की श्रेणी में आता है। यहां कई लोगों को फांसी या उम्रकैद की सजा दी जा चुकी है।

दुनिया में इंटरनेट सेंसरशिप का बढ़ता खतरा

दुनिया में इंटरनेट सेंसरशिप का बढ़ता खतरा
इंटरनेट को कभी स्वतंत्रता का प्रतीक माना जाता था, लेकिन अब कई देशों में यह सरकारों के नियंत्रण का साधन बनता जा रहा है। 2025 में इंटरनेट सेंसरशिप के मामलों में भारी वृद्धि हुई है।
सोशल मीडिया प्रतिबंध के दुष्प्रभाव
1. अभिव्यक्ति की आज़ादी पर चोट
2. व्यापार और ई-कॉमर्स को नुकसान
3. शिक्षा और सूचना के आदान-प्रदान पर असर
4. अंतरराष्ट्रीय छवि पर बुरा प्रभाव
क्या भारत में भी हो सकता है ऐसा?
भारत में सोशल मीडिया पर पूरी तरह प्रतिबंध की संभावना नहीं है, लेकिन सरकार समय-समय पर प्लेटफॉर्म्स को कड़े निर्देश देती रहती है। IT Act और नए सोशल मीडिया कानून के तहत भ्रामक और आपत्तिजनक कंटेंट हटाया जाता है।
नेपाल समेत कई देशों में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध से यह सवाल उठता है कि क्या सरकारें डिजिटल युग में भी नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दे पाएंगी? सोशल मीडिया पर नियंत्रण जरूरी है, लेकिन पूरी तरह बैन करना आधुनिक लोकतंत्र के लिए एक चुनौती है।