श्रीनगर, 15 नवंबर 2025 — जम्मू और कश्मीर के श्रीनगर में शुक्रवार की रात Nowgam पुलिस स्टेशन परिसर में एक भयंकर धमाका हुआ, जिसमें कई पुलिस और फोरेंसिक टीम के सदस्यों की जान गई है और दर्जनों घायल हैं। विस्फोट के बाद वहां आग लग गई और आसपास के इलाकों में अफरातफरी का माहौल बन गया।

स्थानीय पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह विस्फोट उस समय हुआ जब पुलिस और फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) की टीम जवान्त अमोनियम नाइट्रेट (Ammonium Nitrate) की जांच कर रही थी, जिसे पहले एक आतंक मॉड्यूल के संबंध में जब्त किया गया था।
पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि विस्फोट इतना तेज था कि पुलिस स्टेशन की इमारत बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। आसपास की इमारतों की खिड़कियों के शीशे टूट गए और कई गाड़ियाँ जल गईं।
मृतकों और जख्मी लोगों की जानकारी
अभी तक की रिपोर्ट्स में यह बताया गया है कि कम से कम 7 लोग मारे गए और 27 लोग घायल हुए हैं। मृतकों में पुलिसकर्मी और फोरेंसिक टीम के अधिकारी शामिल हैं। घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पतालों — 92 बेस अस्पताल और शेर-ए-कश्मीर इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (SKIMS) — में भर्ती कराया गया है।
कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि विस्फोट में घायल कुछ अधिकारी गंभीर हालत में हैं।
विस्फोट का कारण और संदर्भ
पुलिस और जांच एजेंसियों की प्राथमिक जांच में यह इंगित किया गया है कि यह विस्फोट जवान्त अमोनियम नाइट्रेट की वजह से हुआ है, जिसे पहले एक “white-collar terror module” के संदर्भ में जब्त किया गया था।
यह मॉड्यूल कथित रूप से जैश-ए-मोहम्मद (JeM) से जुड़ा था। पुलिस ने इससे पहले इस मॉड्यूल के कुछ सक्रिय सदस्यों को गिरफ्तार किया था, जिनमें डॉक्टर भी शामिल हैं।
पुलिस स्टेशन में जब्त सामग्री की जांच के दौरान ही यह विस्फोट हुआ। विस्फोट की तीव्रता से यह साफ है कि अमोनियम नाइट्रेट की मात्रा पर्याप्त बड़ी थी, और यह अनियंत्रित हो गया।
सुरक्षा बढ़ाने की प्रतिक्रियाएँ
धमाके के बाद, श्रीनगर और जम्मू-कश्मीर के अन्य हिस्सों में सुरक्षा सतर्कता बढ़ा दी गई है। अधिकारियों ने आसपास के इलाकों को सील कर दिया है और आग बुझाने के साथ-साथ बचाव कार्य तुरंत शुरू किया गया है। फायर ब्रिगेड और एम्बुलेंस मौके पर पहुंच गई, और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी घटना स्थल का दौरा कर रहे हैं।
यह धमाका दिल्ली में हाल ही में हुए कार बम विस्फोट के कुछ दिन बाद आया है, जो आतंकवादी घटना के रूप में माना जा रहा है। इस संयोजन ने सुरक्षा एजेंसियों में चिंताएं बढ़ा दी हैं कि यह एक बड़े पैमाने की योजना का हिस्सा हो सकता है।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएँ
जम्मू-कश्मीर पुलिस और केंद्र सरकार द्वारा इस घटना की तीव्र निंदा की गई है। स्थानीय नेताओं और नागरिकों ने मांग की है कि पूरी घटनाक्रम की पारदर्शी जांच हो और जो भी दोषी हो, उसे कड़ी सज़ा मिले। साथ ही, लोगों में भय का माहौल है — विशेष रूप से सुरक्षा बलों और नागरिकों के बीच — क्योंकि यह एक आतंकी मॉड्यूल के संदर्भ में हुआ प्रतीत होता है।
विश्लेषकों का कहना है कि इस धमाके से न केवल श्रीनगर में तनाव बढ़ेगा, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी गंभीर चुनौती बन सकता है। इससे आतंकवाद के नए नेटवर्क और संगठन की संभावनाओं पर भी सवाल खड़े हो सकते हैं।
आगे की जांच
पुलिस ने घटना स्थल को सील कर दिया है और फॉरेंसिक टीम पूरी गहराई से विस्फोट की जांच कर रही है। प्रारंभिक सूत्रों के मुताबिक, जांच में यह देखा जा रहा है कि क्या यह विस्फोट अनजाने में हुआ था (जांच के दौरान गलती), या जानबूझकर साजिश का हिस्सा था।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने यह भी कहा है कि उन्होंने पिछले कुछ हफ्तों में उन मॉड्यूल्स के खिलाफ कई ऑपरेशन किए थे, और इस विस्फोट से यह संकेत मिलता है कि और भी खतरनाक योजनाएँ बनने की राह में थीं।
सरकारी प्रवक्ता ने बयान दिया है कि उन्हें पूरी घटना की गंभीरता का एहसास है और दोषियों को बेनकाब करने के लिए केंद्र और राज्य मिलकर काम कर रहे हैं।
